Close

Recent Posts

ਪੰਜਾਬ ਰਾਜਨੀਤੀ

ब्याज समेत भुगतान किया जाए किसानों के गन्ने की अरबों रुपए की बकाया राशि -हरपाल सिंह चीमा

ब्याज समेत भुगतान किया जाए किसानों के गन्ने की अरबों रुपए की बकाया राशि -हरपाल सिंह चीमा
  • PublishedMay 30, 2020

‘आप’ ने 10 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए तीखे संघर्ष की दी चेतावनी

‘आप’ नेताओं ने सरकार के साथ-साथ अकालियों और कांग्रेसियों को भी घेरा 

अकाली और कांग्रेसी नेता हैं कई प्राईवेट शुगर मिलों के मालिक

चंडीगड़, 30 मई । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के राज्य की सहकारी और प्राईवेट शुगर मिलों के पास पिछले 2 सालों से बकाया खड़ी अरबों रुपए की रकम ब्याज समेत देने की मांग की है। पार्टी ने सरकार और प्राईवेट शुगर मिलों के मालिकों को चेतावनी दी है कि यदि 10 दिनों के अंदर-अंदर गन्ना उत्पादन किसानों की बकाया राशि ब्याज समेत भुगतान न की तो सरकार और शुगर मिलों के अकाली-कांग्रेसी मालिक तीखे संघर्ष का सामना करने के लिए तैयार रहे। 

‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के सीनियर व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने बताया कि किसानों का करीब 750 करोड़ रुपए के गन्ने का बकाया सरकार की सहकारी और प्राईवेट शुगर मिलों के पास पिछले लंबे समय से बकाया खड़ा है। 

 हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी वर्गों की तरह गन्ना उत्पादक अपनी आगामी फसल की बिजाई और संभाल के लिए खुद पैसा पैसा को तरस रहे हैं, जबकि इन किसानों की खून-पसीने की कमाई दबा कर शुगर मिल मालिक आनंद ले रहे हैं। चीमा ने कहा कि प्राईवेट शुगर मिलों के कांग्रेसी और अकाली मालिक तो अपने अंधे लाफ के लिए किसानों के हितों को कुचल ही रहे हैं, इस मामले में पंजाब सरकार की सहकारी शुगर मिलों के भी किसानों का करीब 300 करोड़ रुपए का बकाया खड़ा है। 

 चीमा ने कहा कि सरकार सीधे रूप में प्राईवेट शुगर मिल माफिया के हाथों में खेल रही है। प्राईवेट शुगर मिल मालिकों पर दबाव न पड़े इस लिए सहकारी शुगर मिलों के बकाए सोची समझी साजिश के अंतर्गत रोके जा रहे हैं। सहकारी शुगर मिलों के पास खड़ी कुल बकाया राशि में 41 करोड़ रुपए तो लगभग 2 साल पुराना हैं। 

 विधायक जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण सरकार ने बैंकों के कर्ज की वसूली तीन महीने के लिए मुलतवी करने का ऐलान किया हुआ परंतु किसान जब आगामी फसल के लिए कर्जे / लिमट के लिए सहकारी बैंकों के पास पहुंच करता है। जिससे किसानों को पिछला कर्ज ब्याज समेत उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह बेइन्साफी है। यहां तक कि जो किसान समय पर सहकारी बैंकों का कर्ज/लिमट नहीं भर रहा उसे डिफालटर के तौर पर 4 प्रतिशत फालतू ब्याज के साथ 11 प्रतिशत तक ब्याज देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 

हरपाल सिंह चीमा और जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि एक तरफ किसानों को 20-50 हजार रुपए का कर्ज भी बिना ब्याज नहीं मिलता, दूसरा किसानों के गन्ने की अरबों रुपए की राशि शुगर मिलों में 2-2 सालों तक बिना ब्याज दबी रहती हैं। 

हरपाल सिंह चीमा और जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि हर रोज किसानों के हक में मगरमच्छ के आंसू बहाने वाले अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ अपने शुगर मिल मालिक अकाली और कांग्रेसी नेताओं पर किसानों का बकाया जारी करने के बारे में दबाव क्यों नहीं डालते?

 ‘आप’ नेताओं ने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के करीबी चड्ढा परिवार की कीड़ी अफगाना शुगर मिल के पास 145 करोड़, यूपी के राजनीतिज्ञ डीपी यादव की मुकेरियां शुगर मिल के पास 128 करोड़ और धूरी शुगर मिल के पास 20 करोड़ रुपए, मुख्य मंत्री के करीबी विधायक राणा गुरजीत सिंह की बुट्टर शुगर मिल के पास 40 करोड़, सुखबीर सिंह बादल के करीबी और अकाली दल के सीनियर नेता जरनैल सिंह वाहिद की फगवाड़ा शुगर मिल के पास 83 करोड़ रुपए और बाकी शुगर मिलों के पास 10 करोड़ से अधिक की बकाया राशि खड़ी है। 

   ‘आप’ नेताओं ने मांग किया है कि  यह बकाया राशि 10 दिनों के अंदर-अंदर ब्याज समेत भुगतान की जाए। 

Written By
The Punjab Wire