चंडीगढ़/संगरूर, 12 जून: दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा पंजाब को बदनाम करने की नीयत से की जा रही बयानबाज़ी पर तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा अपने स्कूल मॉडल संबंधी की जा रही बयानबाज़ी पंजाब के अव्वल आने से बेनकाब हो गई है और अब मनीष सिसोदिया की बेचैनी स्पष्ट नजऱ आ रही है। शिक्षा मंत्री सिंगला ने झूठे दोषों के आधार पर अपनी तर्कहीन बयानबाज़ी के द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की बेतुकी कोशिश पर सिसोदिया की निंदा करते हुए कहा कि हालाँकि पंजाब को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों के परफॉर्मैंस ग्रेडिंग इंडेक्स में चोटी का दर्जा मिला है, परन्तु दिल्ली को सर्वोच्च पाँच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भी यह दर्जा हासिल नहीं हुआ है। दिल्ली को छटे स्थान पर रखा गया है।
सिंगला ने कहा कि जब पंजाब ने मैरिट के आधार पर यह दर्जा हासिल किया है, दिल्ली के शिक्षा मंत्री पंजाब में आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनैतिक लाभ लेने के लिए झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि परन्तु हमारे लिए शिक्षा में सुधार एक प्राथमिक मुद्दा है और हमने कभी भी इसको चुनावी लड़ाई के साधन के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं की, जैसा कि आप सरकार द्वारा किया जाता रहा है। शिक्षा मंत्री ने ‘आप’ सरकार को पंजाब आने का न्योता दिया, जिससे वह सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कांग्रेस सरकार से सीख ले सकें। श्री सिंगला ने कहा कि शिक्षा विभाग के अध्यापकों और अन्य स्टाफ ने भी राज्य को सर्वोच्च स्थान पर लाने के लिए सख़्त मेहनत की है। उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में लगभग 15 प्रतिशत दाखि़ले बढ़ाने में भी सहायता मिली है, क्योंकि नतीजों के मामलों में सरकारी स्कूलों ने निजी स्कूलों को भी पछाड़ दिया है।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि बुनियादी ढांचे का विकास करने, गुणात्मक सुधार लाने और सरकारी स्कूलों में आरटीई के नियमों की पालना करने में अग्रणी बनकर स्कूल शिक्षा की कायाकल्प करने में पंजाब अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। पी.जी.आई. रैंक हासिल करने के लिए मोदी सरकार के साथ मिलीभुगत, 800 स्कूल बंद करने, शिक्षा का निजीकरण करने संबंधी झूठे बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री श्री सिंगला ने कहा कि यह रैंकिंग केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार तैयार की गई है, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक समान है। लगातार पिछले दो सालों के दौरान पंजाब के स्कूलों में दाखि़लों में काफ़ी वृद्धि देखने को मिली है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों द्वारा सरकारी स्कूलों पर भरोसा इस तथ्य से सहज ही लगाया जा सकता है कि तीन लाख से अधिक निजी स्कूलों के विद्यार्थी राज्य के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं।