प्रदेश में ठेके खोलने की अनुमति मांगना कैप्टन का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण फैसला : अश्वनी शर्मा

ASHWANI SHARMA

पठानकोट: 22 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पत्र लिखकर पंजाब में शराब के ठेके खोलने की अनुमति मांगे जाने पर कटाक्ष करते हुए कहाकि एक तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदेश में नशा खत्म करने की बात कहते हैं और दूसरी तरफ ख़ुद शराब के ठेके खोलने की मांग करते हैं यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

शर्मा ने कहा कि अगर कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी द्वारा छेड़ी गई लड़ाई के चलते पूरे देश में लॉकडाउन व् कर्फ्यू के कारण शराब के ठेके बंद पड़े हैं तो नशे पर भी काफी हद तक अंकुश लग रहा है । शर्मा ने कैप्टन से सवाल किया कि प्रदेश में कर्फ्यू के चलते अगर ठेके बंद हैं तो उन्हें खुलवा कर क्यूँ प्रदेश में नशे को दोबारा क्यूँ बढ़ावा दिया जा रहा है ?

अश्वनी शर्मा ने कहाकि मुख्यमंत्री को शराब के ठेकों को खोलने की चिंता पड़ी है, जनता के लिए  केंद्र की मोदी सरकार द्वारा भेजे गए राशन को हर घर तक प्रशासन की मदद से पहुँचाने की कोई फ़िक्र है ? शर्मा ने कहाकि प्रदेश सरकार द्वारा जो राशन बांटा भी जा रहा है वो भी प्रशासनिक अधिकारी अपने आकाओं व् कांग्रेसी नेताओं को खुश करने के चक्कर में पक्षपात करते हुए उनके चहेतों व् कांग्रेसी वोटरों में ही बाँट रहे हैं ।

 अश्वनी शर्मा ने कहाकि मुख्यमंत्री कैप्टन शराब से मिले टैक्स के द्वारा राज्य की आमदनी बढ़ाने की बात कर रहे हैं । शर्मा ने सवाल किया कि क्या प्रदेश सरकार का सारा खर्च शराब के ठेकों से होने वाले आमदनी से ही चलता है ? शर्मा ने पूछा कि क्या शराब के ठेकेदारों द्वारा सरकार को कोरोना सेस देने का कहे जाने से शराब के ठेके खोलने की अनुमति मुख्यमंत्री द्वारा माँगना क्या दर्शाता है ? शर्मा ने कहाकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर पहले भी माफिया के अधीन सरकार चलये जाने के आरोप लगते रहे हैं और अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा शराब के ठेके खोलने की अनुमती मांगे जाना इस बात को सहित साबित करना दर्शाता है कि प्रदेश सरकार माफिया अधीन काम कर रही है ।

अश्वनी शर्मा ने कहाकि अगर शराब के ठेके खोलने हैं तो फिर कफ्र्यू लगाने और लाकडाउन में रहने की क्या जरूरत है? शर्मा ने कहा कि सरकार ने अगर कोई छूट देनी ही है रेहड़ी-छाबड़ी वाले, सड़कों के किनारे सामान बेचने वाले, ठेले-रिक्शा और आटो वालों को देबी चाहिए, लेकिन उनकी रोटी-रोजी का सरकार को कोई फिक्र नहीं है। शर्मा ने कहाकि शराब के ठेके खोलकर सरकार यह चाहती है कि पियक्कड़ों की भीड़ लगी रहे और कोरोना को फैलने में मदद मिल सके । 

शर्मा ने कहाकि शराब पीकर यह शराबी जहाँ अपने घरों में हिंसा का वातावरण बनायेंगे वहीँ आस-पड़ोस या गली-मोहल्ले वालों को भी परेशां करेंगे । शर्मा ने कैप्टन से सवाल किया कि क्या सरकार यह नहीं जानती कि बहुत बड़ी संख्या में गरीब, मजदूर शराब पीते हैं । वे सब शराब पीकर अपने परिवारों का वातावरण को नर्क जैसा बना देंगे ।

वैसे अमरिंदर सिंह जानते ही होंगे कि पंजाब में हर तरह का नशा इन दिनों भी बिक रहा है । शर्मा ने कहाकि इस लॉकडाउन में भी प्रदेश के पियक्कड़ों के घर में शराब की सप्लाई हो रही है । शर्मा ने कहाकि अच्छा तो यह है कि पंजाब सरकार अगर सचमुच कोरोना को हराना चाहती है और प्रदेश से नशा खत्म करना चाहती है तो कर्फ्यू हटने के बाद भी शराब के ठेके लंबे समय तक बंद रखें ।

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