कहा कि केंद्र सरकार को भी शांति गलियारें को फिर से खोलने की अनुमति देनी चाहिए: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
डेरा बाबा नानक/08अक्टूबर(मनन सैनी) गुरु नानक नाम लेवा संगत ने शिरोमणी अकाली दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आज करतारपुर कॉरिडोर के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट(आईसीपी) में एकत्र होकर अगले महीने श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व पर श्री करतारपुर साहिब जाने की मांग करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कॉरिडोर को फिर से खोलने की अरदास की।
श्रद्धालुओं ने इस जगह पर कीर्तन किया तथा जिसके बाद दुनिया भर से संगत की भावनाओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ‘शांति के गलियारे’ को फिर से खोलने के लिए वाहेगुरु से अरदास की गई।
इस अवसर पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भी इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि जहां अकाली दल आज संगत के साथ यहां अरदास करने और कॉरिडोर को फिर से खोलेन की अरदास करने आया था ,वही जंल्द ही इसके लिए केंद्र से भी औपचारिक अनुरोध भी करेगा।उन्होने कहा कि पंजाब सरकार को भी कॉरिडोर को जल्द खोलने में आसानी के लिए सकारात्मक भूमिका अपनानी चाहिए।
सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि भारत और दुनिया भर के सिखों ने श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व समागम में भाग लेने के लिए अगले महीने श्री करतारपुर साहिब आने की इच्छा जताई है। उन्होने कहा कि श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब का दर्शन करने के लिए पवित्र जगह से जुड़ना चाहते हैं जहां ‘गुरु नानक देव जी ने 18 साल तक खेतीबाड़ी की और खेती पर जोर दिया।
उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज की सरकारें जीवन को बनाए रखने के जिम्मेदार ‘अन्नदाता’ को उचित सम्मान व इतने महत्वपूर्ण व्यवसाय को वह सम्मान नही दे रही हैं जिसके वह हकदार हैं।
अकाली नेता ने कहा कि दुनिया भर के सभी प्रमुख धार्मिक स्थान जो मक्का सहित कोविड-19 महामारी के कारण आंशिक यां पूर्ण रूप से बंद कर दिए गए थे, को फिर से खोल दिया गया है। उन्होने कहा कि देश भर में धार्मिक स्थल दोबारा खुल गए हैं। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार को इसी तरह सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलेन की अनुमति देनी चाहिए।
इस धार्मिक समारोह में शिरोमणी अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा, लखबीर सिंह लोधीनंगल, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, रविकरन सिंह काहलों तथा सर्बजोत सिंह साबी सहित सभी क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया।