बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं अपराधी प्रवृत्ति वाले अनसर -हरपाल सिंह चीमा
कैप्टन सरकार राज्य में माफिया राज को रोकने में बुरी तरह से हुई असफल
पंजाब में बढ़ती वारदातों को अनदेखा कर कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपनी नई बनाई गुफा में फरमा रहे हैं आराम
चण्डीगढ़, 26 जून । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता जाहिर करते कहा है कि बड़े ही दुख की बात है कि अपराधी प्रवृत्ति वाले अनसर बिना किसी डर भय के बेखौफ हो कर दिन दिहाड़े वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, दूसरी तरफ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ऐसी गंभीर घटनाओं को अनदेखा कर अपनी नई बनाई गुफा में आराम फरमा रहे हैं। जिस से स्पष्ट है कि पंजाब के मुख्य मंत्री को पंजाब की जनता का बिल्कुल भी फिक्र नहीं है।
‘आप’ मुख्य दफ्तर से जारी बयान के द्वारा नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पट्टी के कैरों गांव में परिवार के चार सदस्यों समेत पांच का कत्ल, अबोहर में एक सीआईडी अफसर की गोलियां मार कर हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है, इसका जिम्मेदार कोई ओर नहीं बल्कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह खुद हैं, जो प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रदेश में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। अनावश्यक राजनैतिक दखल और अति दर्जे के भ्रष्टाचार के कारण समूचा प्रशासन और पुलिस तंत्र बेकार हो चुका है। चीमा ने कहा हैरानीजनक तो यह है जहां अपराधी बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, वहीं कानून को मानने वाला आम नागरिक डर और भय के माहौल में जीवन व्यतीत कर रहे है। शरेआम लूट-पाट की जा रही हैं, कारें छीनीं जा रही हैं, बैंक लूटे जा रहे हैं, डकैतियां हो रही हैं, फिरौतियां मांगीं जा रही हैं और दिन-दिहाड़े हत्याएं की जा रही हैं। ऐसे लगता है जैसे प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को घेरते हुए चीमा ने कहा कि पिछली बादल सरकार की तरह कांग्रेस सरकार भी अपराधियों को सरप्रस्ती दे रही है। सैंकड़े भगौड़े करार अपराधी पुलिस की आंखों सामने राजनैतिक संरक्षण का आनंद ले रहे हैं। अपराधी प्रवृत्ति वाले समाज विरोधी अनसरों को कानून की कोई प्रवाह नहीं है, वह दिन दिहाड़े किसी भी वारदात को अंजाम देने में हिचकिचाहट नहीं दिखाते।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब तक हर तरह के माफिया जिन में ड्रग्गज माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया, केबल माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया जैसे राजसी संरक्षण का आनंद लेने वालों को काबू नहीं किया जाता, तब तक कानून व्यवस्था की मशीनरी माफिया के मालिकों के दबाव में रहेंगी।