अकाली दल ने मुख्यमंत्री से 5600 करोड़ रूपए के शराब घोटाले में चार कांग्रेसी विधायकों समेत दोषी बड़ी हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा

prem singh chandumajra

शराब घोटाले की उच्च न्यायायाल की निगरानी में जांच तथा विधानसभा कमेटी गठित करने की मांग की

पूछा कि क्या ट्विटर पर सक्रिय शराब घोटाले की जांच की मांग करने वाले कांग्रेसियों को खरीद लिया गया है

प्रोफेसर चंदूमाजरा ने सरकार के शराब के ठेकेदारों को 676 करोड़ रूपए का मुआवजा देने के निर्णय को रद्द किया तथा सवाल किया कि सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले कांग्रेसियों के ठेकों को मुआवजे की क्यों आवश्यकता है?

चंडीगढ़/17मईः शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वह 5600 करोड़ रूपए के अवैध शराब घोटाले के मामले में चार कांग्रेसी विधायकों समेत दोषी बड़ी हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई करें। पार्टी ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वह इस घोटाले के लिए जिम्मेदार शराब कारखानों के मालिकों तथा नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय एसएचओज् को निशाना बनाकर लोगों को न मूर्ख न बनाएं तथा इस घोटाले पर पर्दा डालने का प्रयास न करें।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पंजाबियों द्वारा रोष प्रकट करने के बाद मुख्यमंत्री ने नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ बड़ी देरी से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि पर इस मामले में घनौर, राजपुरा, खन्ना तथा बलाचौर के कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके 2000 करोड़ रूपए के नकली शराब के घोटाले तथा सरकारी खजाने को आबकारी आय में पड़े 3600 करोड़ रूपए के घाटे पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि हम ऐसा नही होने देंगे। उन्होने कहा कि यह समस्या एसएचओज् तथा डीजीपीज् के साथ नही, बल्कि उनकी नियुक्ति के लिए जिम्मेदार कांग्रेसी विधायकों के साथ जुड़ी है। यदि विधायकों के विरूद्ध कार्रवाई की जाती है तो सब कुछ खुलकर सामने आ जाएगा। उन्होने कहा कि हम उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के नेतृत्व में इस मामले की जांच करवाने की मांग करते हैं तथा साथ ही यह भी मांग करते हैं कि कांग्रेसी नेताओं द्वारा चलाए जा रहे नकली शराब के कारखानों तथा ठेकों की जांच के लिए एक विधानसभा कमेटी गठित की जाए।उन्होने कहा कि सरकारी खजाने को मोटा चूना लगाने वाले सभी दोषियों की पहचान करने, केस दर्ज करने तथा गिरफ्तारी करने के बाद सरकार उनके खिलाफ 5600 करोड़ रूपए की वसूली की प्रक्रिया शुरू करे तथा यह सारा पैसा वापिस सरकारी खजाने में जमा करवाए।

यह टिप्पणी करते हुए कि कांग्रेस सरकार एक बड़े भ्रष्टाचार में उलझ गई है, जिसकी तारें उपर तक जुड़ी हैं,अकाली नेता ने कहा कि सरकारी संरक्षण में सरकारी खजाने की लूट से कांग्रेसी संतुष्ट नही हैं। उन्होने कहा कि अब उन्होने यह मांग की है कि शराब के ठेकेदारों को लॉकडाउन के दौरान पड़े घाटे के लिए 676 करोड़ रूपए का मुआवजा दिया जाए। उन्होने कहा कि यहां तक कि जो कांग्रेसी नेता ट्विटर पर सक्रिय हैं तथा सरकारी खजाने को हुए घाटे की जांच करवाने की मांग कर चुके हैं, उन सभी को खरीद लिया गया लगता है क्योंकि अब वह सभी ठेकेदारों को मुआवजा देने के पक्ष में उतर आए हैं। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि ठेकेदारों की इस मांग को मानने वाला सरकार का निर्णय हैरान करने वाला है, क्योंकि यह एक तथ्य है कि कांग्रेसियों के इन शराब के ठेकों से न सिर्फ कर्फ्यू के दौरान शराब की होम डिलीवरी होती थी, बल्कि सरेआम भी ठेकों से शराब बेची जाती थी, जिस तरह बलाचौर के विधायक दर्शन लाल के भतीजे ने रोपड़ में किया था। उन्होने सवाल किया कि यदि कांग्रेसी अपनी सारी शराब काले बाजार में बेच चुके हैं तो उन्हे कौन से नुकसान का मुआवजा दिया जाना चाहिए?

कांग्रेसी विधायकों मदन लाल जलालपुर तथा हरदयाल कंबोज के निकटतम सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे नकली शराब के कारखाने संबधी ताजा खुलासे के बारे बोलते हुए अकाली नेता ने कहा कि कितनी शर्म की बात है कि अभी तक इन विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नही किया गया है। उन्होने कहा कि बड़े दुख की बात है कि मुख्यमंत्री नैतिकता की बातें कर रहा है, परंतु उन विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रहा है, जो न सिर्फ सरकारी खजाने को लूट रहे हैं, बल्कि उसके अपने जिले में नकली शराब सप्लाई कर लोगों को जहर पिला रहे हैं। उन्होने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके इस 5600 करोड़ रूपए के शराब घोटाले पर पर्दा डालने की नीति जारी रखी तो आने वाले दिनों में स्थिति बद से बदतर हो जाएगी तथा पंजाब में जंगल राज का बोलबाला हो जाएगा।

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