‘आप’ नेताओं ने गेहूं की फसल की समय पर अदायगी न होने पर उठाए सवाल
कई मंडियों में अभी तक हुई केवल 30 प्रतिशत लिफ्टिंग
चण्डीगढ़, 28 अप्रैल। गेहूं की फसल का समय पर भुगतान न होने और मंडियों में बेहद सुस्त लिफ्टिंग के प्रबंधों के कारण किसानों, मजदूरों-पल्लेदारों, आढतियों और ट्रांसपोर्टरों को पेश आती मुश्किलों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
‘आप’ हैडक्वाटर से जारी संयुक्त बयान के द्वारा पार्टी के किसान विंग के प्रधान और विधायक कुलतार सिंह संधवां, एससी विंग के राज्य प्रधान और विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, कोर समिति मैंबर कुलदीप सिंह धालीवाल और राज्य महा सचिव दिनेश चड्ढा ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि राज्य भर की मंडियों में औसतन 50 प्रतिशत गेहूं की ही लिफ्टिंग हुई है, जबकि कई मंडियों में अभी तक केवल 30 प्रतिशत गेहूं ही उठाई गई है, जिस कारण मंडियों में बिक चुकी गेहूं के अंबार लगे हुए हैं और गेहूं की आ रही नई आमद उतरवाने के लिए मंडियों में स्थान ही नहीं है, जो सब के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है।
कुलतार सिंह संधवां ने मंडियों में लिफ्टिंग न होने की समस्या के लिए सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। यदि केंद्र सरकार ने पंजाब के पूरी तरह से भरे हुए गोदामों में जरूरतमन्द राज्यों के लिए समय पर लिफ्टिंग करवाई होती तो कोरोना वायरस के कारण बने मुश्किल हालात ओर भी ज़्यादा मुश्किल न होते।
‘आप’ नेताओं के अनुसार बारदाने की कमी ने स्थिति ओर बिगाड़ दी है। संधवां और मनजीत सिंह बिलासपुर ने सवाल किया कि जब आरबीआई ने कैश क्रैडिट लिमट (सीसीऐल) के अंतर्गत फंड जारी कर दिए हैं जिससे किसानों को अभी तक पूरा भुगतान न होने के लिए कौन जिम्मेदार है?
कुलदीप सिंह धालीवाल और राज्य महा सचिव दिनेश चड्ढा ने आंकड़ों का हवाला देते खुलासा किया कि 27 अप्रैल तक राज्य के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से खरीदी गई गेहूं में से 70 प्रतिशत तक मंडियों में ही लिफ्टिंग का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि तरनतारन जिले में खरीदी गई गेहूं में से 70 प्रतिशत बिना लिफ्टिंग के पड़ी है। इसी तरह अमृतसर साहिब में 66 प्रतिशत, नवांशहर में 64 प्रतिशत, फतेहगड़ साहिब में 61 प्रतिशत, कपूरथला में 60 प्रतिशत, मुख्य मंत्री साहिब के जिला पटियाला में 61 प्रतिशत और फूड सप्लाई मंत्री के जिला लुधियाना में 58 प्रतिशत खरीदी गई गेहूं बिना लिफ्टिंग के पड़ी है। जबकि राज्य में कुल 53,82,348 टन गेहूं की खरीद की गई।
जिसमें से 25,04,325 टन गेहूं की लिफ्टिंग नहीं की गई, मतलब खरीदी गई गेहूं में से सिर्फ करीब 50 प्रतिशत की ही लिफ्टिंग की गई। जबकि कई जिलों में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदी गई गेहूं लिफ्टिंग का इंतजार कर रही है। ‘आप’ नेताओं ने कहा कि कफ्र्यू के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग बनाने के लिए मंडियों में सरकार टोकन दे कर लिमटिड गेहूं मंगवा रही है, परन्तु लिफ्टिंग न होने के कारण ओर गेहूं को मंगवाने के लिए नए कूपन किसानों को कम संख्या में जारी किए जा रहे हैं, जिस कारण किसानों को अपनी काटी हुई फसल को स्टोर करने के लिए ओर प्रबंध करने पड़ रहे हैं।