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पार्टी की पीठ में छूरा घोपने वालों को ‘टकसाली’ नही कहा जा सकताः सुखबीर सिंह बादल

पार्टी की पीठ में छूरा घोपने वालों को ‘टकसाली’ नही कहा जा सकताः सुखबीर सिंह बादल
  • PublishedJanuary 14, 2020

कहा कि लगातार हारने के बावजूद सुखदेव ढ़ींडसा को पार्टी ने हमेशा सम्मान दिया

कहा कि लोग फैसला करते हैं कि कौन जीतेगा यां हारेगा तथा जिन्हे लोग पंसद नही करते, वह लगातार हारते हैं

मुक्तसर/14जनवरी : शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बाद ने आज कहा कि सांसद सुखदेव सिंह ढ़ींडसा जैसों को , जो इतना मान सम्मान दिलाने वाली अपनी मां-पार्टी की पीठ के पीछे वार कर रहे हैं, को कभी भी टकसाली नही कहा जा सकता, क्योंकि वे पंथ को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।

यहां ‘कौम’ के लिए बलिदान करने वाले 40 मुक्तों को श्रद्धाजंलियां भेट करने के बाद एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि टकसाली वह होता है, जो पार्टी के प्रति वफादार होता है तथा कभी भी पार्टी की अवज्ञा नही करता। उन्होने कहा कि सुखदेव सिंह ढ़ींडसा ने पिछले 35 सालों में सिर्फ एक चुनाव जीता था पर इसके बावजूद सरदार परकाश सिंह बादल ने उसे स्टेट बोर्ड का चेयरमैन बनाकर यां राज्यसभा मैंबर बनाकर पूरा मान सम्मान दिया था। यह तब भी हुआ था जब ढ़ींडसा तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हारा था। उस समय ढ़ींडसे को अकाली दल तथा सरदार बादल बुरे नही लगते थे।

यह टिप्पणी करते हुए कि ढ़ींडसा अकाली दल के पंथ तथा पंजाब को योगदान के बारे यह कहकर सवाल उठा रहा है कि वह अकाली दल को बादलों से मुक्त करना चाहता है, अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सरदार बादल लोगों की सेवा के लिए जाने जाते हैं। बादल साहिब ने हमेशा सबसे आगे होकर नेतृत्व किया है। वह सबसे पहले जेल जाते थे तथा सबके बाद रिहा होते थे। यह टिप्पणी करते हुए कि सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में अपने नेताओं की किस्मत का फैसला लोग करते हैं, सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि लोगां ने अनेको बार बादल साहिब में अपना विश्वास व्यक्त किया है तथा वह 1965 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। इसके विपरित जिन्हे लोग पसंद नही करते, उन्हे बार बार चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ता है।

पूर्व मंत्री परमिंदर ढ़ींडसा के बारे बोलते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि वह उनके लिए छोटे भाई की तरह थे। उन्होने कहा कि मैने हमेशा उन्हे मान सम्मान देने की कोशिश की है। वह मेरे पास अपना निर्वाचन क्षेत्र बदलने के लिए आया। मैं सहमत हो गया। सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा ने अपने दामाद को मोहाली से टिकट देने का अनुरोध किया, मैने वह भी मान लिया। मुझे बेहद दुख होता है कि वह अब मुझे तानाशाह कह रहे हैं। पहले वह यह नही कहते थे।

अपने व्यवहार के बारे बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींडसा मेरे पिता के समान हैं। मैने उनके पांव स्पर्श करता हूं। उनकी गोदी में खेला हूं। 35 सालों से राजनीति में होने के कारण मैं यह भी जानता हूं कि बादल साहिब ने कभी भी सरदार ढ़ींडसा की किसी भी बात पर ना नही कही। इसके बावजूद सरदार ढ़ींडसा ने अब बादल परिवार को निशाना बनाना अपना मकसद बना लिया है। मैं उन्हे यह बताना चाहता हूं कि हमारी हार यां जीत तुम्हारी इच्छा के अनुसार नही, बल्कि लोगों की इच्छा के अनुसार ही होगी।

सिख संस्थानों को कमजोर करने की कोशिश के बारे बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि सभी विरोधी अब शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा अकाली दल से मुक्त करवाने की बाते कर रहे हैं। मैं उन्हे यह बताना चाहता हूं कि अकाली दल एक लोकतांत्रिक ढ़ंग से चुनी हुई पार्टी है। जिला प्रशासन वोटें बनाता है, जो कि सरकार की देखरेख में डाली जाती हैं। हमारा विरोध करने वाले हमेशा शिरोमणी कमेटी चुनावों में अपनी किस्मत आजमाते हैं तथा संगत द्वारा बार बार अस्वीकार किए जाते हैं।

पंजाब के ज्वलंतशील मुद्दों के बारे बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि बिजली दरों में बहुत ज्यादा वृद्धि के कारण लोगों पर असहनीय बोझ डाल दिया गया है, जिसने समाज के हर व्यक्ति को प्रभावित किया है तथा राज्य में उद्योग चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होने कहा कि लोगों को राहत देने की बजाय कांग्रेस सरकार ने उन पर 22 हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझ कर कोयला धुलाई के खर्चों संबधी सुप्रीम कोर्ट में सरकारी पक्ष कमजोर रखा, जिससे प्राईवेट प्लांटों को 1400 करोड़ रूपए का लाभ हुआ है। उन्होने कहा कि इसी तरह एक कोयले की खान को किए 1602 करोड़ रूपए के जुर्माने के खिलाफ ढ़ाई साल तक उच्च न्यायालय में कोई अपील नही डाली तथा अब उच्च न्यायालय ने इसके खिलाफ फैसला सुना दिया है। उन्होने कहा कि हम इन दोनों घोटालों में स्वतंत्र जांच की मांग करते हैं।

अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर दोष लगाया कि सरकार ने विज्ञापनों के द्वारा 10 लाख नौकरियां पैदा करने का झूठा दावा किया है। यह टिप्पणी करते हुए कि कांग्रेसी शासन के दौरान राज्य में जंगल राज का बोलबाला है, सरदार बादल ने कहा कि कांग्रेसी मंत्री तथा विधायक अपने राजनीतिक विरोधियों तथा आम लोगों को डराने के लिए गैंगस्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरदार बादल ने यह भी बताया कि राज्य में कोई भी विकास कार्य नही हो रहा है।

इस अवसर पर बोलते हुए सासंद तथा वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा पंजाब तथा पंजाबियों के विकास में डाला योगदान अद्वितीय है। उन्होने कहा कि अकाली दल के संरक्षक बार बार जेल गए, पर कभी भी डगमगाए नही तथा उन्होने पूरी लगन से पंजाब तथा पंथ की सेवा की है।

प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकारें गांवों की सरकार के तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि उन्होने हमेशा सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया है। उन्होने कहा कि सरदार परकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली सरकारों ने न सिर्फ लोगों को अद्वितीय समाज कल्याण के लाभ दिए हैं, बल्कि उन्होने सिख विरासत तथा संस्कृति की संभाल की है।

वरिष्ठ नेता जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि सभी समाज कल्याण योजनाओं आटा दाल स्कीम, शगुन स्कीम बुढ़ापा पैंशन स्कीम सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा शुरू की गई थी।

वरिष्ठ नेता जगमीत सिंह बराड़ ने केंद्रीय गृहमंत्री से अनुरोध किया कि वह इस बात की जांच करवाएं कि एक पाकिस्तानी नागरिक क्यों राज्य के सभी राजनीतिक फैसले ले रही है? उन्होने कहा कि सांसद ने परनीत कौर ने भी इस संबधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से शिकायत की थी।

इस अवसर पर अन्य के अलावा सिकंदर सिंह मलूका, प्रोफेसर राजिंदर सिंह भंडारी, कंवलदीप बरकंदी, परमबंस सिंह रोमाणा, मंतर सिंह बराड़, हरप्रीत सिंह तथा वरदेव मान भी उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire