Close

Recent Posts

ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਪੰਜਾਬ ਰਾਜਨੀਤੀ

गुरदासपुर में अपनी साक भी नही बचा पाए अकाली दल और भाजपा जिला प्रधान, जिले में 18 सीटों की बदौलत बब्बेहाली का रुतबा कायम, गिल नही खुलवां पाए एक भी उम्मीदवार का खाता

गुरदासपुर में अपनी साक भी नही बचा पाए अकाली दल और भाजपा जिला प्रधान, जिले में 18 सीटों की बदौलत बब्बेहाली का रुतबा कायम, गिल नही खुलवां पाए एक भी उम्मीदवार का खाता
  • PublishedFebruary 17, 2021

शहरी आधार वाली भाजपा तीसरे नंबर पर रही, अकाली दल ने भाजपा को पछाड़ दूसरा स्थान किया हासिल

प्रताप सिंह बाजवा के गढ़ में सेंध लगाने में सफल रहे अकाली, भाजपा के गढ़ कादिया में नही खुला भाजपा का कोई खाता

मनन सैनी
गुरदासपुर। नगर काउंसिल के चुनावों में 29 वार्डों में चली आंधी में अकाली दल तथा भाजपा के जिला प्रधान अपनी साक तक बचाने में नाकाम रहें तथा अपने ही शहर की कई वार्डों पर तो उनके उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। वहीं माझे के जरनैल के रुप में जाने जाते कांग्रेसी राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के पैतृक शहर कादियां में अकाली दल के उम्मीदवारों ने पैठ जमा ली। परन्तु वहां के मौजूदा विधायक एवं प्रताप बाजवा के छोटे भाई फतेहजंग बाजवा हालातों को समझने में देर कर गए, जिसके चलते अब समिकर्ण बदल गए है।

आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो गुरदासपुर नगर काउंसिल के चुनावों में कुल 41,458 लोगो ने मतदान किया। जिसमें से कांग्रेस को 25 हजार 478 मत पड़े, जबकि दूसरे स्थान पर अकाली दल को 7885 मत मिले। परन्तु शहरों में वोट आधार होने के बावजूद भाजपा को मात्र 4968 मतों से ही संतुष्ट होना पड़ा। वहीं आम आदमी पार्टी ने कुल 1348 मत लिए, जबकि 825 मत आजाद उम्मीदवार तथा 558 मत बहुजन समाज पार्टी को मिले। कुल 396 लोगो ने नोटा का इस्तेमाल किया।

अगर इस आधार से देखा जाए तो भाजपा को इन चुनावों में सबसे अधिक नुक्सान हुआ है तथा ठोस उम्मीदवार न मिलने के चलते उन्होने शहरों से भी अपना जनाधार खोने का काम किया है। जबकि अकाली दल ने शहर में बढ़त हासिल की है। अकाली दल 27 वार्ड तथा भाजपा 20 वार्ड से चुनाव लड़ रही थी। वहीं दूसरी और अकाली दल की ओर 27 वार्डों से चुनाव लड़े जा रहे थे तथा शहर में उनका यह पहला ट्रायल था। परन्तु अपने पहले ट्रायल में ही भाजपा से ज्यादा मतों से बाजी मार जाना उन्हे कुछ जरुर राहत प्रदान कर सकता है। आम आदमी पार्टी की उम्मीदों पर कुछ भी खरा नही उतरा। उन्हे महज 1348 मत लेकर ही संतुष्ट होना पड़ा।

वहीं अगर भाजपा के जिला प्रधान परमिंदर सिंह गिल की अगर बात की जाए तो वह अपने जिले में भाजपा को एक भी सीट दिलाने में सफल नही हुए है। वह उन सभी हलकों से पराजित हुए है जिन्हे भाजपा का गढ़ कहा जाता था। जबकि जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली के लिए राहत की खबर है कि बटाला में अकाली दल ने छह, धारीवाल में दो, फतेहगढ़ चूडियां में एक, कादिया में 7, श्रीहरगोबिंदपुर में 2 कुल 18 सीटे हासिल करने में सफलता हासिल की है।

कादियां में सात सीटे जीत कर अकाली दल के उम्मीदवारों ने राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह भाई जिन्होने अब हलके की बागड़ोर छोटे भाई विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के हवाले सौंप दी है के लिए भी यह चिंता खड़ी कर दी है। वहां की 15  में से 6 पर कांग्रेस तथा 7 पर अकाली दल जीत गया तथा अब दोनो पार्टियों को आजाद उम्मीदार के रुप में जीते दो को सहारा है। बेशक प्रताप सिंह बाजवा ने हलके की बागड़ोर अब फतेहजंग बाजवा के सिर पर सौंप दी है। परन्तु प्रताप सिंह बाजवा कब क्या कर जाए यह कोई कुछ नही कह सकते। अगर कहा जाए कि बब्बेहाली की गांव में पकड़ अभी भी कायम है तो यह गलत नही हो सकता।

Written By
The Punjab Wire