‘आप’ ने पंचायती आमदन में 30 प्रतिशत सरकारी कटौती का फैसला वापस लेने की मांग की
चंडीगड़, 9 जून। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कैप्टन सरकार द्वारा प्रदेश की ग्राम पंचायतों को होने वाली हर प्रकार की आमदनी से 30 प्रतिशत सरकारी कटौती को पंचायतों के अपने वित्तीय अधिकारों पर डाका करार दिया है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सरकार द्वारा पंचायतों को पंचायती जमीनें, छप्पड़ों, वृक्षों या दुकानों आदि से होने वाली हर प्रकार की आमदनी में कटौती की दर 20 प्रतिशत से बढ़ौतरी करके 30 प्रतिशत कर दी है। उन्होंने मांग की है कि कांग्रेस सरकार यह फैसला तुरंत वापस ले।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान कांग्रेस की सरकार द्वारा पंचायतों के वित्तीय अधिकारों पर ठीक उसी तरह डाका मारा गया है, जैसे केंद्र की मोदी सरकार पंजाब समेत अन्य प्रदेशों के अधिकार और वित्तीय स्त्रोत लूटने में लगी हुई है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि स्व. प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर पंचायती राज को मजबूत करने का हल्ला करने वाली कांग्रेस स्पष्ट करे कि क्या सरकार की तरफ से संमतियों की आड़ में गांवों की पंचायतों की आमदन में सीधा 30 प्रतिशत की कटौती पंचायती राज प्रणाली को सचमुच मजबूत करने वाला है?
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंचायतों की आमदनी पर सरकारी डाके ने साबित कर दिया है कि सरकार वित्तीय और बौद्धिक दोनों ओर से दिवालिया हो चुकी है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि कैप्टन सरकार ने यह फैसला वापस न लिया तो आम आदमी पार्टी पंजाब इस घातक फैसले को विधान सभा से लेकर संसद तक उठाऐगी और कांग्रेस हाईकमान को भी कटघरे में खड़ा करेगी।