अकाली-भाजपा राज के मुकाबले मौजूदा समय में बिजली दरों में वृद्धि तुलनात्मक कम: कैप्टन अमरिन्दर सिंह
चंडीगढ़, 4 जनवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को अकाली दल द्वारा राज्य में बिजली दरों में वृद्धि पर प्रदर्शन करने की दी गई धमकी और दो पूर्व अकाली सरपंचों के कत्ल के मामलों में दिए अल्टीमेटम पर घेरते हुए ऐसे शर्मनाक राजनैतिक स्टंट से बाज आने की नसीहत दी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों द्वारा दोनों मुद्दों पर सडक़ोंं पर उतरने की धमकी देना केवल नाटक है जो अपने 10 साल के कुकर्मों और बुरे प्रशासन को छिपाने की केवल एक कोशिश है और अपने राजनैतिक लाभों की पूर्ति के लिए उठाया गया एक कदम है। उन्होंने अकालियों को कहा, ‘‘आप ऐसे राजनैतिक ड्रामों से अपने किये बुरे कामों को नहीं छिपा सकते।’’
अकाली दल द्वारा पूर्व अकाली सरपंच बाबा गुरदीप सिंह और दलबीर सिंह ढिलवां के कातिलों को दो हफ्ते तक गिरफ्तार न करने की सूरत में धरने देने की दी धमकी पर बरसते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब पुलिस पिछली अकाली -भाजपा सरकार के कार्यकाल के मुकाबले मौजूदा सरकार के दौरान पेचीदा और महत्वपूर्ण मामलों को हल करने में बढिय़ा काम कर रही है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसे अभद्र अल्टीमेटम अकाली सरकार के दौरान ही काम करते होंगे जब अनेकों बेगुनाह लोगों को झूठे मामलों में फंसाकर सलाखों के पीछे फैंक दिया जाता था परंतु उनके (मौजूदा सरकार) कार्यकाल में किसी भी बेकसूर व्यक्ति के खि़लाफ़ कार्यवाही नहीं की जाती जिसने कोई गुनाह न किया हो। पुलिस पूरी पेशेवर पहुँच के साथ अपना काम कर रही है और दोनों मामलों में जांच का काम पूरी तरह सही दिशा में चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह केस भी वैसे ही हल हो जाएंगे जैसे उनकी सरकार द्वारा अन्य बड़े मामलों को हल किया गया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकाली सरकार के समय की नाकामियों के विवरण देते हुए बताया कि अकाली सरकार अपने कार्यकाल के दौरान सिलसिलेवार कत्ल के बड़े मामलों में से कोई भी केस हल करने में नाकाम रही थी जो जनवरी 2016 में शुरू हुए थे जिनमें ब्रिगेडियर गगनेजा का कत्ल प्रमुख था। उन्होंने कहा कि अकालियों के राज के दौरान विकी गौंडर, प्रेमा लहौरिया जैसे ‘ए’ कैटेगरी के गैंगस्टर खुलेआम घूमते थे जो अकालियों के जंगल राज की गवाही देते थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में अकाली -भाजपा सरकार सभी कठिन मामलों को सी.बी.आई. के पास भेजने में माहिर थी।
यह सिलसिलेवार कत्ल चाहे आर.एस.एस. और हिंदु नेताओं या गैंगस्टरों या अन्य नामधारियों से सम्बन्धित थे जिनमें माता चंद कौर का कत्ल भी शामिल था। नेशनल क्राईम रिकार्ड्ज़ ब्यूरो की नवंबर 2016 की रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि साल 2015 के अंत तक पंजाब में आई.पी.सी. की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज मामलों में से 44.7 प्रतिशत केस हल नहीं हुए थे। इस बुरे रिकार्ड में पंजाब से आगे सिफऱ् तीन उत्तर-पूर्वी राज्य थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों की ओर से विरासत में मिली अमन कानून की बुरी व्यवस्था के बावजूद उनकी सरकार द्वारा राज्य के लोगों को शान्ति और सुरक्षा के माहौल देने के लिए विभिन्न बड़े मामलों को हल करने में सफलता हासिल की गई। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार द्वारा सत्ता संभालने के बाद 1.33 करोड़ रुपए की कैश वैन लूटने वाले अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा सात बड़े कत्ल के मामलों को हल किया गया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि नाभा जेल ब्रेक के ज़्यादातर दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी तरह निरंकारी भवन और मकसूदा पुलिस थाने के हमलावरों को जल्दी ढूँढ कर गिरफ्तार किया गया। जहाँ तक गैंग्स्टरों के साथ निपटने का सम्बन्ध है, ‘ए’ और ‘बी’ केटेगरी के 33 गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया। कुल मिलाकर 100 के करीब कत्ल, लूट, जबरन वसूली आदि के बड़े मामलों को हल किया गया।मुख्यमंत्री ने अकालियों को चुनौती देते हुए कहा, ‘‘आप हमें अल्टीमेटम देने की बात कर रहे हो। आप अपने राज के दौरान हल किया गया केवल एक ही बड़ा केस गिनवाओ।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकालियों द्वारा बिजली दर में वृद्धि पर की जा रही राजनीति पर भी घेरते हुए कहा, ‘‘आप हमारे बारे में बोलने से पहले अपना रिकार्ड क्यों नहीं देखते।’’ उन्होंने अकाली नेता को बताया कि 2007 से 2017 तक अकाली राज के दौरान बिजली दर में वृद्धि मौजूदा सरकार के समय में हुई वृद्धि की अपेक्षा अधिक थी। उन्होंने आंकड़े दिखाते हुए आगे बताया कि अकाली -भाजपा राज के दौरान 2006-07 में 2001-02 के मुकाबले 22.51 प्रतिशत वृद्धि हुई, 2011-12 में 2006 -07 के मुकाबले 42.13 प्रतिशत, 2016 -17 में 2011 -12 के मुकाबले 24.77 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसी के मुकाबले मौजूदा सरकार में 2019 -20 में 2016 -17 के मुकाबले केवल 13.69 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।उन्होंने आगे कहा कि अकालियों ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए 2015-16 में बिजली दरों और एफ.सी.ए. (फ्यूल कोस्ट एडजस्टमेंट) सरचार्ज नहीं बढ़ाया जबकि 2016 -17 में इसको -0.65 घटा दिया गया जिसके परिणामस्वरूप 2017 -18 में 9.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो कि थोड़ी सी अधिक थी। इसके बाद यह वृद्धि बहुत कम थी। 2017 -18 में 2.17 प्रतिशत और 2018 -19 में 1.78 प्रतिशत थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों के कार्यकाल के दौरान हुए कुप्रबंध और निष्फलता के प्रभाव को मौजूदा सरकार ने तीन साल से कम समय के अंदर ख़त्म किया। उनकी सरकार ने पंजाब को बुरी स्थिति में से निकालते हुए प्रगतिशील राज्य बनाया और अराजकता वाला माहौल अब बीते दिनों की बात हो गई है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकालियों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘सडक़ोंं पर धरने देकर आप लोगों के दिल नहीं जीत सकते जिनको पता है कि आप सिफऱ् मगरमच्छ के आंसू ही बहा रहे हैं और लोग आपका कभी विश्वास नहीं करेंगे।’’