काग्रेंस पार्टी ने आरोपों को सिरे से किया खारिज
गुरदासपुर, 15 फरवरी (मनन सैनी)। शिरोमणि अकाली दल के जिला प्रधान एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव गुरबचन सिंह बब्बेहाली ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर घटिया हथकंडे अपना कर धक्केशाही करने के आरोप लगाए है । उन्होने कई तरह के सबूत दिखाते हुए बताया कि किस तरह चुनावों में धक्केशाही की गई है। उन्होने कहा कि रंजिश के तहत अकाली दल के वर्करों पर झूठा मामला दर्ज किया गया है। जिन गाड़ियों को पुलिस ने कब्जे में लिया है उनमें से तेजधार हथियारों की बरामदी की बात भी बिलकुल झूठ है। पुलिस पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होने कहा कि अगर वह गुंडे थे तो उन्हें मौके पर पकड़ा क्यों नहीं गया।
बब्बेहाली ने कहा असलियत यह है कि अकाली वर्कर जिन गाड़ियों में बुजुर्गों और अपाहिज सर्मथकों को पोलिंग स्टेशनों पर ले कर जा रहे थे उन्ही गाड़ियों को पुलिस की ओर से कब्जे में लिया गया है। वहीं इसके उल्ट सत्ताधारी कांग्रेसी सरेआम गाड़ियों के काफिले बना कर शहर में घूमते रहे, परन्तु पुलिस की ओर से उन पर कोई कारवाई नही की गई।
बब्बेहाली ने इल्जाम लगाया कि कांग्रेस की ओर से विभिन्न पोलिंग स्टेशनों पर अकाली उम्मीदवारों को अंदर दाखिल होने से रोका गया और बहुत सारी जगह पर जाली वोट डलवाई गई। उन्होने बताया कि अकाली दल की ओर से कुछ अधिकारी जिसमें पनियाड़ का एक टीचर, बीडीपीओ विभाग का एक कलर्क, जंगलात विभाग का एक कर्मचारी, पीटी टीचर पर आपत्ति जताते हुए ड्यूटी रद्द करने की मांग की गई थी। परन्तु किसने उनकी ड्यूटी नही कटने दी तथा जाली वोट डलवाई।
उन्होने कहा कि इस संबंधी चुनाव कमिशन को पत्र लिख दिए गए है और उनकी मांग है कि अकाली दल के वर्करों पर किया गया परचा रद्द किया जाए। वहीं उक्त सभी कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाए तथा ड्यूटी न काटने वाले अधिकारी पर कारवाई की जाए। बब्बेहाली ने दावा किया कि लोगों ने इन चुनावों में अकाली दल के हक में ही फतवां दिया है और कांग्रेसी धक्केशाही के बावजूद अकाली दल इन चुनावों में शानदार जीत हासिल करेगा।
वहीं इस संबंधी जिला यूथ कांग्रेस के प्रधान बलजीत सिंह पाहड़ा ने उक्त आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अकाली दल समेत सभी अन्य पार्टियां अपनी हार को मुख्य रखते हुए ऐसे बेबुनियाद इल्जाम लगा रही है। उनका कहना था कि अकाली दल चुनावों के दिन शहर का माहौल बिगाडना चाहता था, जिसे देखते हुए पुलिस ने खुद यह कारवाई की। उन्होने कहा कि सभी दल 17 फरवरी को आने वाले चुनावों के नतीजों की नामौशी से बचने के लिए ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रही है।