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घल्लूघारा दिवस कांग्रेस की सिखों के प्रति नफरत का प्रतीक- सुखबीर सिंह बादल

घल्लूघारा दिवस कांग्रेस की सिखों के प्रति नफरत का प्रतीक- सुखबीर सिंह बादल
  • PublishedJune 6, 2020

सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस के सिख नेताओं को अपनी अंतरआत्मा में झांकने के लिए कहा

कमलनाथ जैसे दोषियों को शीघ्र गिरफतार किए जाने की आशा प्रकट की

कहा कि ‘बहादुर सिख कौम उनकी हमेशा आभारी रहेगी जिन्होने सिख समुदाय के लिए अपनी जिंदगी को जोखिम में डाला

चंडीगढ़/06जूनः शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि पहले 1 जून 1984 तथा उसी साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान हुई दर्दनाक घटनाएं केंद्र तथा पंजाब की उस समय की कांग्रेस सरकार द्वारा किए बेरहमी तथा नफरत भरी सिख विरोधी नीतियों से लिए गए निर्णयों का प्रतीक हैं।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार बादल ने कहा कि आज सारी दुनिया में लाखों सिखों का नेतृत्व करते हुए सिख समुदाय के साथ मिलकर खालसा पंथ की चढ़दी कलां के लिए अरदास की तथा जून 1984 के पहले सप्ताह घल्लूघारे के दौरान कांग्रेस पार्टी की सरकारों के हाथों शहीद हुए हजारों निर्दोष तथा मासूम श्रद्धालुओं की आत्मिक शांति के लिए अरदास की। उन्होने कहा कि आज भी मुझे हैरानी होती है कि अपने ही देश की कोई सरकार असलियत से परे होकर भयानक तथा विश्वास न किए जा सकने वाले कदम उठाते हुए तुच्छ राजनीति के लिए मानवता के सबसे पवित्र स्थान श्री दरबार साहिब पर टैंकों तथा तोपों से हमला कर देगी।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि बाद में दुनिया ने ऐसी डरावनी सच्चाई देखी जिसपर विश्वास नही किया जा सकता था कि हजारों ही सिखों के कातिलों को सजा देने की जगह राजीव गांधी ने हत्यारों को कैबिनेट मंत्री के पदों समेत सत्ता जैसे अन्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया।‘राजीव गांधी स्पष्ट तौर पर सिखों के घावों पर नमक छिड़क रहा था’।

अकाली नेता ने कांग्रेस के सिख नेताओं का आहवाहन किया कि वह अपनी अंतरआत्मा में झांकेंगे तो दिखेगा कि वह ऐसी पार्टी का साथ देकर बहुत बड़ा गुनाह कर रहे हैं जिसके हाथ हजारों मासूम सिख पुरूषों, महिलाओं तथा बच्चों के कत्ल से रंगे हुए हैं जिसने खालसा पंथ के लिए घल्लूघारे को असली जामा पहनाया।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की एनडीए सरकार ने दोषियों को सजाएं देने का असली काम शुरू किया। उन्होने कहा कि केंद्र में समय पर आई कांग्रेस सरकारों ने दशकों तक पूरा जोर लगाकर अपने अपराधों को छिपाने का काम किया। उन्होने कहा कि तथ्यों को जोड़ने का काम बेहद कठिन था तथा गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भी कठिन था क्योंकि शक्तिशाली कांग्रेसी नेताओं ने उन्हे बेहद डराया हुआ था।

सरदार बादल ने कहा कि जून 1984 का घल्लूघारा तथा फिर उसी साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान हुई दुखदाई घटनाओं ने साबित कर दिया कि कांग्रेस पार्टी कातिल माफिया की तरह घूम रही थी। पार्टी के नेता सरकार तथा पार्टी के ढ़ांचे में बड़े पद से सम्मानित कर रखा था तथा वह गैंगस्टरों के गॉडफादर बने हुए थे तथा खून की प्यासी कातिल भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे तथा यह भीड़ दिल्ली तथा देश के अन्य भागों में सिख कॉलोनियों तथा घरों को निशाना बनाकर बड़ी बेरहमी से दहशत से कत्लेआम कर रहे थे। हजारों सिख पुरूष, महिला तथा बच्चे सरकार द्वारा स्पांसर की इस हिंसा की बदौलत तीन ही दिनों में शहीदी प्राप्त कर गए थे।

सरदार बादल ने कहा कि सिख समुदाय, पंजाब के लोगों तथा देश के अन्य लोगों को कांग्रेसी नेताओं के तुच्छ राजनीतिक हितों के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ी है। पर बहादुर तथा दिलेर सिख समुदाय हमेशा ही देश की बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों में प्रमुख बुद्धिजीवी पत्रकार, न्यायाधीश, लेखक, मानवाधिकार तथा नागरिक स्वतंत्रता एक्टीविस्ट तथा संस्थाएं शामिल थी की आभारी होंगी जो नंवबर 1984 में निहत्थे तथा बुरी तरह फंसे मासुम सिखों को बचाने के लिए आगे आए तथा बाद में पूरी दृढ़ता से गवाही दी जिसके कारण सज्जन कुमार जैसे कातिलों को सजा मिलनी सुनिश्चित हुई। उन्होने कहा कि इन दयावान तथा दिलेर दिलों के लोगों के साथ सिख समुदाय श्री वाजपेयी के बाद में वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की आभारी है जिन्होने सिखों के लिए न्याय प्रक्रिया को सुनिश्चित बनाया तथा अन्य बहुत सारे दोषी पुरूष तथा महिलाओं को कानून के अनुसार सजाएं होनी तय हैं। उन्होने कहा कि समय आ गया है कि कमलनाथ जैसे हाईप्रोफाईल कांग्रेसी नेताओं को भी कानून का सामना करे तथा गुनाहों की सजा मिले।

Written By
The Punjab Wire