CORONA ਰਾਜਨੀਤੀ

कैप्टन सरकार की ओर से कोरोना महामारी के दौरान शहरी क्षेत्र की जायदादों के रजिस्टरी मूल्यों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला निंदनीय -हरपाल सिंह चीमा

कैप्टन सरकार की ओर से कोरोना महामारी के दौरान शहरी क्षेत्र की जायदादों के रजिस्टरी मूल्यों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला निंदनीय -हरपाल सिंह चीमा
  • PublishedMay 15, 2021

जिस समय सरकार को टैक्सों में छूट देकर लोगों की आर्थिक मदद करनी चाहिए थी, उस समय कैप्टन सरकार ने 18 प्रतिशत जीएसटी लागू करके लोगों का खून चूसा 

लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई इक_ी करके अपना घर बनाने का सपना लिया था, उस सपने पर कैप्टन सरकार ने चोरी से मारा डाका 

चंडीगढ़, 15 मई । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कैप्टन सरकार की तरफ से कोरोना महामारी के दौरान शहरी क्षेत्र की जायदादों के रजिस्टरी मूल्यों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सख्त निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि कैप्टन सरकार रजिस्टरी मूल्यों पर जीएसटी तुरंत वापस ले।
शनिवार को हरपाल सिंह चीम ने जारी एक बयान के द्वारा कहा कि जब पंजाब में कोरोना महामारी का कहर चल रहा है और लोगों के कारोबार और नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं, तब ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की तरफ से प्रदेश में शहरी क्षेत्र की जायदादों पर चुप चाप तरीके से 18 प्रतिशत जीएसटी लागू करना एक निंदनीय फैसला है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले कांग्रेस सरकार ने जायदादों की रजिस्टरियों पर 0.25 प्रतिशत स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट टैक्स (सर्विस चार्ज) लगाया था, परन्तु अब कैप्टन सरकार ने रजिस्टरियों के रेटों पर 9 प्रतिशत स्टेट जीएसटी और 9 प्रतिशत केंद्रीय जीएसटी लागू करके लोगों पर ओर आर्थिक बोझ डाल दिया है।
हरपाल सिंह चीमा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते कहा कि कोरोना महामारी के कारण जिस समय सरकार को टैक्सों में छूट दे कर लोगों की आर्थिक मदद करनी चाहिए थी, उस समय कैप्टन सरकार ने 18 प्रतिशत जीएसटी लागू करके लोगों का खून चूसने का तानाशाह फ़रमान जारी कर दिया है। जब कि सरकार ने फरवरी महीने में कुलैकटर रेटों में विस्तार किया था।
चीमा ने कहा कि तालाबन्दी के कारण प्रदेश में अन्य कारोबारों समेत रियल अस्टेट का धंधा भी खत्म हो कर रह गया है। इस कारण दुकानदारों, व्यापारियों और उद्योगपतियों के साथ साथ प्रापर्टी का कारोबार करने वाले भी बर्बादी के किनारे पर पहुंच गए हैं। इस के साथ जिन लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई इक_ी करके अपना घर बनाने का सपना लिया था, उस सपने पर कैप्टन सरकार ने डाका मारा है। अब लोगों के लिए शहरी क्षेत्र में घर खरीदना असंभव हो गया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अगर कोरोना महामारी के दौरान कैप्टन सरकार आम लोगों और कारोबारियों को आर्थिक मदद नहीं दे सकती तो उन पर टैक्सों का बोझ दिया न जाए, बल्कि कांग्रेस सरकार मंत्रियों और संतरियों को अपने खर्च कम कर सरकारी खजाने पर रहम करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपील की है कि शहरी जायदादों की रजिस्टरियों पर लगाए जीएसटी समेत अन्य टैक्स तुरंत हटाए जाएं जिससे आम लोगों का घर बनाने का सपना पूरा हो सके।

Written By
The Punjab Wire