‘आप’ की सरकार बनने पर आरोपियों की जायदाद कुर्क कर करेंगे भरपाई
चंडीगड़, 7 मार्च । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के किसान विंग के प्रधान और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार पर आरोप लगाया है कि मुख्य मंत्री गेहूं की खरीद के लिए आए 31000 करोड़ रुपए खुर्द-बुर्द करने के मामले में बादल परिवार को शरेआम बचा रहे हैं।
पार्टी हैडक्वाटर द्वारा जारी बयान में कुलतार सिंह संधवां ने वित्तीय मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को भी आड़े हत्थों लेते पूछा कि क्या सिर्फ विधान सभा में बयान दाग़ कर पंजाब और पंजाबियों सिर रातों-रात चढ़ाए 31000 हज़ार करोड़ रुपए के फालतू कर्ज का मसला हल हो जाएगा? क्या कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को अब तक इस सब से बड़े घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करवा कर बादल परिवार के साथ सम्बन्धित आरोपी सदस्यों को कटघरे में खड़ा नहीं करना चाहिए था?
संधवां ने कहा कि कार्यवाही इस करके नहीं की गई क्योंकि बादल और कैप्टन आपस में मिले हुए हैं और बारी बांध कर पंजाब को लूटने लगे हुए हैं। संधवां ने कहा कि 2022 में ‘आप’ की सरकार बनने के उपरांत इस घोटाले की सारी तारें काटी जाएंगी और दोषियों की जायदाद कुर्क करके पंजाब के नुक्सान की भरपाई की जाएगा।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि जब बादल दल के नेता गांवों में आएं तो उनको लोग पंचायत में खड़ा कर इन सवालों का जवाब मांगे कि उन्होंने 31,000 करोड़ का हिसाब सैंटर को क्यों न दिया, क्योंकि बादल सरकार के कार्यकाल दौरान गेहूं की खरीद में बहुत बड़ा घपला हुआ था। जब 31 हज़ार करोड़ की फसल पूरी न हुई तो बादल सरकार ने उस रकम या फसल को पूरा करने की बजाए 31,000 करोड़ पंजाब के सिर कर्जे के रूप में लिखवा लिया। जिसके समेत ब्याज लगभग 57000 करोड़ रुपए पंजाब को भरने पड़ेंगे। जिस कारण पंजाब की बहुत सारी आमदन फालतू जाने लगी है।
दूसरी तरफ कैप्टन सरकार के मंत्री साहिबान आंकड़े दे कर खाली खजाने की दोहाई तो दे रहे हैं, परन्तु हैरानी इस बात की है कि यह बेबस क्यों दिखाई दे रहे हैं? जब सरकार उस कर्जे की किश्तें और ब्याज भर रही है तो उस 31000 करोड़ को खुर्द बुर्द करने वालों को पकड़ कर उन से लूटा पैसे क्यों नहीं निकलवा रही? क्यों नहीं यह लुटेरे जेलों में फेंके गए? मतलब साफ है कि बादल कैप्टन मिले हुए हैं।
संधवां ने सवाल किया कि पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार के कार्यजकाल के समय पर कांग्रेस पार्टी ने अनाज खरीद घोटाले का बहुत हल्ला किया था। यहां तक कि कांग्रेस के तब विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता सुनील जाखड़ ने इस घपले को ले कर विधान सभा तक साइकिल मार्च भी किया था। यह भी कहा गया था कि कांग्रेस सरकार आने पर इस की जांच की जाएगी, परन्तु अब क्या मजबूरी बन गई कि कांग्रेस भी बादलों को बचाने के रास्ते पर चल रही है?