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कैप्टन सरकार बताए प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों व प्रबंधकों की मदद के लिए क्या किया?

कैप्टन सरकार बताए प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों व प्रबंधकों की मदद के लिए क्या किया?
  • PublishedJune 8, 2020

‘आप’ प्रिंसीपल बुद्धराम, प्रो. बलजिन्दर कौर, सरबजीत कौर माणूंके और मास्टर बलदेव सिंह ने कांग्रेस सरकार को कोसा

सरकार पर प्राईवेट स्कूलों का 650 करोड़ रुपए का आरक्षित निधि को खुर्द-बुर्द करने का लगाया आरोप

चंडीगड़, 8 जून 2020 । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने लॉकडाउन के कारण प्राईवेट स्कूलों के बच्चों, प्रबंधकों व स्टाफ कर्मियों को पेश दिक्कतों और वित्तीय संकट के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को सीधे रूप में जिम्मेदार ठहराया है।

पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी की प्रदेश कोर समिति के चेयरमैन प्रिंसीपल बुद्धराम, मुख्य प्रवक्ता प्रो. बलजिन्दर कौर, विपक्ष की उप नेता सरबजीत कौर माणूंके और मास्टर बलदेव सिंह (सभी विधायक) ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को मखातिब होते कहा कि पंजाब की जनता अपने मुख्य मंत्री से जानना चाहती है कि लॉकडाउन की इस मुश्किल घड़ी में पंजाब सरकार ने प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों, उनके माता-पिता, स्कूल प्रबंधकों और स्टाफ कर्मियों की क्या मदद की है? क्या मुख्य मंत्री यह भेद खोलेंगे कि प्राईवेट स्कूलों से सिक्यूरिटी/फीस आदि के रूप में वसूली गई करीब 650 करोड़ रुपए की आरक्षित राशि कहां खुर्द-बुर्द कर दी गई? क्योंकि इस मुश्किल घड़ी में सरकार प्राईवेट स्कूलों की एक पैसे की भी माली मदद नहीं कर सकी और प्राईवेट स्कूल माता-पिता पर दबाव डाल रहे हैं।

प्रिंसीपल बुद्धराम और बलजिन्दर कौर ने चुनौती देते कहा कि लॉकडाउन के इन ढाई तीन माह के दौरान प्रदेश के सभी छोटे-बड़े प्राईवेट स्कूलों में पढ़ते लाखों विद्यार्थियों के माता-पिता और लाखों ही स्टाफ कर्मियों के बारे में सोचने के लिए मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और शिक्षा मंत्री विजैइन्दर सिंगला ने 5 मिनट का समय भी नहीं निकाला, वित्तीय मदद तो दूर की बात है।

‘आप’ नेताओं ने शिक्षा मंत्री विजैइन्दर सिंगला को पूछा कि क्या वह बताऐंगे कि प्राईवेट स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों के माता-पिता को फीसें भरने में आ रही मुश्किलों के ठोस हल के लिए उन्होंने कौन से कदम उठाए। जिनका कोई ठोस नतीजा ही नहीं निकला? यहां यह बताना जरूरी है कि शिक्षा मंत्री हर बार माता-पिता के साथ की बैठकों में यह कह कर उनसे अपना पीछा छुड़ाते देखे गए हैं कि यह मामला सरकार के हाथ में नहीं है बल्कि कोर्ट के में है, परंतु वह बच्चों के माता-पिता को यह नहीं बताते कि कोर्ट में सरकार इस मामले पर क्या कर रही है और जो एडवोकेट जनरल दफ्तर की टीम क्या तथ्य पेश करने जा रही है और कैसे पंजाब के लोगों की आवाज बुलंद करेगा। कहीं न कहीं पंजाब सरकार जानबुझ कर इस मुद्दे को कोर्ट में होने का बयान दे कर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।

आज भी प्राईवेट स्कूलों वाले अपने स्टाफ को वेतन देने की मजबूरी के हवाले से बच्चों के माता-पिता पर फीसें जमा करवाने का दबाव डाल रहे हैं। इसी मजबूरी के मद्देनजर हाईकोर्ट को 70 प्रतिशत ट्यिूशन फीस जमा करवाने के लिए दखल-अन्दाजी करनी पड़ी और अचानक नींद से जागी सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले पर अब समीक्षा पटीशन की ओर चली है, जो समय बर्बाद करने के इलावा कुछ भी नहीं।

बीबी सरबजीत कौर माणूंके और मास्टर बलदेव सिंह ने सरकार द्वारा जो प्राईवेट स्कूलों से वसूल कर चुके करीब 650 करोड़ रुपए के रिजर्व फंडों का हिसाब मांगते हुए आरोप लगाया कि दलित विद्यार्थियों के अरबों रुपए की प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप राशि की तरह सरकार ने स्कूलों का आरक्षित फंड भी इधर-उधर उड़ा दिया।

‘आप’ विधायकों ने कहा कि यदि सरकार को प्राईवेट स्कूलों, माता-पिता और लाखों स्टाफ, कर्मचारियों की फिक्र होती तो प्राईवेट स्कूलों की प्रशास्निक समितियों की मांग के अनुसार हर स्कूल की बनती आरक्षित राशि तुरंत वापस करती और उनके बिजली के मीटरों के फिक्स चार्जिज, स्कूल वैनों और बसों के टैकस, किश्तें और बीमा पालिसियां तीन माह के लिए माफ करती जिससे वह इस मदद के साथ अपने अध्यापकों, दफ्तरी स्टाफ और चालकों, सिक्यूरिटी गार्डों को वेतन देने के लिए लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट में घिरे माता-पिता को फीसें जमा करवाने के लिए दबाव न डालते।

‘आप’ विधायकों ने कहा कि यदि शिक्षा मंत्री प्राईवेट स्कूलों की आरक्षित राशि वापस करने के साथ-साथ सरकार की तरफ से उनके स्टाफ की 50 प्रतिशत वेतन और अन्य राहतों का बोझ अपने पर लेकर फीसें न वसूलने का हुक्म करते तो प्राईवेट स्कूल बच्चों के माता-पिता को फीसों के लिए दबाव न डालते।

Written By
The Punjab Wire