अकाली दल ने की सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रकट करने के लोकतांत्रिक अधिकार को कुचलने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा
जनमेजा सिंह सेखों ने कहा कि पिछले महीने छह विभागों के कर्मचारियों को वेतन देने में विफल रही सरकार विरोध प्रकट करने वाले कर्मचारियों का वेतन बंद करना चाहती है
चंडीगढ़/04जनवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार की ‘काम नही तो वेतन नही’ की नीति लागू करके समय पर वेतन न दिए जाने समेत अपनी जायज मांगे पूरी करवाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रकट करने के लोकतांत्रिक अधिकार को कुचलने की सख्त निंदा की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता जनमेजा सिंह सेखों ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि सरकारी कर्मचारियों की शिकायतें दूर करने की बजाय कांग्रेस सरकार विरोध को कुचलने के लिए सख्त हथकंडे अपना रही है। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय बात है कि जिस सरकार ने पिछले महीने छह विभागों के कर्मचारियों को वेतन नही दिए थे, उसने इस अन्याय के खिलाफ विरोध प्रकट करने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से यह कहते हुए कि सरकार द्वारा जायज मांगें मानने से इन्कार करने पर सरकारी कर्मचारी कौन सा रास्ता अपनाएं, सरदार सेखों ने कहा कि कर्मचारियों को करीब 4 हजार करोड़ के मंहगाई भत्ते का बकाया नही दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार जानबूझ कर छठे वेतन आयोग को जारी करने में देरी कर रही है, जिससे सरकार कर्मचारियों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होने कहा कि सरकार उन ठेके पर भर्ती किए 27 हजार कर्मचारियों को भी नियमित करने में विफल रही है, जिनका केस पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा तीन साल पहले पास कर दिया था।
अकाली नेता ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से कांग्रेस सरकार से ‘बराबर काम बराबर वेतन’ की मांग की जा रही है, पर ऐसा करने की बजाय सरकार ‘काम नही तो वेतन नही’ की नीति के बारे दिशा निर्देश जारी करके उनकी आवाज को कुचलना चाहती है। उन्होने कहा कि इसी तरह सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ नही दिए जा रहे हैं, जिसके कारण उन्हे तंगी का सामना करना पड़ रहा है। अकाली नेता ने कहा कि कर्मचारियों को उनका बकाया तक नही दिया जा रहा, जबकि यह सरकार सलाहकारों की फौज तथा अपने मंत्रियों पर पैसा पानी की तरह बहा रही है।
सरदार सेखों ने कहा कि अकाली दल डटकर उन पीड़ित कर्मचारियों का साथ देगा, जिन्होने जब भी सरकार के पास अपनी जायज मांगें उठाई तब उन्हे लाठी चार्ज, पानी की तोपें तथा वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा गाली गलौच का सामना करना पड़ा है।