कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खि़लाफ़ की गई बेतुकी टिप्पणी पर सख्त ऐतराज़ ज़ाहिर किया

Capt Amrinder Singh

प्रवासी कामगारों के संकट के लिए केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकारों को जि़म्मेदार ठहराया
हर कांग्रेस वर्कर लोगों की मदद कर रहा -मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 17 मई-प्रवासी मज़दूरों की मदद के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से अपनाई जा रही मानवतावादी पहुँच की केंद्रीय वित्त मंत्री की तरफ से निंदा करने पर सख्त ऐतराज़ ज़ाहिर करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रवासियों के संकट को और गहरा बनाने और ऐसे गंभीर मुद्दे के सियासीकरन के लिए केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकारों को सीधे तौर पर जि़म्मेदार ठहराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व वाले राज्यों समेत समूची पार्टी संकट की इस घड़ी में प्रवासी कामगारों की सहायता के लिए दिन -रात काम कर रही है और उनकी अपनी सरकार 16 मई तक 178909 प्रवासियों को उनके गृह राज्योंं में भेजने के लिए 149 रेल गाडिय़ों का प्रबंध कर चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजने के लिए पंजाब में यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।

निर्मला सीतारमण की तरफ से बेतुकी टिप्पणी कि सोनिया गांधी को प्रवासी कामगारों की मदद के लिए अपने मुख्यमंत्रियों को कहना चाहिए, पर सख्त प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कांग्रेस प्रधान ने इस मुद्दे समेत लॉकडाउन और कोविड से सम्बन्धित अन्य मामलों पर पार्टी के मुख्यमंत्रियों के साथ निरंतर विचार-विमर्श किया।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने निर्मला सीतारमण की उस टिप्पणी को भी पूरी तरह बेबुनियाद और अनुचित करार दिया है जिसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि राहुल गांधी को प्रवासी मज़दूरों को मिलने के मौके पर उनके साथ ही चलना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों की सुध लेने के लिए सडक़ोंं पर उतरे राहुल गांधी पर तंज कसने की बजाय निर्मला सीतारमण को भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के साथ बात करके प्रियंका गांधी की तरफ से प्रवासियों को लाने के लिए बसों को प्रवेश करने की आज्ञा दिलानी चाहिए क्योंकि यू.पी. प्रशासन की तरफ से इन बसों को प्रवेश करने की आज्ञा न देने के कारण यह बसें दिल्ली -यू.पी. सरहद पर रुकी हुर्इं हैं।

निर्मला का टिप्पणी को बेसवादी और साफ़ तौर पर राजनीति से प्रेरित बताते कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि देश के वित्त मंत्री को ऐसा शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि हर कांग्रेसी मुख्यमंत्री, नेता और वर्कर इस सुनिश्चत करने में लगा है कि प्रवासी मज़दूरों की इस दु:ख की घड़ी में हर संभव मदद की जाये, जब केंद्र सरकार ने प्रवासी मज़दूरों को उनके ही रहमो -कर्म पर छोड़ा हुआ है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी के ही कहने पर पूरी कांग्रेसी लीडरशिप ऊपर से लेकर नीचे तक प्रवासी मज़दूरों की मदद के लिए कोशिशें कर रही है जोकि अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने घरों को जा रहे हैं।

उन्होंने निर्मला सीतारमण को याद करवाते हुये कहा कि सोनिया गांधी की तरफ से अपनी पार्टी के सभी राज्यों के इकाईयों को प्रवासी मज़दूरों की रेल टिकटों का खर्चा उठाने संबंधी कहने के बाद ही केंद्र सरकार ने टिकटों की कुल कीमत का 85 प्रतिशत ख़र्च अपने सिर लेने जबकि 15 प्रतिशत राज्यों की तरफ से वहन करने के फ़ैसले का ऐलान किया। यहाँ तक कि यह मज़ाक था कि चार्टिड रेलों की टिकटों की कीमत वसूली जा रही थी बजाय कि ए.सी. दूसरा दर्जा स्लीपर की जो कि प्रवासी मज़दूरों को मुहैया करवाया गया था। उन्होंने कहा कि इस लिए राज्य सरकार की तरफ से मज़दूरों की टिकटों की 100 प्रतिशत कीमत अदा की जा रही है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी के निर्देशों पर कई स्थानों पर कांग्रेस पार्टी के दफ़्तर मज़दूरों और गरीबों को खाना मुहैया करवाने के लिए रसोईयों में तबदील हो गए हैं जबकि पार्टी के विधायक निजी तौर पर इनके यातायात की देख -रेख कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मार्च में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगने से लेकर अब तक प्रवासी कामगारों का पूरा ख्याल रख रही है और इन कामगारों को खाना, रहने के लिए जगह मुहैया करवाने और बहुत सी मामलों में दिहाड़ी /वित्तीय सहायता मुहैया करवाने को यकीनी बनाया गया है। यही बड़ा कारण है कि कामगारों ने इन हफ़्तों के दौरान पंजाब में से जाने का तब तक यत्न नहीं किया जब तक इन प्रवासियों को अपने परिवारों के पास जाने का मौका मिला जोकि किसी भी संकाटमयी समय में कुदरती स्वभाव होता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारों वाले राज्यों के उल्ट किसी भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले राज्य के मुख्यमंत्री की तरफ से प्रवासी कामगारों को राज्य में आने या जाने से रोका नहीं गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ख़ुद इसको यकीनी बनाया है कि पंजाब में कोई भी कामगार भूखा पेट न रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में उन्होंने ख़ुद प्रधानमंत्री को 30 मार्च, 2020 को पत्र लिख कर मज़दूरों की मुश्किलों को भारत सरकार के ध्यान में लाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रवासी कामगारों के लिए ऐलाने कथित आर्थिक पैकेज से काफ़ी समय पहले ही पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के राशन कार्ड धारकों के बराबर प्रवासी कामगारों को खाने के पैक्ट मुहैया करवाने शुरू कर दिए थे।

पंजाब सरकार की तरफ से पहले ही 1 करोड़ सूखे खाद्य पदार्थ के पैक्ट और 2 करोड़ खाद्य पैक्ट गरीबों ज़्यादातर प्रवासी कामगारों के लिए पंजाब में बाँटे जा चुके हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार प्रवासी कामगारों और गरीबों की सहायता के लिए संजीदगी के साथ काम करने वालों पर हमले करने की बजाय इस संकट के समय में पार्टी स्तर से ऊपर उठ कर हर नेता और वर्कर को साथ लेकर चले जिससे देश के लोगों को ज़रूरी और अपेक्षित सहायता मुहैया करवाई जा सके।

Exit mobile version