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सुखबीर सिंह बादल द्वारा पंजाब को ‘बीमारू राज्यों’ में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा

सुखबीर सिंह बादल द्वारा पंजाब को ‘बीमारू राज्यों’  में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा
  • PublishedDecember 28, 2019

कहा कि कुनीतियों के कारण पंजाब हर क्षेत्र में आर्थिक ,खेतीबाड़ी, तथा अच्छा प्रशासन आदि में पिछड़ा

अपर्याप्त टैक्स संग्रह तथा राज्य का दीवालियापन निकलने वाली हालत के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार है

कहा कि मुख्यमंत्री ने पंजाबियों को सिर्फ जंगल राज, मंहगी बिजली, राज्य के स्रोतों की लूट तथा भ्रष्टाचार ही दिया है

चंडीगढ़/28दिसंबरः शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब को ‘बीमारू राज्यों’ की कतार में खड़ा करने के लिए सख्त निंदा की है, जोकि प्रशासनिक सुधार तथा सार्वजनिक शिकायतों के विभाग तथा सैंटर फाॅर गुड गर्वरनेंस द्वारा प्रशासनिक सूची (जीजीआई) में करवाए 18 राज्यों के मुल्यांकन में 13 वें नंबर पर आया है।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि हम अक्सर यह बात सामने लाए हैं कि पंजाब कुनीतियों का शिकार है, जिन्होने न सिर्फ राज्य का विकास का ठप्प कर दिया है, बल्कि इसकी वित्तीय स्थिति को भी तहस् नहस कर दिया है, नतीजन समाज के सभी वर्गों खासतौर पर किसानों, नौजवानों तथा गरीबों का जीना दूभर हो चुका है। उन्होने कहा कि अब केंद्र सरकार की रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि कर दी गई है, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन का मुल्यांकन करते हुए पंजाब को लगभग सबसे निचला दर्जा दिया है।

यह टिप्पणी करते हुए कि यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दोषी ठहराती है, सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इस रिपोर्ट ने वित्तीय प्रशासन में पंजाब को अंतिम स्थान में रखते हुए कहा है कि जीएसडीपी के अनुपात के अनुसार वित्तीय घाटे में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ राज्य के अपने टैक्स संग्रह में कमी आई है तथा जीएसडीपी अनुपात के अनुसार कर्जा बढ़ गया है। उन्होने कहा कि कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में लक्ष्य के अुनसार राज्य के टैक्सों से जीडीपी में 14 फीसदी बढ़ोतरी होने की बजाय सिर्फ 8 फीसदी की बढ़ोतरी ही हुई है। उन्होने कहा कि राजस्व संग्रह में पंजाब को पिछड़ा हुआ करार दिया गया है। जिसने इस वित्तीय साल के पहले सात महीनों के दौरान 9,467 करोड़ रूपए का लक्ष्य सिर्फ 16 फीसदी ही प्राप्त किया है।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि जीजीआई रिपोर्ट ने सरकार द्वारा व्यापार करने की आसानी तथा उद्योग के विकास के बारे किए सभी बड़े बड़े दावों का भांडा फोड़ दिया है तथा कांग्रेस तथा उद्योग श्रेणी में राज्य को अंतिम से पहला स्थान देकर राज्य द्वारा करवाए फर्जी निवेश सम्मेलन की पोल खोल दी है। उन्होने कहा कि खेतीबाड़ी तथा बाकी सेवाओं में पंजाब को 18 राज्यों में से 15 वां स्थान तथा समाज कल्याण तथा विकास कैटेगरी में 14वां स्थान दिया गया है।

यह टिप्पणी करते हुए कि पंजाब को दिवालिया घोषित किए जाने के खतरे के कारण स्थिति आगे और खराब होने की संभावना है, सरदार बादल ने कहा कि उद्योगों को राहत देने के वादों में से एक भी पूरा नही किया गया है। कोई नया बुनियादी ढ़ांचा नही बनाया जा रहा है। कर्मचारियों को वेतन भी समय पर नही मिल रहे। किसानों से मुकम्मल कर्जा माफी का, नौजवानों से घर घर नौकरी, 2500 रूपए प्रति महीना बेरोजगारी भत्ता तथा मोबाईल फोनों का तथा गरीबों के साथ समाज कल्याण योजनाएं लागू करने आदि वादों में से एक भी पूरा नही किया गया है।

यह टिप्पणी करते हुए कि श्री गुटका साहिब तथा दशमेश पिता के नाम की झूठी सौगंध खाकर पंजाबियों को धोखा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं जिम्मेदार है, अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पंजाबियों को जंगल राज दिया है, जिसने गैंगस्टर पैदा कर दिए हैं, जिनका संरक्षण मंत्री करते है। इसके अलावा इस सरकार ने घरेलु तथा व्यापक खपतकारों के बिजली बिलों में 30 फीसदी बढ़ोतरी कर दी है, कांग्रेसी मंत्रियों तथा विधायकों को अवैध रेत माईनिंग तथा भ्रष्टाचार की खुली छूट देकर राज्य के संसाधनों को लूटा जा रहा है।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि मुख्मंत्री ने अव्वल रहने वाले राज्य को पिछड़ा बनाकर पंजाबियों के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। उन्होने कहा कि इससे पहले विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार अकाली-भाजपा सरकार के समय शीर्ष पर रहने वाला पंजाब कांग्रेसी हुकूमत के दौरान व्यवसाय करने की आसानी रैंकिंग में खिसककर 20 वें स्थान पर पहुंच गया था। उन्होने कहा कि नीति आयोग की इनोवेशन सूचकांक के तहत जारी की सूची में भी पंजाब को कांग्रेसी हुकूमत के दौरान झारखंड जैसे बीमारू राज्य के साथ रखा गया था।

मुख्यमंत्री को कुंभकर्णी नींद से जागकर प्रदर्शन दिखाने के लिए कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि कांग्रेसी राज्य के दौरान 1500 से ज्यादा किसान आत्महत्याएं कर चुके हैं तथा 500 नौजवानों की ओवरडोज से मौत हो चुकी है। उन्होने कहा कि इतनी कड़ाके की सर्दी के बावजूद बच्चों को सर्दियों वाली वर्दियां तथा मिड डे मील जैसी प्राथमिक सुविधाएं भी नही दी जा रही हैं। दलित नौजवानों को वजीफे नही दिए जा रहे हैं तथा बुजूर्ग तथा गरीब वर्ग समाज कल्याण स्कीमों के लाभ को तरस रहे हैं।

सरदार बादल ने पंजाबियों को आश्वस्त किया कि अकाली दल आने वाले दिनों में सभी जनतक मुद्दे उठाएगा तथा कांग्रेस सरकार को लोगों से किए वादे पूरे करने के लिए मजबूर कर देगा।

Written By
The Punjab Wire