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लोकसभा, राज्यसभा में धक्के से बिल पास करने के उपरांत राष्ट्रपति से भी करवाए मोदी सरकार ने धक्के से हस्ताक्षर-सुखबीर बादल का आरोप

लोकसभा, राज्यसभा में धक्के से बिल पास करने के उपरांत राष्ट्रपति से भी करवाए मोदी सरकार ने धक्के से हस्ताक्षर-सुखबीर बादल का आरोप
  • PublishedSeptember 28, 2020

भारत के किसानों से नही ली गई कोई भी राय,भारत में तानाशाही नही लोकतंत्र है

किसानी ओर पंजाब को बचाने के लिए सुखबीर ने एकत्र होकर संघर्ष का दिया न्यौता 

लड़ाई को पार लगाने में कोई कसर नही छोड़ेगें- सुखबीर बादल

गुरदासपुर, 28 सितंबर (मनन सैनी)। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने गांव बब्बेहाली में जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली की अगवाई तले करवाई गई एक वर्कर मीटिंग में संबोधन करते हुए कहा कि किसानी और पंजाब को बचाने के लिए छेड़ी गई इस लड़ाई को पार लगाए बिना खत्म नही किया जाएगा। चाहे इसके लिए कोई भी कुरबानी क्यों न देनी पड़ी। 

भारी एकत्र को संबोधन करते हुए तथा केंद्र सरकार पर गरजते हुए बादल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले लोकसभा और राज्यसभा में धक्केशाही कर आर्डिनैंस पास करवाया और बाद में इस सरकार ने राष्ट्रपति से भी धक्के से बिल पर साईन करवा कर इसे कानून का रुप दिया। उन्होने कहा कि मोदी सरकार की हिंदोस्तान की किसी भी किसान जत्थेबंदी को बुलाया तक नही। बादल ने कैप्टन सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जाने संबंधी किए गए एलान संबंधी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले कैप्टन सरकार पंजाब में इस आर्डिनैंस के जैसे बनाए गए एक्ट को रद्द कर दिखाए। 

सुखबीर ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस भी मोदी सरकार से मिली हुई है। आम आदमी पार्टी की भूमिका भी किसी से छिपी नही है। बादल ने समूह संघर्ष करने वाले संगठनों को आवाहन किया कि वह एक प्लेट फार्म पर एकत्र हो और अकाली दल उनके पीछे लगेगा। 

इससे पहले पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह काहलों, विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल सहित अन्यों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली तथा किसानों के हक में डटने का ऐलान किया। इस मीटिंग में मुख्य प्रंबंधक तथा जिला प्रधान बब्बेहाली ने बादल को विश्वास दिलाया कि 1 अक्तूबर को अकाली दल की ओर से किए जा रहे रोष प्रर्दशन में जिले के नेता, वर्कर और किसान बड़ी गिनती में शुमार होगें। इस मौके पर सुखबीर सिंह बादल का भी सम्मान किया गया। इस मीटिंग में रविकर्ण सिंह काहलों, इंद्रजीत सिंह बाजवा, सुखबीर सिंह वाहला, इकबाल  सिंह माहल, राजनदीप सिंह धुमान, सुखबीर सिंह वाहला, सतीश कुमार डिंपल, जतिंदर सिंह पप्पा, हैपी पाहड़ा, महिंदर सिंह गोराया आदि मौजूद थे। 

Written By
The Punjab Wire