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खुद को फौजी बताने वाले कैप्टन, पूर्व सैनिकों पर कर रहे अत्याचार – भगवंत मान

खुद को फौजी बताने वाले कैप्टन, पूर्व सैनिकों पर कर रहे अत्याचार – भगवंत मान
  • PublishedApril 4, 2021

सैनिकों के परिवारों की मदद करने वाले एनजीओ को सरकार ने सैनिक कल्याण विभाग के परिसर से निकाला, उन्हें पार्क में लगाना पड़ रहा है कैम्प

…1965 और 1971 की लड़ाई में शहीद परिवारों को अभी तक सरकार ने नहीं दी जमीन, सालों से परिवार लगा रहे हैं कार्यालय का चक्कर – भगवंत मान

चंडीगढ़, 4 अप्रैल- मोहाली में सैनिक कल्याण विभाग के दफ्तर परिसर से शहीद सैनिकों और सैनिकों के परिवार की मदद करने वाले एक एनजीओ को कार्यालय परिसर निकाले जाने पर आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद को सेना का जवान बताते हैं, लेकिन असल में वे एक झूठे फौजी हैं। अगर वे सच्चे फौजी होते तो उन्हें सीमा पर शहीद हुए जवानों के परिवार के दुख-दर्द का अहसास होता, लेकिन उन्हें जरा सा भी उनके तकलीफों का अहसास नहीं हैं। 

उन्होंने कहा कि पंजाब का बेटा रोज देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद होता है। रोज पंजाब के किसी न किसी हल्के में शहीद का शव तिरंगे में लिपटकर गांव आता है। सरकार अपनी बाहवाही के लिए शहीदों के परिवार को पैसा, जमीन और सरकारी नौकरी देने का वादा करती है। लेकिन इसके लिए सालों साल तक उनके परिवारों को कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी उन्हें सारा लाभ नहीं मिलता। बेहद शर्म की बात है कि सरकार ने सालों पहले घोषणा करने के बाद भी अभी तक 1965 और 1971 की जंग में शहीद हुए परिवारों को जमीन नहीं दी है। देश के लिए शहीद हुए उन वीर जवानों का  परिवार सालों से सैनिक कल्याण विभाग का चक्कर लगा रहा है। लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह अखबारों में विज्ञापन देकर अपनी वाहवाही बटोरने में लगे हैं।

उन्होंने मोहाली के सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक द्वारा सैनिकों के परिवारों की मदद करने वाले एनजीओ को दफ्तर से निकाले जाने पर दुख जताते हुए कहा कि उस एनजीओ का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपनी समस्याओं को बताने के लिए चिट्ठी लिखी, लेकिन कैप्टन ने उनकी चिट्ठी पर कार्रवाई करने के बजाए उस विभाग के डायरेक्टर को निर्देश देकर एनजीओ को दफ्तर परिसर में घुसने पर रोक लगा दी। बेहद दुख की बाद है कि अब उस एनजीओ को पार्क में अपना कैम्प लगाना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ने आखिर किसके कहने पर एनजीओ को कार्यालय परिसर से बाहर निकाला? उन्होंने सरकार से मांग की कि उस एनजीओ द्वारा लिखे गए चिट्ठी पर जल्द से कार्रवाई करे और सैनिक परिवारों को मदद दी जाए। उन्होंने आम आदमी पार्टी की तरफ से उस एनजीओ को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि पार्टी शहीद सैनिकों के परिवारों की सेवा के लिए हर समय मौजूद है। 

उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को असल में आधूनिक युग के नीरो हैं। उन्हें किसी की भी परवाह नहीं है, चाहे जवान हो या किसान, नौजवान हो या बेरोजगार उन्होंने सब के साथ वोट लेने के लिए झूठा वादा किया और सरकार बनाने के बाद अपने एक भी वादे के पूरा नहीं किया। उन्होंने पंजाब  के लोगों से गद्दारी की है। लेकिन यह लोकतंत्र है। जनता के कैप्टन के सारे वादे याद है। 2022 के चुनाव में पंजाब के लोग कैप्टन  के सारे झूठे वादे का एक-एक कर हिसाब लेंगे।

Written By
The Punjab Wire