एन.डी.ए. की सरकार में हिस्सेदार रहते हुए अकाली दल ने क्यों नहीं उठाया मुद्दा
सत्ता से बाहर होने पर ही क्यों पंजाब और पंथ के मुद्दे अकाली दल को याद आते हैं-रंधावा
चंडीगढ़, 11 जनवरी: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर बरसते हुए कहा कि अकाली दल पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कत्ल के दोषी बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई के मुद्दे पर राजनीति कर रहा है। सुखबीर द्वारा राष्ट्रपति को राजोआणा को माफी और रिहा करने की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए स. रंधावा ने कहा कि सुखबीर ने यह माँग तब क्यों नहीं की जब उनकी पार्टी केंद्र की एन.डी.ए. सरकार में हिस्सेदार थी। उन्होंने कहा कि अब अकाली दल केंद्र की सत्ता से बाहर है और राजनैतिक लाभ लेने के लिए राजोआणा का मामला उठा रहा है।
जेल मंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि विभिन्न जेलों में बंद ऐसे कैदियों को छोड़ा जाये जिन्होंने अपनी सज़ा से अधिक कैद काट ली है। उन्होंने पूछा, ‘‘हरसिमरत कौर बादल जो उस समय पर केंद्रीय मंत्री थीं, ने सरकार के पास यह माँग रखते हुए रिहाई के लिए मदद क्यों नहीं की थी?’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि यह अकाली दल की प्रकृति बन गई है कि जब वह सत्ता में होते हैं तो पंजाब और पंथ समेत सब मुद्दे भूल जाते हैं और अपने निजी फायदों को प्राथमिकता देने लगते हैं, परन्तु जब वह सत्ता से बाहर होते हैं तो राजनैतिक लाभ लेने के लिए पंथक मुद्दे याद आ जाते हैं। स. रंधावा ने सुखबीर बादल को पूछा कि उसने रिहाई का मुद्दा अपने डेढ़ साल के लोक सभा सदस्य के कार्यकाल के दौरान क्यों नहीं उठाया। इसके अलावा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पंजाब दौरे के मौके पर भी क्यों नहीं यह मामला उठाया। सभी तथ्यों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सुखबीर द्वारा रिहाई का मुद्दा अब उठाना सिफऱ् राजनैतिक लाभ कमाने के लिए है, जबकि वास्तविकता में इस मामले के बारे में वह बिल्कुल भी गंभीर नहीं।’’