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पंजाब भाजपा अपने हाईकमान से पूछे कि उसने अटल बिहारी वाजपेयी के मूल सिद्धांतों को क्यों छोड़ दिया: शिरोमणी अकाली दल

पंजाब भाजपा अपने हाईकमान से पूछे कि उसने अटल बिहारी वाजपेयी के मूल सिद्धांतों को क्यों छोड़ दिया: शिरोमणी अकाली दल
  • PublishedDecember 17, 2020

कहा कि पंजाब भाजपा के नेता एक भाई (सिख) को दूसरे (हिंदू) के खिलाफ करने का खतरनाक खेल रही है: प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा

भाजपा अमृतसर के स्थानीय नेताओं से कहा कि अगर वे वास्तव में पंजाबियों की भलाई में रूचि रखते हैं तो वे शिरोमणी अकाली दल को निशाना बनाने की बजाय केंद्र के पास मुद्दे उठाएं

चंडीगढ़/17दिसंबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई से कहा है कि वह अपने हाईकमान से पूछे कि उसने अटल बिहारी वाजपेयी के मूल सिद्धांतों को क्यों छोड़ दिया तथा नफरत की राजनीति में लिप्त होने की बजाय गठबंधन धर्म का उल्लंघन किया, जिससे राज्य में शांति तथा साम्प्रदायिक सौहार्द्र ही बिगड़ेगा।

अमृतसर के कुछ भाजपा नेताओं के गैर जिम्मेदारान बयानों पर हैरानी जताते हुए कहा कि वे सौंपी गई पटकथा के अनुसार लाईनों को बोल रहे हैं। अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि ‘पंजाब भाजपा ने फूट डालों तथा राज करो की कांग्रेस की नीति को अपनाया है, जिसका राज्य में विनाशकारी दुष्परिणाम हो सकते हैं। शिरोमणी अकाली दल ने पंजाब भाजपा के नेताओं द्वारा खेले जा रहे खतरनाक खेल को साकार न करने की अपील की जो राज्य में शांति खराब करने को तैयार हैं। वे एक भाई (सिख) को दूसरे (हिंदू) के खिलाफ करने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं ताकि तीन कृषि मंडीकरण अधिनियम लोगों द्वारा अस्वीकार कर दिए जाएं।

प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने स्थानीय नेताओं से अपनी लड़ाई को केंद्र में ले जाने के बारे में कहते हुए कहा कि आपको अपनी पार्टी लीडरशीप से यह पूछने की जरूरत है कि उसने अटल बिहारी वाजपेयी की उदारवादी नीतियों को क्यों छोड़ दिया है तथा सभी को अपने साथ लेकर चलना भूल गए हैं। अकाली दल के खिलाफ जहर उगलने के बजाय आपकों केंद्र से पूछना चाहिए कि उसने किसान विरोधी कतार में क्यों खड़े हो गए। नई भाजपा काॅरपोरेट सेक्टर के साथ क्यों खड़ी है। इसने हितधारकों से विचार विमर्श किए बिना कानून क्यों बना दिया तथा यह एक ऐसा उपहार देने पर क्यों आमादा है जो किसान हरगिज नही चाहते हैं?

भाजपा के अमृतसर स्थित नेताओं से पूछा कि वे हिंदू तथा सिखों के अलग अलग शिविरों में ध्रुवीकरण करने की बजाय देश के कल्याण के बारे में सोचना शुरू करें, जिस तरह से उसने हिंदूओं तथा मुसलमानों को एक दूसरे के खिलाफ ध्रुवीकरण किया। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पंजाब अतीत में एक दशक से अधिक उथल पुथल से गुजरा है ,उसकी शांति को बिखेरने के लिए दूसरी नींव मत रखो।

अकाली दल की भूमिका के बारे में बोलते हुए प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने लोगों के कल्याण के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था। ‘ हम किसानों के कल्याण के साथ साथ जाति तथा धर्म ,प्रत्येक समुदाय के अलावा समाज के गरीब तथा दलित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। यही कारण है कि अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मांग की है कि सीएए का दायरा बढ़ाया जाए ताकि मुस्लिमों को इसमें शामिल किया जा सके। यही कारण है कि अकाली दल ने भाजपा आलाकमान से कहा कि वह कानून के लिए कृषि अध्यादेश लेने से पहले किसानों की चिंताओं को सुने। भाजपा ने आश्वासन दिया था कि सभी शिकायतों का समाधान किया जाएगा लेकिन ऐसा करने की बजाय उसने संसद के माध्यम से कृषि विधेयकों को पारित कर दिया ।

वरिष्ठ अकाली नेता ने भाजपा नेताओं से पंजाबियों को यह बताने के लिए कहा कि क्या भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से अपने विरोधियों को अलगाववादियों के रूप में निशाना बनाया है तथा यहां तक कि उनके लिए ‘टूकड़े टूकड़े’ गैंग जैसे विशेषण का आविष्कार भी किया है? आपने हिंदूओं को मुसलमानों के खिलाफ किया है। आपने शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को खालिस्तानी के रूप में लेबल किया है। अब आप पंजाब में सिखों के खिलाफ हिंदूओं को खड़ा कर रहे हैं। अकाली दल अध्यक्ष ने तो सच को सच कहा है। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि आपको इस वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए तथा यदि आप सही मायने में पंजाबियों का कल्याण चाहते हैं तो आपको अकाली दल अध्यक्ष को निशाना बनाने की बजाय केंद्र सरकार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

Written By
The Punjab Wire