‘आप’ विधायकों व नेताओं ने व्यापार विंग के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नरों को सौंपे मांग पत्र
चंडीगढ़, 18 जून 2020 । पंजाब की जनता के हक में खड़े होते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने लॉकडाउन दौरान जनता पर थोपे गए मोटे बिजली बिलों के विरुद्ध प्रदेश के 11 जिले (फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, लुधियाना, मानसा, बठिंडा, तरनतारन, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, बरनाला, फरीदकोट और मोगा) में रोष प्रदर्शन किया और डिप्टी कमिश्नरों को बिजली बिलों में छूट देने के लिए मांग पत्र सौंपे।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा बिजली मोर्चे के इंचार्ज और विधायक मीत हेयर और व्यापार विंग की राज्य प्रधान नीना मित्तल ने बताया कि आज जहां कोरोना महामारी के कारण भारी मंदी छाई हुई है। जिसके मद्देनजर दुनिया भर की सरकारें अपने नागरिकों, व्यापारियों, कारोबारियों और इंडस्ट्रियों को विभिन्न रियायतों के जरिए उनकी मदद कर कारोबार बचाने के लिए यत्नशील हैं, परंतु केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की कैप्टन सरकार ने किसी भी वर्ग को राहत देने की बजाए वित्तीय बोझ बढ़ाए हैं। मोदी सरकार ने तेल की कीमतों में पिछले 11 दिनों के दौरान पेट्रोल प्रति लीटर 6.02 रुपए और डीजल प्रति लीटर 6.40 रुपए महंगा कर दिया है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट चल रही है। इसी तरह कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार बिजली न केवल लगातार महंगी करती आ रही है बल्कि बंद पड़े बहुत से व्यापार जिन में शापिंग मॉलज में दुकानें, मैरिज पैलेस, रैस्टोरैंट, होटल, जिम्म और स्कूलों आदि से बिजली के बिल वसूल रही है। ऐसे मौके इन व्यापारिक बिजली खप्तकारों से फिक्सड चार्जिज लेना किसी भी पक्ष से जायज नहीं है और इस की पूर्ण छूट दी जानी चाहिए।
मीत हेयर ने कहा कि प्रदेश का आर्थिक चक्का चलाने वाले व्यापारियों, कारोबारियों और इंडस्ट्री को फिक्सड चार्जिज के नाम पर दोहरे (टू पार्ट टैरिफ व्यवस्था) के द्वारा इनको लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। जिस की एक ताजा मिसाल कैप्टन सरकार की तरफ से लॉकडाउन/कफ्र्यू दौरान मीडियम स्केल और लार्ज स्केल इंडस्ट्री के दो महीनों के बिजली के रूप में 350 करोड़ रुपए की राहत दिए जाने के ऐलान के बाद अब उससे मुकर कर उसे पंजाब राज बिजली रेगुलेटरी कमिशन के कंधों पर डालने से कैप्टन सरकार वायदा करने से भी भाग गई प्रतीत होती है।
नीना मित्तल ने कहा कि दूसरा आज जहां सरकारी हुक्मों के मुताबिक इंडस्ट्री को केवल आधे कामगारों के साथ आधी समर्था पर चलने के हुक्म हैं, वहीं ही इस समय दौरान बिजली बोर्ड की तरफ से पूरे फिक्सड चार्जिज लेना बिल्कुल भी जायज नहीं है। जिस की वजह से कम उत्पादन होने के कारण इंडस्ट्री को बिजली 15-20 रुपए प्रति यूनिट पड़ रही है।
‘आप’ नेताओं ने घरेलू बिजली खप्तकारों को पिछले साल की तुलना में भेजे बिलों का भी सख्त विरोध किया और कहा कि मौसम और लॉकडाउन के दौरान बने हालत के मद्देनजर पिछले साल के बिलों को आधार बना कर बिल भेजे जाना किसी भी लिहाज से जायज नहीं है।
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने चेतावनी देते कहा कि यदि सरकार ने नाजायज थोपे बिजली बिल वापस न लिए तो पार्टी प्रदेश स्तरीय संघर्ष ओर तेज करेगी।