फर्जी पैंशनरों से रिकवरी के लिए हुआ टीम का गठन, जल्द सभी को जाएगें नोटिस

Old Age Pension

गुरदासपुर,7 अगस्त (मनन सैनी)। फर्जी पेंशनरों से रिकवरी करने के लिए जिला जिला प्रशासन द्वारा राजिंदर सिंह,जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर ली है। उक्त अधिकारी द्वारा फर्जी पेंशनरों को रिकवरी के लिए नोटिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। 

उधर जिले में 4120 फर्जी पेंशनरों से 11 करोड़ 67 लाख 37 हजार 900 रुपये की रिकवरी कर पाना प्रशासन के लिए इतना आसान नहीं रहेगा। लॉकडाउन में लोगों की हालत बहुत पतली हो चुकी है। ऐसे में रिकवरी का प्रोसेस बहुत लंबा खींचा जाने का अनुमान है, क्योंकि अधिकारी भी अच्छी तरह से जानते हैं कि फर्जी पेंशनरों से रिकवरी कर पाना बहुत मुश्किल काम है।

जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी राजिंदर सिंह के अनुसार डीसी मोहम्मद इशफाक द्वारा गठित की गई टीम की ओर से उनके नेतृत्व में फर्जी पेंशनरों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए फर्जी पेंशनरों के रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। ब्लॉक स्तर पर उनके नाम और एड्रेस की लिस्ट तैयार करवाई जा रही है। ताकि एक सरकारी नोटिस तैयार करके फर्जी पेंशनरों तक पहुंचाया जा सके। एक सप्ताह के भीतर ही फर्जी पेंशनरों को नोटिस भेज दिया जाएगा।

सियासतदानों और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ बड़ा घोटाला—-

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अकाली भाजपा सरकार के समय सियासतदानों और अधिकारियों की कथित मिलीभगत से ही पेंशन में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। जिले में 40 से 50 आयु के लोगों की उम्र बढ़ाकर उन्हें बुढ़ापा पेंशन का लाभ दिलाया गया है। आमदन के स्रोत छुपाकर झूठे सर्टिफिकेट बनवाकर पेंशन केस लगाकर पास करवाए गए हैं। सियासतदानों की शह पर अधिकारियों ने भी केसों  की बिना पड़ताल किए उन्हें योग्य करार दे दिया । यहां तक कई पेंशनरों का पते भी गलत लिखवाए गए। करोड़ों रुपए की चपत लगने के बाद पंजाब सरकार की अब आकर कहीं आंख खुली है।

भले ही फर्जी पाए के पेंशनरों को नोटिस भेजने की जिला प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही हो। लेकिन क्या जिला प्रशासन फर्जी पेंशनरों से रिकवरी कर पाएंगे। लॉकडाउन के दौरान सभी लोगों के कामकाज ठप हो गए थे। अभी भी लोगों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटे हैं। इन हालातों में क्या लोग प्रशासन को पेंशन के पैसे वापस करेंगे। जो हालात देखे जा रहे हैं । उससे तो ऐसा लग रहा है कि जिले से एक रुपया भी रिकवर कर पाना जिला प्रशासन के लिए चुनौती होगा

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