चंडीगढ़/26जनवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज प्राईवेट नशा मुक्ति केंद्रों में नशे के रोगियों के लिए इस्तेमाल की जाती बुप्रेनोरफिन की 5 करोड़ गोलियां इधर उधर करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू को तत्काल बर्खास्त करने तथा उसके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है।
इस घोटाले के बारे पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू 300 करोड़ रूपए के घोटाले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है, क्योंकि स्वास्थ्य सचिव द्वारा यह मामला उठाए जाने पर सिद्धू ने इसे रफा दफा करने की कोशिश की थी जबकि स्वास्थ्य सचिव ने इस मामले की जांच का भी आदेश दिया था।
इस बारे अन्य जानकारी देते हुए सरदार मजीठिया ने बताया कि जब 8.3 करोड़ बुप्रेनोरफिन गोलियों में से पांच करोड़ गोलियां गायब हो गई तो स्वास्थ्य विभाग के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई क्योंकि यह गोली सिर्फ डॉ. के कहने पर ही दी जाती है तथा मरीजों को नही सौंपी जाती। उन्होने कहा कि इसके वर्तमान रूप में यह गोली एक स्वास्थ्य चिकित्सक द्वारा मरीज की जीभ के नीचे रखी जाती है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि जब यह बात सामने आई कि यह गोलियां अवैध तौर पर दी जा रही हैं तो स्वास्थ्य सचिव ने इसकी जांच का आदेश दे दिया, पर स्वास्थ्य मंत्री ने जांच रूकवा कर संबधित सिविल सर्जनों से इस बारे स्टेट्स रिपोर्ट मांग ली। उन्होने कहा स्वास्थ्य सचिव का तबादला करवाने की कोशिशें की गई, जब यह कामयाब न हुई तो मंत्री ने दवाई ऑनलाईन बांटे जाने की जांच करवाने का आदेश दे दिया। उन्होने कहा कि इस साल जनवरी में जब स्वास्थ्य सचिव छुट्टी पर था तो बलबीर सिद्धू ने दोषी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए यह मामला बंद करने की कोशिश की थी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि सिर्फ इतना ही नही स्वास्थ्य मंत्री ने दवाईयों के अनिवार्य परीक्षण में असफल होने के बाद ब्लैक लिस्ट की रूसन फार्मा की अनावश्यक सहायता की थी। उन्होने कहा कि मंत्री ने फार्मा कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जगह, इसे दोबारा सरकारी पैनल में डाल दिया था। सरदार मजीठिया ने कहा कि दोषियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए इस मामले की स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है