गुरदासपुर,15 सितंबर। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने पठानकोट-अमृतसर नेशनल हाइवे बरियार बाइपास जाम करके केंद्र सरकार के खिलाफ डेढ़ घंटा धरना दिया। किसानों ने कहा कि खेती से संबंधित आर्डिनेंस व बिजली संशोधन बिल रद्द करवाने के की मांग को लेकर उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा।धरने के कारण यातायात में भी विघ्न पड़ गया।
किसान नेता बख्शीश सिंह सुल्तानी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कोरोना की आड़ में आम लोगों के खून पसीने से निर्मित किए गए सरकारी क्षेत्र के विभागों को बड़े कारपोरेट घरानों को सौंपने के लिए लगी हुई है। मोदी सरकार ने लगातार देश के एयरपोर्ट, रेलवे, एलआईसी, बिजली, स्कूल, अस्पतालों को प्राइवेट हाथों में अपने चहेतों को कोडिय़ो के भाव बेच रही है। अबर खेती को भी कारपोरेट घरानों को सौंपने जा रही है। इस लिए मोदी सरकार तीन आर्डिनेंस लेकर आई है। जिससे पंजाब सरकार का रेगुलेटरी सिस्टम को खत्म कर राज्य के ढांचे पर हमला कर दिया है। इससे बिजली आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएगी।
केंद्र की मोदी सरकार किसानों, मजदूरों, दुकानदारों, आढ़तियों, छोटे व्यापारी कारोबारियों को तबाह करने की नीति पर चलकर आम लोगों को मारने पर तुली हुई है। उन्होंने मांग की है कि तीन खेती आर्डिनेंस, बिजली संशोधन बिल 2020 बंद किया जाए, खेती फसलों का भाव डा. स्वामीनाथन कमिशन की रिपोर्ट मुताबिक दी जाए, फसली बीमार सरकार अपने बीमे पर खर्च करें। ताकि किसानों की तबाह हुई फसल की भरपाई हो सके। 60 साल से ऊपर किसानों मजदूरों को दस हजार रुपए महीना पेंशन दिया जाए। मोनटेक सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी की सिफारिशें रद्द की जाए। किसान नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार तुरंत किसानो की मागों को लागू किया जाए, नहीं तो किसान मजबूर होकर सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होगी। इस मौके पर हरविंदर सिंह,गुरजीत सिंह,सुखदेव सिंह,परमिंदर सिंह,हरदीप सिंह, सुखविंदर सिंह, सतनाम सिंह, कश्मीर सिंह, कुलवंत सिंह, करनैल सिंह, दयाल सिंह, प्रीतम सिंह, निशान सिंह, लखविंदर सिंह, सुच्चा सिंह, जसपाल सिंह आदि उपस्थित थे।