तीन कृषि मंडीकरण कानूनों को रद्द करने के लिए विशेष एक दिवसीय सत्र बुलाने की मांग की
चंडीगढ़/15दिसंबर: पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र को समाप्त करने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों की शिकायतों का समाधान करने की अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। उन्होने मांग की कि किसान समुदाय की इच्छा के अनुसार तीन कानूनों को रद्द करने के लिए जल्द से जल्द एक दिवसीय सत्र बुलाया जाए।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए बठिंडा की सांसद ने कहा कि केंद्र जानता है कि यह गलत है। वह जानता है कि इसने खेती के बारे में कानून बनाया है जो एक राज्य का विषय है तथा सभी राज्यों के किसानों ने पिछले सत्र में उन तीन अधिनियमों को अस्वीकार कर दिया है। केंद्र जानता है कि यह इस मुददे पर लोगों का सामना नही कर सकता तथा यही कारण है कि इसने संसद के शीतकालीन सत्र को रद्द करने के लिए कोविड-19 महामारी का बहाना बना लिया है।
हरसिमरत कौर बादल ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि सांसदों को किसानों की आवाज उठाने के अवसर से वंचित किया गया था। किसानों को ठंड बढ़ने से बहुत ज्यादा परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं और संसद इसे उजागर करना चाहते हैं। वे किसानों द्वारा खारिज किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहते थे। कानूनों को लागू रखने का कोई ऐसा कारण नही है जो लोग नही जानते हैं।
काले कानूनों को रद्द करने के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाने के लिए सरदारनी बादल ने कहा कि यह आज की जरूरत है। ‘ एक दिवसीय विशेष सत्र के लिए पर्याप्त सुरक्षा सावधानियां बरती जा सकती हैं तथा सरकार को इसके लिए कोई बहाना नही बनाना चाहिए।
बादल ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर अड़ियल तथा हठी रवैया न अपनाने को भी कहा। उन्होने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि किसान समुदाय को टालमटोल वाले रवैये के बारेे किसान समझते हैं। यह आपको समझना चाहिए कि आपको ऐसा उपहार वापिस लेना चाहिए जिसे कोई लेना ही नही चाहता हो। उन्होने यह भी बताया कि बीस किसानों ने पहले ही अपनी जान गवां दी है तथा पूछा कि सरकार द्वारा उनकी आवाज सुनने से पहले कितने और शहीद हो जाने चाहिए।
सरदारनी बादल ने कांग्रेस पार्टी से किसानों के साथ पूरी एकजुटता दिखाने तथा दोहरे मापदंड न अपनाने को कहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र से मिलकर किसानों से अपना धरना उठाने को कह रहे थे तथा कांग्रेस के अधिकांश सांसद किसानों की पीड़ा से बेखबर थे, कांग्रेस के चार सांसद किसानों को मूर्ख बनाने के लिए दिल्ली में बैठे थे। सरदारनी बादल ने कहा, ‘ कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानों के हितों के खिलाफ काम किया है तथा यह निंदनीय है कि उसने शीतकालीन सत्र को रद्द करने के लिए सहमति जताई है।