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मलिक ने बॉर्डर के नजदीक रहने वाले किसानों व छोटे व्यापारियों की कठिनाईयों की आवाज संसद में उठाई I

मलिक ने बॉर्डर के नजदीक रहने वाले किसानों व छोटे व्यापारियों की कठिनाईयों की आवाज संसद में उठाई I
  • PublishedNovember 28, 2019

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने भारत-पाकिस्तान की अंतर-राष्ट्रिय सीमा पर रहने वाले किसानों तथा छोटे व्यापारियों को दरपेश आ रही कठिनाईयों की आवाज़ संसद में उठाते हुए कहाकि जैसे सीमा पर सेना और बीएसऍफ़ देश के लड़ाई लड़ती है, वैसे ही अंतर-राष्ट्रिय सीमा पर रहने वाले किसानों तथा छोटे व्यापारियों को रोज़ाना की अपनी जीविका चलाने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है I मलिक ने कहाकि पाकिस्तान द्वारा रोज़ाना भारतीय सीमा में कोई न कोई दखलंदाजी की जाती है, जिसे हमारी सुरक्षा सेनाएं असफल करती रहती हैं I


मलिक ने कहाकि सीमा के नजदीक बसे बसे गाँवों में रहने वाले किसानों, छोटे व्यापारियों तथा आम लोगों का जीवन बहुत ही कठिन है I उन्हें अपनी रोज़ाना की जीविका चलाने के लिए घर से दूर काम-काज के लिए जाना पड़ता है, उन्हें घर के पास ही रोजगार की बहुत जरूरत है I इन इलाकों में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उन्हें उस बीमार व्यक्ति के ईलाज के लिए भी कई-कई किलोमीटर दूर अस्पताल में लेजाना पड़ता है I इन सरहदी गाँवों में डिस्पेंसरीयां भी नहीं हैं I सीमा पर बसे इन गाँवों में रहने वाले बच्चों को पड़ने के दूर-दूर जाना पड़ता है, इन बच्चों के लिए स्कूलों की बहुत आवश्यकता है I सरहद के साथ लगते तथा फैंसिंग के पार वाले खेतों को जाने वाले रास्ते में कई छोटी-छोटी पुलियों की आवश्यकता है जो कि अभी तक नहीं बनी है, क्यूंकि किसानों व अन्य लोगों को वहां जाने के लिए बहुत कम समय दिया जाता है और वह लम्बे रास्ते से होकर अपने खेतों तक जाते हैं जिसमें बहुत समय बर्बाद हो जाता है I


मलिक ने कहाकि पिछले समय में जब दोनों देशों के दौरान टेंशन का माहौल था, तब उन्होंने सरहदी इलाकों का दौरा किया और वहां के लोगों के उत्साह को देखर वो हैरान रह गए I लोगों का कहना था कि हम अपने घर छोड़ कर कैम्पों में नहीं जायेंगे, हमें हथियार दो, ताकि हम सेना के साथ मिलकर दुश्मन के साथ दो-दो हाथ कर उनका मुकाबला करेंगे I मलिक ने कहाकि सहुलतों के अभाव के बाद भी लोग सीमा पर डटे हुए हैं I


मलिक ने लाल कृष्ण अडवानी, अटल सरकार व मोदी सरकार का धन्यवाद करते हुए कहाकि इनके द्वारा बॉर्डर ऐरिया डिवेलपमेंट फंड दिया जा रहा है I मलिक ने कहाकि इस फंड का ज्यादातर हिस्सा स्थानीय प्रशासन द्वारा विधयको के दबाव में सरहद के साथ लगते शहरी क्षेत्र में लग रहा है, जहाँ पर आबादी जयादा है, यह सरासर गलत है I मलिक ने मांग की कि सीमा के साथ लगते पांच किलोमीटर के ईलाके के लिए अलग से फंड दिया जाना चाहिए, ताकि कस्बों से दूर सीमा के साथ लगते गांवों में रहने वाले लोगों का विकास हो सके I

Written By
The Punjab Wire