विवाद- दुकानदारों ने अब चालान काटने पर जताया ऐतराज, कहा जरुरत पड़ी तो दुकानों की चाबियां डीसी को सौंपेगें

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ड्रग इंस्पेक्टर ने चालान काटने से किया था मना, इंस्पेक्टर ने मुद्दा डीसी गुरदासपुर के समक्ष उठाया 

व्यापार मंडल के प्रधान का प्रशासन का दे रहे साथ, परन्तु मजबूरी भी समझे प्रशासन

मनन सैनी
गुरदासपुर। अभी हाल ही में अमामबाड़ा चौंक स्थित दुकानदारों की प्रशासन के साथ रेंडम सैंपलिंग न करने देने को लेकर विवाद थमा ही न था कि मंगलवार को एक अन्य विवाद ने जन्म ले लिया। नया विवाद स्वस्थ्य विभाग की ड्रग इंस्पेक्टर की ओर से चेकिंग के दौरान दुकानदारों की ओर से चालान कटवाने से मना करने पर शुरु हुआ। जिसमें ड्रग इंस्पेक्टर की ओर से पूरा मसला डीसी गुरदासपुर के ध्यान में लाने की बात कह कर चालान काटने से ही मना कर दिया गया। वहीं दुकानदार प्रमुखों का कहना है कि इससे अच्छा है कि वह अपनी दुकाने बंद कर दें तथा चाबियां डीसी गुरदासपुर को सौंप आए क्योकि कोई भी अधिकारी व्यापारी की समस्या को समझ नही रहा है।   

गौर रहे कि मंगलवार को ड्रग इस्पेक्ट चैंकिग के लिए मेन बाजार तथा बाटा चौंक में आई जहां कुछ दुकानदारों की ओर से उनके साथ बहस की गई । जिसके चलते ड्रग इंस्पेक्टर की ओर से चालान काटने से ही मना कर दिया गया। वहीं अन्य चालान काटने के लिए आए अन्य अधिकारियों का कहना था कि वह अपनी मर्जी से किसी का चालान नही काट रहे जबकि प्रशासन की ओर से उनकी ड्यूटी लगाई गई ताकि इस बिमारी को रोका जा सकें। ऐसी स्थिती में वह काम नही करेगी क्योकि पता नही कौन कब क्या कर जाए। इस संबंधी पुलिस अधिकारियों का साथ होना भी आवश्यक है।

इस संबंधी ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर का कहना था कि उनकी ड्यटी लगी थी और वह चैकिंग सोशल डिस्टैंसिंग तथा मास्क इत्यादि की चेकिंग के लिए बाटा चैंक में गई। वहां एक दुकान पर चालान काटने के उपरांत जब वह दूसरी दुकान पर पहुंची तो वहां सोशल डिस्टैंसिंग मेन टेन नही थी। जिस संबंधी उनकी ओर से फोटो ग्राफ भी खींची गई। इस संबंधी उनकी ओर से चालान भरने के लिए कहा गया। परन्तु देखते ही देखते वहां कई प्रधान एकत्र हो गए और चालान का विरोध करने लगे तथा बहस करने लगें। जबकि प्रशासन की ओर से सब लोगो की मदद करने के लिए किया जा रहा था। जिस संबंधी उनकी ओर से डीसी गुरदासपुर मोहम्मद इश्फाक को सारी बात बता दी गई है तथा उसके उपरांत वह बाजार से वापिस आ गई। 

वहीं इस संबंधी दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान पर घरवाले आए हुए थे जबकि उनकी ओर प्रशासन को बताया गया था। परन्तु प्रशासन ने हमारी बात नही सुनी जिसके चलते उनकी ओर से जुर्माना राशी अदा कर दी गई। 

वहीं व्यापार मंडल के प्रधान दर्शन महाजन ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से की जा रही सख्ती बेशक हमारे लिए ही है। परन्तु बाजार में कईयों की दुकाने छोटी है जहां सोशल डिस्टैंसिंग मेनटेन नही की जा सकती वहां भी चालान किए जा रहे है। उन्होने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह आम दुकानदारों की मजबूरी को समझे। हर दुकानदार मंदी का पहले से शिकार है। इसमें प्रशासन की ओर से कई दुकानों के चालान किए जा रहे है जिससे दुकानदारों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि इससे अच्छा है कि इससे अच्छा है कि दुकानदार अपनी दुकाने बंद कर चाबियां डीसी साहिब को सौंप दें। महाजन ने कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो वह ऐसा जरुर करेंगे और डीसी साहिब को जरुर दुकानदारों की दास्ता सुनाने के लिए मीटिंग करेंगें। 

वहीं इस संबंधी एसडीएम गुरदासपुर सकत्तर सिंह बल का कहना था कि प्रशासन का एकमात्र मकसद सोशल डिस्टैंसिंग मेनटेन करवाना है। प्रशासन कदापि सख्ती करने के हक में नही है।अगर प्रशासन सख्ती कर रही है तो इसमें लोगो की ही अपनी भलाई है। वह जल्द दुकानदारों से मीटिंग करेगें तथा इस आपदा में ​एकजुटता के साथ मिल कर लड़ने के लिए प्रेरित करेगें। 

वही एसएसपी गुरदासपुर र​जिंदर सिंह सोहल का कहना था कि उनके ध्यान में यह मामला न था। हो सकता है कि मिस कम्यूनिकेशन हुई हो, सभी चैकिंग करने वालों के साथ पुलिस को भेजा जाएगा। 

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