भारती विद्यार्थियों के लिए ट्रम्प के साथ अपनी दोस्ती का इस्तेमाल करें मोदी -भगवंत मान
ट्रम्प सरकार द्वारा लाखों विद्यार्थियों पर अमरीका छोडऩे की तलवार लटकाने का मामला
चंडीगड़, 8 जुलाई। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी से अपील की है कि वह अमरीका में पढ़ाई कर रहे लाखों भारतीय विद्यार्थियों के हितों के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के साथ अपनी ‘दोस्ती’ का इस्तेमाल और यकीनी बनाने कि एक भी भारतीय विद्यार्थी को ट्रम्प प्रशासन जोर-जबरदस्ती अमीरका छोडऩे के लिए मजबूर नहीं करेगा।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान के अनुसार ट्रम्प प्रशासन की तरफ से अमरीका के कालेजों-यूनिवर्सिटियों में पढ रहे ढाई लाख से अधिक भारतीय विद्यार्थियों पर इस फैसले के साथ अमरीका छोडऩे की तलवार लटका दी है कि कोरोना के कारण ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को अमरीका में रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
भगवंत मान ने ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले को अमरीका में पढ़ते उन सभी विदेशी विद्यार्थियों के साथ सरासर धक्का करार दिया, जिन्होंने अमरीकी कालेजों-यूनिवर्सिटियों में लाखों रुपए फीसें भरीं हैं। ऐसा फैसला न केवल उनका भविष्य धुंधला करेगा, बल्कि बड़ी आर्थिक चोट भी मारेगा।
‘आप’ सांसद ने अमरीका सरकार के इस जोर-जबरदस्ती वाले फैसले के विरुद्ध प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी को तुरंत दखल अन्दाजी करने की अपील की है। भगवंत मान ने बताया कि उन्होंने प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी और विदेश मंत्री एस. शंकर को पत्र लिख कर भारतीय विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के लिए तुरंत ‘वाइट हाऊस’ के साथ संबंध बनाएं।
भगवंत मान ने प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी को मुखातिब होते कहा, ‘‘आपकी डॉनल्ड ट्रम्प के साथ ‘दोस्ती’ की दुनिया भर में चर्चा रहती है। ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ प्रोगराम के दौरान आप (मोदी) अमरीकी राष्ट्रपति के साथ निजी दोस्ती का इजहार करते हुए ‘अब की बार ट्रम्प सरकार’ तक का नारा लगा दिया था, हालांकि प्रोटोकोल इस हद तक जाने की इजाजत नहीं देता। इसी तरह चुनाव से पहले आप अहमदाबाद में 100 करोड़ रुपए खर्च कर ‘नमस्ते ट्रम्प’ प्रोगराम करवाया था। यदि आपकी (मोदी) और डॉनल्ड ट्रम्प की ‘दोस्ती’ इस कद्र गहरी है तो आपको बतौर भारतीय प्रधान मंत्री अमरीका में पढ़ते लाखों भारतीय विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के लिए अपनी ‘दोस्ती’ का इस्तेमाल करना चाहिए और हर हाल भारतीय विद्यार्थियों को उनकी पढ़ाई या वीजा पूरा होने तक अमरीका में ही रहने की इजाजत दिलानी होगी।’’
भगवंत मान ने कहा कि यह मोदी और ट्रम्प की दोस्ती की परख की घड़ी है। यदि प्रधान मंत्री मोदी अपने ‘दोस्त’ अमरीकी राष्ट्रपति से भारतीय विद्यार्थियों के लिए इतना भी फायदा नहीं ले सकते तो ट्रम्प की रैलियों में जाने और ट्रम्प को यहां बुला कर लोगों के टैकस के साथ इकठ्ठा किए अरबों रुपए पानी की तरह बहाने का कोई फायदा नहीं।
भगवंत मान ने यह भी कहा कि यदि ट्रम्प कोरोना के इलाज के लिए भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन गोलियां धक्के से अमरीका मंगवा सकता है तो हमारे प्रधान मंत्री अपने विद्यार्थियों के लिए अमरीका पर उसी तरह का दबाव क्यों नहीं बना सकते।