कहा कि मुख्यमंत्री को प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति के बारे सही जानकारी नही है
कहा कि जब तक पीएआईसी शर्तें पूरी नही करता, चौथी तथा आखिरी किस्त जारी नही की जा सकती
चंडीगढ़/18मार्च। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वह लाधोवाल मैगा फूड पार्क के प्रति संजीदगी दिखाएं तथा इसे शीघ्र मुकम्मल करवाएं।उन्होने कहा कि इस मामले मेें पंजाब सरकार द्वारा दिखाई सुस्ती ने इस प्रोजेक्ट को 2 साल के लिए पीछे धकेल दिया है, जिसके कारण किसानों तथा युवाओं को इस प्रोजेक्ट के लाभ नही मिल पाए हैं।
कल मुख्यमंत्री को लिखी एक चिट्ठी में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस मैगा फूड पार्क को 2015 में मंजूरी दी थी तथा इस प्रोजेक्ट के लिए आरक्षित रखी 50 करोड़ रूपए की राशि में से 35 करोड़ रूपए इस प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली एजेंसी (पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन) पीआईसी को जारी किए जा चुके हैं। उन्होने कहा कि यह मैगा फूड पार्क 2018 में मुकम्मल किया जाना था, पर कांग्रेस सरकार की गलत योजनाबंदी तथा फैसलों की सुस्त रफतार ने इस प्रोजेक्ट में अनेक बार बदलाव किए, जिसके फलस्वरूप प्रोजेक्ट मुकम्मल करने वाली एजेंसी पीएआईसी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लक्ष्य से दूर होती चली गई।
श्रीमती बादल ने मुख्यमंत्री द्वारा फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्रालय को प्रोजेक्ट की चौथी तथा आखिरी किस्त जारी करने के लिए किए आग्रह का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि उन्हे प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति के बारे सही जानकारी नही है। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा दी जानकारी के विपरीत इस पार्क के सिर्फ चार यूनिट शुरू हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव द्वारा भी मुल्यांकन किया गया था,जिसके दौरान पाया गया कि प्रोजेक्ट की मुख्य सुविधाओं को शुरू नही किया गया है। उन्होने कहा कि यह भी रिपोर्ट आई है कि बिजली का कनेक्शन तथा जनरेटर देने में की देरी के कारण कोल्ड स्टोरेज पिछले एक साल से अप्रयुक्त पड़ा है। उन्होने कहा कि इसी तरह सिलोज मुकम्मल हो चुके हैं तथा पिछले कई महीनो ंसे उनका इस्तेमाल नही किया जा रहा है।
श्रीमती बादल ने कहा कि पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (पीएआईसी) के अनुसार कोल्ड स्टोरेज का परीक्षण किया जा रहा है तथा इसे इस साल अप्रैल के अंतिम तक शुरू कर दिया जाएगा। उन्होने कहा कि पीएआईसी ने यह भी जानकारी दी है कि बलास्ट फ्रीजर स्थापित करने का काम अभी संपूर्ण नही हुआ है तथा आरटीटी (रैडी टू इट) लाईन के लिए अभी टैंडर भी जारी नही किए गए हैं। उन्होने कहा कि बेसिक फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी के लिए समान खरीदने की प्रक्रिया भी अभी शुरू करनी है। उन्होने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट में निर्मित हो चुकी सुविधाओं की संभाल तथा मरम्मत के लिए अभी तक कोई ठेकेदार भर्ती नही किया गया है।
फूड प्रोसेसिंग मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा कि उपरोक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पीएआईसी को चौथी तथा अंतिम 10 करोड़ रूपए की किस्त जारी करना संभव नही होगा। श्रीमती बादल ने कहा कि योजना की शर्तों ने उनके हाथ बांध दिए हैं, जिनमें साफ लिखा है कि प्रोजेक्ट के मुकम्मल होने के बाद ही अंतिम किस्त को जारी किया जा सकेगा, जिसमें प्रोजेक्ट तैयार करने वाली एजेंसी के 100 फीसदी खर्चों का योगदान, कुल प्लाटों में से 75 फीसदी की अलाटमेंट, अलाटिड यूनिटों में से कम से कम 25 फीसदी पर काम शुरू होना शामिल होगा। उन्होने कहा कि अभी तक तुम्हारी सरकार ने उपरोक्त शर्तों में से कोई भी पूरी नही की है तथा इसीलिए अंतिम किस्त जारी किए जाने का सवाल ही पैदा नही होता।