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अकाली दल ने की मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 15 दिवसीय बजट सत्र की मांग

अकाली दल ने की मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 15 दिवसीय बजट सत्र की मांग
  • PublishedFebruary 19, 2020

अकाली विधायक दल स्पीकर से मिला तथा कहा कि कांग्रेस को बहस से भागना नही चाहिए

कहा कि कांग्रेसी नेताओं द्वारा अवैध माईनिंग तथा शराब की तस्करी द्वारा की जा रही सरकारी खजाने की लूट के बारे चर्चा करने की आवश्यकता है

चंडीगढ़/19फरवरीः शिरोमणी अकाली दल के विधायक दल ने आज बिजली दरों में बढ़ोतरी, बिजली घोटालों तथा बहबलकलां पुलिस फायरिंग के पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे ज्वलंतशील मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का 15 दिवसीय सत्र करने की मांग की है।

विधानसभा स्पीकर को मांगपत्र देने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विधायक दल के नेता सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पार्टी ने स्पीकर राणा केपी सिंह से आगामी बजट सैशन बढ़ाकर 15 दिन का करने की मांग की है। उन्होने कहा कि मौजूदा एक दिन का सत्र राज्यपाल के संबोधन पर चर्चा करने की लिए रखा गया है, इसमें सार्वजनिक मुद्दों के बारे ही चर्चा हो सकती है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार को बहस से नही भागना चाहिए तथा बजट सैशन के दौरान लोगों के मसले उठाने के लिए विरोधी पक्ष को उचित समय दिया जाना चाहिए।

अकाली नेताओं ने कहा कि पंजाब के लोगों को सबसे मंहगी बिजली खरीदनी पड़ रही है, जोकि 9 से 10 रूपए प्रति यूनिट हो चुकी है जबकि अकाली-भाजपा सरकार के दौरान 5.50 रूपए प्रति यूनिट बिजली दी जाती थी। शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा सरदार मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार को घरेलु उपभोक्ताओं तथा उद्योगों को 5 रूपए प्रति यूनिट बिजली देने का वादा पूरा करना चाहिए। उन्होने कहा कि सरकार को 4300 करोड़ रूपए के बिजली घोटालों की भी स्वतंत्र जांच करवानी चाहिए तथा भ्रष्टाचार करने के लिए उस समय के बिजली मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा सरकार को जवाब देना चाहिए कि प्रदुषण-रोधी उपकरण न लगाने वाले प्राईवेट थर्मल प्लांटों के खिलाफ पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कार्रवाई क्यों नही की?

मांग-पत्र की जानकारी देते हुए अकाली नेताओं ने कहा कि उन्होने बहबलकलां पुलिस फायरिंग कांड के गवाहों को बयानों से पलटवाने के लिए उनपर डाले जा रहे दबाव के बारे विस्तार से चर्चा करने की मांग की है। उन्होने कहा कि मुख्य गवाह सुरजीत सिंह की विधवा पहले ही इस बात का पर्दाफाश कर चुकी है कि किस तरह कांग्रेसी मंत्री गुरप्रीत कांगड़ तथा सलाहकार कुशलदीप ढ़िल्लों ने उसकी पत्नी पर दबाव डाला था। इसके अलावा यह बात भी सामने आ चुकी है कि किस तरह फायरिंग के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के नाम एफआईआर से हटाए जा चुके हैं। अकाली नेताओं ने कहा कि फायरिंग में मारे गए कृष्ण भगवान सिंह के भाई रेशम सिंह ने अब हाईकोर्ट के चीफ न्यायाधीश को शिकायत दी है कि डीएसपी हरिंदर गिल तथा एडीसी परमजीत सिंह पन्नू के नाम मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के इशारे पर एफआईआर से हटाए जा चुके हैं। उन्होने कहा कि रेशम सिंह ने चीफ जस्टिस को इस मामले की जांच अपनी निगरानी में करवाने का भी अनुरोध किया है। अकाली नेताओं ने कहा कि मामले से हो रही छेड़छाड़ का जवाब देना तथा गवाहों के परिवारों को सुरक्षा प्रदान करवाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।

सरदार ढ़िल्लों तथा सरदार मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दावा करके कि ग्यारह लाख युवाओं को नौकरियां दी जा चुकी हैं, बिल्कूल एक सफेद झूठ बोला है। उन्होने कहा कि पंजाबी इन जाली नौकरियों को हासिल करने वालों के नाम पूछ रहे हैं। सिर्फ इतना ही नही, वह यह भी जानना चाहते हैं कि 2500 रूपए प्रति महीना बेरोजगारी भत्ता अभी तक क्यो नही दिया जा रहा है? अकाली नेताओं ने कहा कि इसी तरह सरकार द्वारा दलित छात्रवृत्ति न देने के कारण एक लाख छात्रों को परेशानी सहनी पड़ रही है तथा वह कॉलेजों में दाखिले नही ले पाए हैं। उन्होने कहा कि दलित समुदाय सरकार की इस घोषणा का भी बेसब्री के साथा इंतजार कर रहा है कि यह सरकारी नौकरियों में नियुक्तियां तथा पदोन्नित संबधी आरक्षण के बारे ज्यों की त्यों स्थिति रखेगी, पर अफसोस की बात है कि सरकार ने इस विषय पर चुप्पी साधी हुई है।

अकाली नेताओं ने कहा कि पंजाबी कांग्रेसी नेताओं द्वारा अवैध माईनिंग तथा शराब की तस्करी के द्वारा की जा रही सरकारी खजाने की लूट पर भी चर्चा करना चाहते हैं। वह पुलिस-गैंगस्टर-मंत्री गठजोड़ के बारे चर्चा करना चाहते हैं, जिसके माध्यम से जेलें फिरौती तथा भाड़े पर कत्लों का केंद्र बन गई हैं तथा हाल ही में पांच परवासियों को निशाना बनाया गया है। उन्होने कहा कि कानून-व्यवस्था की हालत इतनी बुरी हो गई है कि लुधियाना से 15 करोड़ रूपए का 30 किलोग्राम सोना लेकर फरार हुए डकैतों के बारे पुलिस के पास कोई सुराग नही है।

किसानों की दुर्दशा के बारे बोलते हुए सरदार ढ़िल्लों तथा सरदार मजीठिया ने कहा कि पंजाब में किसानों की आत्महत्या का अनुपात इसीलिए सबसे ज्यादा है, क्योंकि कांग्रेस सरकार अपने पूर्ण कर्जा माफी के वादे से पूरी तरह मुकर चुकी है। उन्होने कहा कि आत्महत्या पीड़ितों को वादे के अनुसार 10 लाख रूपए मुआवजा तथा सरकारी नौकरियां भी नही दी जा रही हैं। उन्होने यह भी बताया कि गन्ना उत्पादकों की बुरी हालत है, क्योंकि सरकारी चीनी मिलें उनका बकाया नही दे रही हैं। इसके अलावा गन्ने के लिए दिए जा रहे सबसे कम सरकारी दाम राज्य में फसली विभिन्नता के लिए मौत की वजह बन गए हैं।

अकाली विधायक दल के सदस्यों ने यह भी कहा कि लोग जानना चाहते हैं कि नदियों के पानी की रक्षा के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा रही है। इसके अलावा उन सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार की तरफ से क्या किया जा रहा है, जिन्हे मंहगाई भत्ते की किस्तें नही दी जा रही तथा उनपर व्यवसायिक टैक्स लगाया जा रहा है। इसके अलावा छठे वेतन आयोग को लागू नही किया जा रहा है तथा ठेके पर भर्ती किए कर्मचारियों को नियमित करने से भी इंकार किया जा रहा है।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में एनके शर्मा,लखबीर सिंह लोधीनंगल, हरिंदरपाल सिंह, चंदूमाजरा तथा दिलराज सिंह भूंदड़ भी शामिल थे।

Written By
The Punjab Wire