कैप्टन और बादल ने कभी गांव में समय नहीं बिताया, वे किसानों का दर्द नहीं समझ सकते – भगवंत मान
जब शासक व्यापारी बन जाते हैं, तो वे राज्य को गिरवी रख देते हैं – भगवंत मान
मैं हमेशा गांव में रहा हूँ, इसलिए किसानों के दुख-दर्द को समझता हूं – भगवंत मान
मोगा / चंडीगढ़, 14 मार्च – आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने रविवार को मोगा जिले मैं कई जगहों पर जनसभा कर लोगों को संबोधित किया। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहले चाय बेचते थे अब देश बेच रहे हैं। उन्होंने बड़ी-बड़ी सरकारी कंपनियों को बेच दिया। अभी तक कृषि ही बचा हुआ था जिसे अब वे बेचने की फिराक में है। जिन कॉर्पोरेट दिग्गजों ने देश की सरकारी चीजों को खरीदा है, वे आम लोगों का शोषण कर रहे हैं। अब वे लोग सरकार के साथ मिलकर किसानों का भी शोषण करने की तैयारी में है।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल ने भी कभी किसानों का समर्थन नहीं किया। उन्होंने हमेशा किसानों के खिलाफ काम किया। दोनों ने आपसी तालमेल कर पंजाब में किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने वाला कानून पारित किया। उस कानून के जरिए इन्होंने फलों और सब्जियों के बाजारों का निजीकरण किया। अब वे किसान समर्थक होने का दिखावा कर रहे हैं।
मान ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर और बादल कभी भी अपने गांव में नहीं रहे। उन्होंने कभी खेती नहीं की इसीलिए किसानों के दुख-दर्द को नहीं समझ सकते। कैप्टन और बादल दोनों सत्ता के व्यापारी हैं। जब किसी राज्य का शासक व्यापारी बन जाता है तो वह राज्य को गिरवी रख देता है। पंजाब के साथ भी उन्होंने ऐसा ही किया। इन दोनों पार्टियों ने राज्य को माफियाओं के हाथों गिरवी रख दिया है।
उन्होंने कहा कि बादल और कैप्टन अब इस बिल का विरोध कर रहे हैं, लेकिन ये लोग अगर पहले इस बिल का विरोध करते तो आज लोगों को ये दिन नहीं देखना पड़ता। मैं गांव में रहा हूं, मेरा सारा जीवन गांव में ही बीता है। इसलिए हम किसानों के दुख दर्द को समझते हैं। मुझे बहुत दर्द होता है जब किसानों को बदनाम किया जाता है। किसानों को आतंकवादी, पाकिस्तानी, खालिस्तानी कहने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने हमेशा किसानों के लिए एक सेवादार के रूप में काम किया है। उन्होंने किसान आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए। अरविंद केजरीवाल ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिन्होंने मोदी-शाह को तीन बार दिल्ली में हराया। अब हुए किसान आंदोलन को और मजबूत बनाने के लिए 21 मार्च को बाघापुराना में किसान महासम्मेलन करने आ रहे हैं। किसान महा सम्मेलन के जरिए किसानों की आवाज को बुलंद किया जाएगा और मोदी सरकार को किसानों की मांग मानने के लिए मजबूर किया जाएगा। उन्होंने लोगों से 21 मार्च के किसान महा सम्मेलन में भारी संख्या में आने की अपील की।