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अकाली दल ने कांग्रेस सरकार से चार महीने तक बिजली बिलों की अदायगी स्थगित करने के लिए कहा

अकाली दल ने कांग्रेस सरकार से चार महीने तक बिजली बिलों की अदायगी स्थगित करने के लिए कहा
  • PublishedMay 13, 2020

कहा कि इस अवधि के दौरान सभी बिजली बिल आधे कर दिए जाने चाहिए तथा उद्योगों को निर्धारित खर्चों से छूट दी जानी चाहिए

डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने तथा पीएसपीसीएल को यह निर्देश देने के लिए कहा कि हाल ही में लोगों को जारी किए बिजली के बिल रद्द किए जाएं

चंडीगढ़/13मईः शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार की सख्त निंदा करते हुए कहा है कि कोविड-19 की वजह से जब गरीबों तथा मध्यम वर्ग को भारी वित्तीय तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे समय में सरकार ने बिजली के बड़े बिल जुर्माने की शर्तों समेत भेजकर आम आदमी के घावों पर नमक लगाया है।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि बेहद दुख की बात है कि सभी घरेलू तथा औद्योगिक उपभोक्ताओं को जुर्माने की शर्तों समेत बिजली के बिल भेजकर कांग्रेस सरकार ने अपना असंवेदनशील रूप दिखाया है। उन्होने कहा कि सरकार लोगों को तत्काल बिजली के बिल भरने के लिए मजबूर करके आम आदमी पर अत्याचार कर रही है। उन्होने कहा कि अकाली दल मांग करता है कि सभी बिजली के बिलों की अदायगी चार महीने के लिए स्थगित कर दी जाए तथा उसके बाद 50 फीसदी कटौती करके उनकी चरनबद्ध तरीके से अदायगी ली जाए। उन्होने कहा कि पार्टी औद्योगिक सैक्टर को बिजली के निर्धारित खर्चों से छूट देने की भी मांग करती है।

मुख्यमंत्री से इन सभी मांगों पर लोगों की भलाई के लिए सहानुभूति पूर्वक विचार करने के लिए आग्रह करते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि लोग बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उन्होने कहा कि बेरोजगार हो जाने के बाद कईयों के पास तो अपने परिवारों का पेट भरने के लिए भी पैसे नही है। ऐसे समय में सरकार द्वारा भेजे इतने बड़े बिल वे किसी भी सूरत में नही भर सकते। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को पीएसपीसीएल को निर्देश देना चाहिए कि इन बिलों को तत्काल वापिस ले लें तथा चार महीनों के बाद बिलों में 50 फीसदी कटौती करने के बाद चरणबद्ध तरीके से जारी करें।

अकाली नेता ने कहा कि राज्य में कर्फ्यू लगाए जाने के बाद बंद पड़े सभी उद्योगों तथा दुकानों से कोई पैसा नही वसूलना चाहिए। उन्होने कहा कि उद्योगों को बिजली के निर्धारित खर्चों से छूट देनी चाहिए तथा उन उद्योगों के बिजली के बिल, जो दोबारा शुरू हो चुके हैं, आधे कर दिए जाने चाहिए।

डॉ. चीमा ने कहा कि ऐसी रिपोर्टें भी मिली हैं कि बड़ी गिनती में लोगों को बहुत बड़े बिल भेजे गए हैं, जिन्हे अंतिम खपत के आंकड़ों यां एक औसत खपत को आधार बनाकर तैयार किया गया है। उन्होने कहा कि पीएसपीसीएल को उपभोक्ताओं को भेजे यह सभी बिल वापिस लेने चाहिए तथा अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौट आने के बाद इन बिलों में 50 फीसदी कटौती करके दोबारा जारी किए जाने चाहिए।

Written By
The Punjab Wire