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किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों की आवाज कुचलने के लिए मनप्रीत बादल गुंडागर्दी पर उतराः अकाली दल

किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों की आवाज कुचलने के लिए मनप्रीत बादल गुंडागर्दी पर उतराः अकाली दल
  • PublishedFebruary 28, 2020

कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को पुलिस स्टेशन में बंद करके बजट सत्र में भाग लेने से रोका गया

कहा कि वित्तमंत्री तथा कांग्रेस सरकार के इशारे पर पीड़ित परिवारों को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया गया तथा जानबूझ कर उनके साथ हाथापाई की गई

चंडीगढ़/28फरवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज उन किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों की आवाज कुचलने के लिए गुंडागर्दी करने के लिए वित्तमंत्री मनप्रीत बादल तथा पुलिस की निंदा की है, जोकि वित्तमंत्री के आवास पर यह अनुरोध करने आए थे कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में उनके साथ किए वादों को राज्य के बजट का हिस्सा बना लिया जाए।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अकाली विधायक दल के नेता सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों की शिकायतें सुनने के बजाय वित्तमंत्री ने पुलिस को आदेश दिया कि उन्हे जबरदस्ती हटा दिया जाए, जिसके कारण वृद्ध पुरूषों, महिलाओं, बच्चों तथा विकलंागों के साथ धक्कामुक्की तथा दुर्व्यवहार किया गया।

अकाली नेताओं ने कहा कि पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए आगे आए अकाली-भाजपा विधायक दल के मैंबरों को भी वित्तमंत्री के इशारे पर निशाना बनाया गया तथा उनके साथ जानबूझ कर धक्का मुक्की की गई। यह दावा करते हुए कि मंत्री ने अकाली-भाजपा विधायकों के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है, अकाली नेताओं ने कहा कि इन विधायकों को जानबूझ कर बजट सैशन के दौरान तथा जब तक वित्तमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस खत्म नही हो गई, हिरासत में रखा गया। उन्होने कहा कि पंजाब के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि विपक्ष के विधायकों को ऐसे ढ़ंग से बजट सत्र में भाग लेने से रोका गया है। यह विधानसभा के इतिहास में एक काला दिन है।

अन्य जानकारी देते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों द्वारा पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस तथा आप विधायकों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही थी। उन्होने वित्तमंत्री के साथ मुलाकात करने की कोशिश की थी पर वह सफल नही हुए। उन्होने कहा कि इन परिवारों ने अकाली-भाजपा विधायकों के पास पहुंच करके उनसे मदद करने के लिए कहा था तथा इसी कारण विधायक दल के मैंबर उस जगह पर पहुंचे थे, जहां पीड़ित परिवार पहले से रोष पदर्शन कर रहे थे। उन्होने कहा कि पीड़ित परिवारों की शिकायतें सुनने के लिए वित्तमंत्री को बार बार संदेश दिए गए, पर ऐसा करने की बजाय उसने पीड़ित परिवारों तथा अकाली-भाजपा विधायकों पर पुलिस तथा अपने गनमैनों द्वारा हमला करवा दिया।

सरदार मजीठिया ने कहा कि वित्तमंत्री ने जानबूझ कर विधानसभा में देर से पहुंचने का ड्रामा रचा जबकि पुलिस ने पीड़ित परिवारों तथा विधायकों को सुबह 10ः45 बजे रोष प्रदर्शन वाली जगह से हटा दिया था। उन्होने कहा कि वह 15 मिंटों में ही पैदल चलकर विधानसभा तक पहुंच सकता था, पर जानबूझ कर देर से पहुंचा ताकि योजनाबद्ध साजिश के तहत् अकाली-भाजपा विधायकों के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करवाया जा सके। उन्होने कहा कि हम ऐसे हथकंडों से नही डरते तथा जब तक कांग्रेस सरकार आत्महत्या पीड़ित परिवारों के सभी कर्जेे माफ करने, 10 लाख रूपए मुआवजा देने तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के वादे पूरे नही करती, हम वित्तमंत्री का घेराव करना जारी रखेंगे।

यह टिप्पणी करते हुए कांग्रेस सरकार द्वारा अपने चौथे बजट में भी किसानों से किए वादे पूरे न करने के कारण तकरीबन 3 हजार आत्महत्या पीड़ित परिवार दुख भोग रहे हैं। उन्होने कहा कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि आप ने अकाली-भाजपा विधायकों के खिलाफ न सिर्फ विशेषाधिकार प्रस्ताव का समर्थन किया, बल्कि विधानसभा में बजट के खिलाफ एक भी शब्द नही बोली। उन्होने कहा कि इससे साबित होता है कि आप कांग्रेस का अभिन्न अंग बन चुकी है तथा अब इसे छोटी कांग्रेस कहकर बुलाया जाना चाहिए।

इस प्रेस कांफ्रेस में बाकी विधायकों में श्री एन के शर्मा, मनप्रीत सिंह अयाली, हरिंदरपाल सिंह चंदूमाजरा, पवन कुमार टीनू, कुंवरजीत सिंह बरकंदी तथा वरिष्ठ नेता महेश इंदर सिंह ग्रेवाल भी उपस्थित थे। इससे पहले सुबह सभी अकाली-भाजपा विधायकों ने वित्तमंत्री के आवास के सामने किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया।

वित्तमंत्री मनप्रीत बादल द्वारा पेश किए बजट पर टिप्पणी करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने इसे पंजाब के लोगों के साथ धोखा करार दिया। उन्होने कहा कि अच्छी तस्वीर पेश करने के लिए आंकड़ों को तोड़ा मरोड़ा गया है, जबकि सच्चाई यह है कि वित्तमंत्री की वित्तीय मामलों में नालायकी तथा निकम्मेपन के कारण पंजाब दुख भोग रहा है। उन्होने कहा कि वित्तमंत्री राज्य के लोगों से किया एक भी वादे को लागू करने में विफल साबित हुआ है। सरकार के चौथे साल में भी 90 हजार करोड़ रूपए के कृषि कर्जे को माफ करने के लिए कोई रूप रेखा नही बनाई गई है। आत्महत्या पीड़ित परिवारों को 10 लाख रूपए का मुआवजा तथा एक सरकारी नौकरी देने के वादे पूरे करने के लिए कुछ भी नही किया गया है। 2500 रूपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने के बारे भी कोई उल्लेख नही किया गया। सरकार ने सिर्फ युवाओं को स्मार्ट फोन देने का वादा किया है, जिसमें उसकी शर्त रखी है कि वह कोरोना वायरस के डर के कारण शीघ्र नही दिए जाएंगे।

यह टिप्पणी करते हुए कि पिछले बजट में की गई बहुत सारी घोषणाएं अभी तक पूरी नही की गई हैं, सरदार मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार पिछले तीन साल में एक भी विकास कार्य नही करवा पाई है। इस साल दलितों के लिए समाज कल्याण लाभों में वृद्धि करने के लिए कोई राशि आरक्षित नही रखी गई है। बिजली दरों तथा टैक्सों में आम आदमी को कोई राहत नही दी गई है। वित्तमंत्री ने वित्तीय मामलों में अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सिर्फ शेयर सुनाए।

Written By
The Punjab Wire