डेमोक्रेटिक मुलाजिम फेडरेशन ने लिया अफसरशाही की ओर से तंग परेशान करने का कड़ा नोटिस

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बात सुनने की बजाए विभागीय नोटिस भेजकर धमकाए जाने का लगाया आरोप

गुरदासपुर। डेमोक्रेटिक मुलाजिम फेडरेशन ने पंजाब सरकार द्वारा सेहत विभाग में एनएचएम के अधीन 14-14 वर्षों से ठेके पर काम कर रही फीमेल हेल्थ वर्करों व अन्य पेरा मेडिकल स्टाफ की अफसरशाही द्वारा गैर वाजिब जवाब तलबी करके उन्हें तंग परेशान करने का कड़ा नोटिस लिया है और सेहत कर्मियों को जरुरी सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की है।

 प्रदेशाध्यक्ष भुपिंदर सिंह वड़ैच व महासचिव जर्मनजीत सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से जूझ रहे सेहत कर्मी जरुरी सुविधाओं की कमी के बावजूद भी बहादुरी से अपने कार्यों में जुटे हुए है। जबकि पंजाब व केंद्र सरकारों ने मिल जुलकर सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने की बजाए हेल्थ सेवाओं पर खर्चे जाने वाले बजट को साजिशी अंदाज में घटा दिया है। 

जिसका प्रमाण है कि सेहत कर्मियों के पास जरुरी पीपीई किटें, मास्क, गलवज व अन्य सामान का न होना है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से अपनी सुरक्षा के लिए सरकार से सेफ्टी किटों की मांग करने वाले सेहत कर्मियों की बात सुनने की बजाए विभागीय नोटिस भेजकर धमकाया जा रहा है। इस दौरान नेता हरजिंदर सिंह, उपकार सिंह, अमरजीत सिंह, निर्मल सिंह, राजविंदर कौर, बलविंदर कौर, हरदेव सिंह, गुरदियाल चंद व रुप सिंह आदि ने मांग की कि एनएचएम के अधीन मौत के मूंह में कंट्रेक्ट पर काम कर रही फीमेल हेल्थ वर्करों, स्टाफ नर्सों व समूह पेरा मेडिकल स्टाफ को पक्का किया जाए, आशा वर्करों व फेसिलटेटों को कम से कम दिहाड़ी कानून के तहत पूरा वेतन दिया जाए।

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