अकाली दल प्रधान द्वारा मनरेगा में 1000 करोड़ रुपए के घपले का दोष बेबुनियाद, मंजूर बजट 800 करोड़ रुपए
फरेब के आसरे खोया हुआ राजनैतिक आधार तलाशने की कोशिश छोड़कर अकाली दल प्रधान जमीनी हकीकतों से अवगत हो – रंधावा की सुखबीर को सलाह
सुखबीर को डेरा बाबा नानक का कोई भी गाँव चुनकर एक पैसे की भी अनियमितता सिद्ध करने की खुली चुनौती दी
चंडीगढ़, 24 अगस्तः‘‘लगता है कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को राज्य में की जा रही विकास केन्द्रित पहलदमियों के सिलसिले में सफेद झूठ बोलने की बुरी आदत पड़ चुकी है जोकि उसके द्वारा राज्य में मनरेगा स्कीम के अंतर्गत 1000 करोड़ रुपए के काल्पनिक घोटाले के बेबुनियाद आरापों से स्पष्ट होता है।’’ इन इल्जामों को सफेद झूठ बताते हुए सीनियर कांग्रेसी नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब के लोग अब इस बात से अच्छी तरह अवगत हो चुके हैं कि सत्ता से बाहर होते ही अकाली अपनी खो चुकी राजनैतिक साख बहाल करने के लिए तिलमिलाते रहते हैं और ऐसे ओछे इल्जाम लगाने शुरू कर देते हैं। परन्तु सत्ता में आते ही इनको अपने सभी मुद्दे भूल जाते हैं।
स. रंधावा ने कहा कि इनकी ऐसी भद्दी हरकतों के कारण ही इनको विधानसभा चुनाव में विपक्ष का भी रुतबा नहीं मिला और अकाली दल 14 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर सिमट गया जोकि इनके राजनैतिक खात्मे का सूचक है।तथ्यों पर बात करते हुए कांग्रेसी नेता ने कहा कि इस साल मनरेगा के कुल 800 करोड़ रुपए के बजट में से अब तक 390 करोड़ रुपए का कुल खर्च हुआ है जिसमें से साजो-सामान की खरीद पर सिर्फ 88 करोड़ का खर्च ही हुआ है। उन्होंने कहा कि साल 2017 में बनी कांग्रेस सरकार द्वारा अब तक साजो-सामान पर सिर्फ 520 करोड़ रुपए का ही खर्च किया गया है। उन्होंने सुखबीर सिंह बादल से पूछते हुए कि 520 करोड़ रुपए के खर्चे में से 1000 करोड़ रुपए का घपला कैसे संभव है, कहा कि यह सुखबीर ने अपने स्वभाव के मुताबिक झूठ बोलते हुए हवा में तीर चला दिया।स. रंधावा ने कहा कि सुखबीर ने अपनी राजनैतिक इच्छाओं की खातिर गरीब लोगों की रोजी रोटी पर लात मारने की भद्दी कोशिश की है। इस स्कीम अधीन इस समय पंजाब में तकरीबन दो लाख तीस हजार वर्कर काम कर रहे हैं, जबकि पंजाब में लॉकडाउन लगने के समय यह संख्या सिर्फ 60,000 थी।
कोरोना महामारी के दौर के इस साल में 114 लाख मानवीय दिहाडि़यां पैदा करके गरीब लोगों को रोजगार मुहैया करवाया है। सुखबीर अपने तथ्य रहित बयानों से इस स्कीम को बंद करवाने पर उतारू है। इस स्कीम के अंतर्गत काम कर रहे कुल वर्करों में 68 प्रतिशत दलित समुदाय से सम्बन्धित हैं और कुल वर्करों में से 58 प्रतिशत औरतें हैं।कांग्रेसी नेता ने सुखबीर सिंह बादल को चुनौती देते हुए कहा कि वह मुद्दाहीन हुई अपनी पार्टी की राजनैतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए झूठे बयान देने की जगह तथ्यों सहित आंकड़े पेश करें। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल उसके डेरा बाबा नानक हलके का कोई भी एक गाँव चुन ले और एक पैसे की भी अनियमितता सिद्ध करके दिखाए। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से अकाली दल प्रधान ने मुद्दे तो बहुत उठाए हैं परन्तु आंकड़े किसी के भी सही नहीं पेश कर सका।