अकाली-भाजपा ने मुख्यमंत्री को रंधावा की बर्खास्तगी की सिफारिश करने का निर्देश देने के लिए राज्यपाल से अपील

राज्यपाल से गैंगस्टर-मंत्री गठजोड़ की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का अनुरोध किया

राज्यपाल से आग्रह किया कि वह पंजाब में कानून और व्यवस्था मुकम्मल तौर पर तहस् नहस् होने संबधी रिर्पोट गृहमंत्रालय को भेजें

चंडीगढ़/03दिसंबर। शिरोमणी अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से अनुरोध किया है कि जेलों में गैंगस्टरों को मनमर्जी करने की छूट देकर राज्य में अराजकता का माहौल पैदा करने के लिए वह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जेलमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को बर्खास्त करने की सिफारिश करने का निर्देश दें। इसके अलावा दोनों पार्टियों ने जेलमंत्री पर पूर्व अकाली सरपंच दलबीर सिंह ढ़िल्वां का कत्ल करवाने वाले कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को संरक्षण देने का दोष लगाया है।

अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल तथा पूर्व भाजपा अध्यक्ष विजय सांपला के नेतृत्व में अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमडल ने राज्यपाल को गैंगस्टर से संबधित अपराधों के बढ़ रहे मामलों से अवगत करवाया तथा कहा कि यह सब जेलमंत्री के संरक्षण में हो रहा है, जिसने गैंगस्टरों को जेल में बैठकर आपराधिक कार्रवाईयां करने की छूट दी हुई है। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से गैंगस्टर-मंत्री गठजोड़ की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का अनुरोध किया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से यह अनुरोध किया कि वह पंजाब में कानून और व्यवस्था के मुकम्मल पतन संबधी रिर्पोट गृहमंत्रालय को भेजें तथा दलबीर ढ़िल्वां के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएं।

 प्रतिनिधिमंडल के साथ दलबीर ढ़िल्वां का परिवार भी राज्यपाल से मिला, जिसका गत 18 नवंबर को कत्ल कर दिया गया था। पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि उन्हे इंसाफ नही मिल रहा है, क्योंकि पुलिस ने अभी तक उनके बयान दर्ज नही किए हैं। पारिवारिक सदस्यों में शामिल दलबीर के बेटे तथा नव विवाहिता बेटी ने राज्यपाल को बताया कि किस तरह सुखजिंदर रंधावा उन्हे यह कहकर चुप रहने के लिए धमका रहा है कि उनके पिता का कत्ल एक मामूली घटना थी।

इस अवसर पर बोलते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने राज्यपाल को बताया कि गैेंगस्टरों ने राज्य भर में कब्जा कर लिया लगता है। उन्होने राज्यपाल को नामी बदमाश जग्गू भगवानपुरिया द्वारा जेल में जन्मदिन मनाने की वीडियो दिखाई। उन्होने कहा कि गैंगस्टरों के हौसले इतने खुल चुके हैं कि जब पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने गैंगस्टर-मंत्री गठजोड़ का पर्दाफाश किया तो गैंगस्टरों ने पूर्व मंत्री को सरेआम धमकियां दी थी।

इस मामले में पुलिस की भूमिका पर बात करते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस भी किसी दबाव में है। उन्होने कहा कि पुलिस ने पीड़ित परिवार का बयान तक दर्ज नही किया। उन्होने कहा कि बाद में जब अकाली विधायकों ने गैंगस्टरों द्वारा सरदार मजीठिया को धमकाने की घटना राज्य के डीजीपी के ध्यान में लाए तो वहां भी कोई कार्यवाही होती नजर नही आई। उन्होने कहा कि उसके दो घंटो के बाद ही आईजी कुंवर विजय प्रताप ने मीडिया में जाकर जग्गू भगवानपुरिया को क्लीन चिट दे दी तथा कहा कि वह सरदार मजीठिया को धमकी नही दे सकता। उन्होने कहा कि एक गैंगस्टर का पक्ष लेने जैसी अव्यवसायिक हरकत के लिए आईजी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त किया जाए। वह यह बात भी राज्यपाल के ध्यान में लेकर आए कि आईजी जेलमंत्री का  घनिष्ठ दोस्त है।

अकाली दल अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया कि गैंगस्टरों द्वारा जेल में बैठकर अपने विरोधियों को समाप्त करने की घटनाएं बार बार हो रही हैं तथा ऐसी घटनाओं का श्रेय भी लिया जा रहा है, जिस तरह कि मलेरकोटला तथा मलोट में हाल ही में हुए कत्लों के दौरान हुआ है।

इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता विजय सांपला ने कहा कि सभ्य समाज में डर तथा दहशत का माहौल है, क्योंकि प्रमुख कारोबारियों को फिरौती देने के लिए धमकाया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस अराजकता को रोकने के लिए कोशिश नही हो रही है, इसके विपरित  हाल यह है गैंगस्टर जेलों मे बैठकर आपराधिक कार्रवाईयां कर रहे हैं।

पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया  ने दिखाया कि भगवानपुरिया तथा उसके साथियों द्वारा अकाली नेता को सोशल मीडिया पर किस तरह धमकाया गया था। उन्होने यह भी खुलासा किया कि भगवानपुरिया कबड्डी खिलाड़ियों को धमकाकर 1000 करोड़ रूपए का कबड्डी रैकेट चला रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, परमिंदर सिंह ढ़ींडसा, बीबी जागीर कौर, गुलजार सिंह रणीके, सुरजीत सिंह रखड़ा, बलदेव सिंह मान, लखबीर सिंह लोधीनंगल तथा मरहूम दलबीर सिंह ढ़िल्वां परिवार से बेटा संदीप सिंह , बेटी बीबी नवनीत कौर  तथा भाई बलविंदर सिंह शामिल थे। इसके अलावा भाजपा से तीक्षण सूद, अश्वनी कुमार शर्मा, दिनेश कुमार बब्बू तथा अरूण नारंग शामिल थे।

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