अमृतसर। नागरिकता संशोधन कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भाजपा द्वारा शुरू किए गए अभियान के अंतर्गत केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर गुरुवार को अमृतसर पहुंचे। जिला भाजपा मुख्यालय शहीद हरबंस लाल खन्ना स्मारक में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। यह नागरिकता देने का कानून है। इस मामले में कांग्रेस व विपक्षी दलों द्वारा लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
ठाकुर ने कहा कि डिटेंशन सेंटर पर भी कांग्रेस झूठ बोल रही है। सच्चाई यह है कि 2009 में जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और तरुण गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे, उस समय यह डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। 13 दिसंबर, 2011 को पीआईबी द्वारा प्रकाशित की गई एक खबर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। एनआरसी भी कांग्रेस की ही देन है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौते के दौरान इसका उल्लेख किया था।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हुए नेहरू-लियाकत समझौते की गलती को सुधार कर मोदी सरकार द्वारा पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का यह प्रयास प्रशंसनीय है। 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 फीसदी थी जो 2011 में घटकर लगभग चार फीसदी रह गई है।
1947 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 फीसदी थी जो 2011 में मात्र 8 फीसदी रह गई है। लाखों-करोड़ों शरणार्थी यातनाएं झेल रहे हैं। उनको यातनाओं से मुक्ति के लिए मोदी सरकार यह कानून लेकर आई है।
आज कांग्रेस राजनैतिक अवसरवादिता के लोभ में अपने नेताओं व पूर्व प्रधानमंत्रियों नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी की विचारधारा के खिलाफ खड़ी हो गई है। इस मुद्दे पर 2003 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने वकालत करते हुए राज्यसभा में भाषण दिया एवं पत्र भी लिखा था।
कांग्रेस शासनकाल में वामपंथी नेता प्रकाश करात, अशोक गहलोत व तरुण गोगोई समेत अन्य सभी लोगों ने इसे लागू करने को लेकर पत्र लिखा था। अब जब पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे लागू कर दिया तो यह विपक्षी दलों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। यह उनके दोहरे चरित्र का प्रमाण है। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक भी उपस्थित रहे।