तत्काल कारवाई- निर्धारित रेटों से ज्यादा पैसे चार्ज करने पर सिगमा स्कैन सैंटर अगले आदेशों तक पूर्ण तौर पर किया बंद, सिवल सर्जन करेगें जांच

सरकार की ओर से निर्धारित किए दो हजार रुपए से ज्यादा चार्ज कर 4500 रुपए ले रहा था सैंटर 

द पंजाब वायर की और से प्रमुख्ता से उठाया गया था अधिक पैसे लेने का मुद्दा , डीसी इश्फाक का कहना, कोई सैंटर सरकारी रेटों से ज्यादा न ले पैसे

गुरदासपुर, 17 मई (मनन सैनी)। जिले में स्कैन सैंटरों की ओर से एचआर-सीटी स्कैन चैस्ट के रेट सरकार की ओर से दो हजार रुपए निर्धारित करने के बावजूद मरीजों से ज्यादा पैसे चार्ज करने पर गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने सख्त रुख दिखाया है तथा इस संबंधी पर तत्काल कारवाई भी हुई है। बताते चले कि रविवार को ही द पंजाब वायर की ओर से जिले के कई सैंटरों पर ज्यादा पैसे लेने का मुद्दा डीसी एवं सिवल सर्जन के समक्ष उठाया गया है। मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की ओर से तत्काल कारवाई की गई है। वहीं बताते चले कि यह एक बड़े नेता से संबंधित स्कैन सैंटर है जिस पर कारवाई होने से दूसरे सैंटर के मालिक भी सकते में आ गए है और निर्धारित रेट लेने की बात कर रहे है।

सोमवार को एसडीएम गुरदासपुर की ओर से तिब्डी रोड़ पर स्थित सिगमा एमआरआई एवं स्कैन सैंटर पर अचौक चैकिंग की गई तथा पाया गया कि उक्त सैंटर सीटी स्कैन करने के 4500 रुपए चार्ज कर रहा था। जबकि सरकार की ओर से इसका रेट दो हजार रुपए निर्धारित किया गया है। इस संबंधी एसडीएम की अर्शदीप सिंह लुभाना की ओर से आदेश जारी कर उक्त सैंटर को अगले आदेशों तक पूर्ण तौर पर बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए है। इस संबंधी सिवल सर्जन को भी  हिदायत की गई है कि उक्त सैंटर की ओर से जो स्कैन किए गए है उन मरीजों की रिपोर्ट मरीजों को उपलब्ध करवाए तथा वह अपने स्तर पर भी इस सैंटर का रिकार्ड चेक करें। इस मौके पर गुरदासपुर के सिवल सर्जन डाॅ हरभजन मांडी, डिप्टी मेडिकल कमिशनर डाॅ रोमी भी मौजूद थे।

उक्त कारवाई के बाद डीसी इश्फाक ने बताया कि उनका उद्देश्य किसी भी सैंटर को बंद करना नहीं है, परन्तु लोगों की मजबूरी का अगर कोई फायदा उठाता है और सरकारी आदेशों की अवमानना करता है तो उसके खिलाफ वह सख्त रुख ही अपनाएगें।

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बताते चले कि पंजाब सरकार की ओर से 8 मार्च 2019 को सीटी एवं एचआर-सीटी स्कैन चैस्ट के रेट निर्धारित कर दिए गए थे। जिसके चसते चैस्ट स्कैन करवाने वाले मरीजों से सभी स्कैन सैंटरों को दो हजार रुपए रकम निर्धारित की गई थी। परन्तु सरकार के उन आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए जिले में कुछ स्कैन सैंटर कोविड़ और गैर कोविड़ मरीजों के नाम पर मनमाने रेट लोगों से वसूल कर रहे थे।

उक्त स्कैन से ए-टिपिकल निमोनिया मरीजों की पुष्टी होती है क्योंकि कई बार मरीजों के आरटी-पीसीआर या रैट नैगेटिव पाए जाते है परन्तु उनमें कोविड़ के सभी लक्ष्ण होते है उन्हे डाक्टरों की ओर से उन्हे चैस्ट का एचआर- सीटी करवाने के लिए कहा जाता है। सीटी स्कोर हाई होने पर उक्त मरीज को भी संदिग्ध कोविड़ की तरह ही ट्रीट किया जाता है। 

यहां यह भी बताते चले कि सिविल अस्पताल में नहीं है सीटी स्कैन की व्यवस्था गुरदासपुर के सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन उपलब्ध नहीं है। इस कारण से लोग निजी स्कैन सेंटरों में जाने को मजबूर है।

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