भाजपा से अलग होकर अकाली दल अब दूध से धुला नहीं हुआ, नाख़ुन-मांस के अलग होने से पहले पंजाब, अल्पसंख्यक और किसान विरोधी फ़ैसलों के लिए जि़म्मेदार बादल दल अपने गुनाहों से पीछा नहीं छुड़ा सकता
भाजपा द्वारा अकाली दल के किसानों को मनाने की लगाई गई ड्यूटी के बयानों संबंधी स्पष्टीकरण दे बादल परिवार
चंडीगढ़, 27 सितम्बर: अकाली दल द्वारा राजनैतिक मजबूरी और किसानों के व्यापक गुस्से के आगे झुकते हुए एन.डी.ए. छोडऩे के बाद भी बादल दल भाजपा के पीछे लगकर किए गए गुनाहों से पल्ला नहीं छुड़वा सकता और भाजपा की कठपुतली बनकर बादलों द्वारा डॉ. मनमोहन सिंह की की गई आलोचना के लिए सार्वजनिक माफी माँगनी चाहिए। यह माँग सीनियर कांग्रेसी नेता और कैबिनेट मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहाँ जारी प्रैस बयान में दिया। स. रंधावा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व अधीन यू.पी.ए. सरकार द्वारा पटरी पर लाई गई देश की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने वाली एन.डी.ए. सरकार में बादल दल बराबर के हिस्सेदार थे, इसके बावजूद उन्होंने भाजपा की कठपुतली बनकर डॉ. मनमोहन सिंह की निजी तौर पर आलोचना जारी रखी।
और तो और पंजाब को बड़े फायदे देने के बावजूद डॉ. मनमोहन सिंह को कभी भी अकालियों की तारीफ़ हासिल नहीं हुई। अब जब कि अकाली दल को राजनैतिक मजबूरी के कारण लगने लगा है कि भाजपा पंजाब विरोधी है तो बादल परिवार को अपनी की गई गलतियों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री से माफी माँगनी चाहिए। कांग्रेसी मंत्री ने आगे कहा कि अकाली दल आज भाजपा से अलग होकर दूध का धुला नहीं हो सकता। एन.डी.ए. सरकार के समय पर पंजाब, अल्पसंख्यकों और किसानों के साथ कमाए गए द्रोह के लिए अकाली दल बराबर का हिस्सेदार है और उनके लाख सफ़ाई देने के बावजूद इन गुनाहों से पीछा नहीं छूट सकता। केंद्र सरकार के गुनाह भरे फ़ैसलों के लिए अकाली दल बराबर का जि़म्मेदार है, जिन्होंने देश के संघीय ढांचे पर हमला, ग़ैर-संवैधानिक फ़ैसलों, सी.ए.ए., जम्मू-कश्मीर से पंजाबी भाषा को बाहर करना, किसान विरोधी काले कानून और बिजली सम्बन्धी बिल आदि शामिल हैं।
स. रंधावा ने अकाली दल को यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि भाजपा द्वारा अकाली दल पर कृषि अध्यादेशों संबंधी अवगत होने और किसानों को मनाने की लगाई गई ड्यूटी के बयानों संबंधी बताना चाहिए। भाजपा ने अकाली दल के दोहरे मापदण्डों का पर्दाफाश कर दिया है। अकाली दल द्वारा राज्य के साथ कमाए गए द्रोहों और किए गए धोखों के लिए राज्य के लोग और ख़ासकर किसान कभी भी क्षमा नहीं करेंगे।