अकाली दल ने बहबलकलां के गवाह की मौत की सीबीआई जांच तथा मंत्री के इस्तीफे की मांग की
चंडीगढ़/22जनवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज दोहराया है कि यह सिखों के हितों की रक्षा करने के लिए नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) का समर्थन करता है पर साथ ही यह भी चाहता है कि इस एक्ट में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए।
पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में कोर कमेटी की बुलाई मीटिंग में इस बारे एक प्रस्ताव पास किया गया तथा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सीएए पर अपना उलझन भरा स्टैंड स्पष्ट करने तथा ईमानदारी से यह स्पष्टीकरण देने के लिए कहा कि क्या वह इस एक्ट के तहत् सिखों को दी सुरक्षा की हिमायत करता हैं यां विरोध करता है? कोर कमेटी के प्रस्ताव में कहा गया कि जिस तरह अब तक स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री सिख विरोधी मानसिकता, स्टैंड तथा नीतियों के लिए जानी जाती पार्टी आलाकमान से डरता उसकी हां में हां मिला रहा है तथा सिख, ईसाई, पारसी, हिंदू, बौद्ध, तथा जैन समुदाय को सुरक्षा देने वाले सीएए का पूरी तरह विरोध कर रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को सिखों को बताना चाहिए कि वह सीएए के उन क्लाॅजों का समर्थन करता है यां विरोध करता है, जो महान सिख धर्म के सदस्यों के साथ संबधित है।
प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि हम इस एक्ट का वहां तक समर्थन करते हैं जहां तक यह सिखों तथा हिंदूओं समेत बाकी समुदायों को सुरक्षा प्रदान करता है। पर इसके वर्तमान रूप में यह एक्ट धर्म निरपेक्ष रहने में नाकाम रहता है तथा हमारे महान गुरु साहिबान, संतों तथा फकीरों द्वारा बताए आदर्शों के खिलाफ जाता है, क्योंकि यह देश की एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है। हम चाहते हैं कि एक्ट में संशोधन करके इस भेदभाव को दूर किया जाए।
प्रस्ताव में कहा गया है कि धर्म के आधार पर भेदभाव करना हिंदू धर्म की मूल मान्यताओं के भी खिलाफ है, जो पूरे संसार को एक परिवार मानती हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है कि अकाली दल भारत के संविधान में बाबा साहिब बी आर अंबेदकर द्वारा दर्ज बराबरी के सिद्धांत की रक्षा के लिए हमेशा सबसे आगे रहा है। धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्य संविधान की आधारशिला हैं तथा अकाली दल ने हमेशा इन मूल्यों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह महान विरासत पार्टी का भविष्य में भी मार्गदर्शन करती रहेगी।
कोर कमेटी की मीटिंग के बारे मीडिया को जानकारी देते हुए पार्टी के प्रवक्ता हरचरन सिंह बैंस ने बताया कि नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे पर अकाली दल सीएए का वहां तक समर्थन करता है जहां तक यह सिखों तथा हिंदूओं समेत बाकी समुदायों को सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होने कहा कि अकाली दल सीएए द्वारा सिखों को दी जाती सुरक्षा का विरोध नही करता है, पर हम चाहते हैं कि इस एक्ट को किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नही करना चाहिए तथा मुस्लिम समुदाय को भी इसके दायरे में शामिल करना चाहिए।
कोर कमेटी ने यह भी मांग की कि राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ तथा फरीदकोट के विधायक कुशलदीप सिंह ढ़िल्लों के खिलाफ बहबलकलां के पूर्व सरपंच का कत्ल करने के लिए मुकद्मा दर्ज किया जाए, जिस संबधी पीड़ित परिवार ने खुलासा किया है कि बहबलकलां पुलिस गोलीबारी के मुख्य गवाह के मौत का कारण कांग्रेसी नेता थे। पार्टी ने यह भी कहा कि क्योंकि कांग्रेसी नेताओं ने पीड़ित सरपंच को उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए पुलिस तथा बिजली विभाग का दुरूपयोग किया था, जिन्होने 2015 में फरीदकोट जिले के बहबलकलां में निर्दोष सिख प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाकर उनका कत्ल किया था, इसीलिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए तथा इस समुचे केस की सीबीआई जांच करवाई जाए।
मीटिंग में यह फैसला भी किया गया कि आगामी दिल्ली चुनावों के बारे पार्टी की रणनीति की घोषणा सिख संगतों, नेताओं तथा सिखों की विभिन्न धार्मिक तथा सामाजिक जत्थेबंदियों के साथ विचार विमर्श के बाद किया जाएगा।
इस मीटिंग में सरदार बलविंदर सिंह भूदंड़, चरनजीत सिंह अटवाल, जत्थेदार तोता सिंह, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, हरि सिंह जीरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलजार सिंह रणीके, बीबी जागीर कौर, सिकंदर सिंह मलूका, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों, जगमीत सिंह बराड़, सुरजीत सिंह रखड़ा, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, मनजिंदर सिंह सिरसा, दरबारा सिंह गुरु तथा बलदेव सिंह मान ने भाग लिया।