कहा कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के गुनाहों को छिपाने का प्रयास कर रहा है
चीमा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री बरगाड़ी बेअदबी केस में न्याय सुनिश्चित करने के लिए संजीदा है तो उसे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास यह जांच किसी वर्तमान न्यायाधीश को सौंपने का अनुरोध करना चाहिए
चंडीगढ़/06मार्चः शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लगाए इन दोषों को कोरा झूठ करार दिया है कि अकाली दल सीबीआई पर प्रभाव डालकर इंसाफ के रास्ते में अड़चन डालने का प्रयास कर रहा है। पार्टी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि यदि वह इस केस में न्याय होता देखने के लिए सचमुच संजीदा है तो उसे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध करना चाहिए कि बरगाड़ी बेअदबी केस की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश को सौंपी जाए।
यह टिप्पणी करते हुए कि मुख्यमंत्री ऐसे झूठे तथा गुमराह करने वाले बयान देकर बरगाड़ी केस में अपनी सरकार की विफलता को छिपा नही सकता, जिनका कोई आधार ही नही है, अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पिछले तीन सालों में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री यां गृहमंत्री से बात करनी भी आवश्यक नही समझी।
उन्होने कहा कि अब भी मुख्यमंत्री कांग्रेसी मंत्रियों पर बहबलकलां पुलिस फायरिंग केस से संबधित पुलिस कर्मियों को बचाने के दोष लगने के बाद अपनी विफलाओं से ध्यान हटाने के लिए ऐसे हथकंडों का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होने कहा कि मुख्य गवाह के परिवार ने विधानसभा में जाकर बताया है कि किस तरह गुरप्रीत सिंह कांगड़ तथा फरीदकोट विधायक कुशलदीप सिंह ढ़िल्लों ने दोषी पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिए मुख्य गवाह को धमकाया तथा परेशान किया था। उन्होने कहा कि एक अन्य गवाह के परिवार ने भी पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट को बताया है कि किस तरह निर्दोष सिखों पर गोलियां चलाने के दोषी 11 पुलिस अधिकारियों में से 7 अधिकारियों के नाम मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के कहने पर एफआईआर से हटाए जा चुके हैं।
डॉ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले की जांच सीबीआई से नही करवाना चाहता क्योंकि इससे गवाहों पर गवाही वापिस लेने के लिए दबाव डालने के लिए उसकी अपनी पार्टी के नेता तथा मंत्री फंस जाएंगे। उन्होने कहा कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री बुरी तरह घबरा गया है तथा आधारहीन तथा झूठे बयान जारी कर रहा है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि अकाली दल हमेशा बेअदबी जैसा घिनौना अपराध करने वाले दोषियों का पर्दाफाश करने तथा उनके खिलाफ केस दर्ज करने के पक्ष में रहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में सीबीआई जांच से घबराना नही चाहिए। यदि अभी भी उसके मन में कोई संशय है तो उसे इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट को कहने से झिझकना नही चाहिए।