कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड -19 की स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को जी.एस.टी. मुआवज़े के 2088 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की अपील की

captain amrinder singh

Ex CM Punjab Capt Amarinder Singh talking with media persons at Press Club in Chandigarh on Friday, July 29 2016. Express photo by Jasbir Malhi *** Local Caption *** Ex CM Punjab Capt Amarinder Singh talking with media persons at Press Club in Chandigarh on Friday, July 29 2016. Express photo by Jasbir Malhi

कमर्शियल बैंक के औद्योगिक और कृषि /फ़सलीय कजऱ्े की किश्तों मुलतवी करने और पुलिस और सैनटरी कर्मियों के लिए विशेष बीमे की माँग की

चंडीगढ़, 28 मार्च: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री को राज्य में कोविड -19 के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए तुरंत दख़ल देने की माँग की जिसमें पंजाब का 31 मार्च, 2020 तक जी.एस.टी. मुआवज़े का 2088 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने के लिए अपील की। इसके अलावा कमर्शियल बैंकों के औद्योगिक और कृषि /फ़सलीय कर्ज़ की किश्तें भी मुलतवी करने की माँग की।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने फ़ोन पर बातचीत करने के बाद लिखे पत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से माँग की कि कोविड -19 की महामारी के कारण पैदा हुए संकट से निपटने के लिए कुछ और ज़रूरी कदम उठाए जाएँ। केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री को फ़ोन करके बातचीत की थी जिसके बाद उन्होंने विस्तृत पत्र भेजा जिसमें राज्य में पैदा हुए संकट के दौरान मदद के लिए अति ज़रूरी प्रस्तावों की सूची शामिल की गई।

मुख्यमंत्री ने श्रीमती सीतारमण को बताया कि बैंक खोलने के लिए उन्होंने राज्य के वित्त विभाग को आम आदमी को बैंकिंग ज़रूरतें पूरी करने के लिए ज़रूरी दिशा निर्देश जारी करने को कहा है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव दिया कि पंजाब के जी.एस.टी. मुआवज़े की बकाया पड़ी राशि बाकी राज्यों के साथ जारी कर दी जाये।

अपने पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे प्रस्ताव रखा कि केंद्र को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया को कहना चाहिए कि सभी राज्यों को प्राप्तियों में कमी आने के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए ठोस ढंग पहले ही बनाने चाहिएं। उन्होंने सुझाव भी दिया कि भारत सरकार एफ.आर.बी.एम. एक्ट के अंतर्गत राज्यों की उधार लेने की हद 3 प्रतिशत से बढ़ा कर 4 प्रतिशत कर देनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी माँग की कि कमर्शियल बैंक कृषि /फ़सलीय कजऱ्े की किश्तों भी मुलतवी कर देें जिस तरह पंजाब सरकार ने पहले ही राज्य के सहकारी बैंकों की तरफ से किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार के सहकारी बैंकों द्वारा पहलकदमी की तजऱ् पर कमर्शियल बैंकों को भी कृषि /फ़सलीय कजऱ्े पर तीन महीने का ब्याज माफ कर देना चाहिए।

केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा स्वास्थ्य कामगारों के लिए विशेष बीमे के पहले ही किये ऐलान का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने सैनटरी वर्करों और पुलिस मुलाजिमों के लिए इसी राह पर एकमुश्त विशेष बीमे की माँग की क्योंकि यह लोग भी कोविड -19 के विरुद्ध जंग में अगली कतार में होकर लड़ रहे हैं। उन्होंने कोविड -19 के विरुद्ध लड़ाई लडऩे के लिए सेहत के बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों के लिए 300 करोड़ रुपए के अनुदान देने की भी माँग की।

मगनरेगा के अंतर्गत कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने तालाबन्दी के मद्देनजऱ ग्रामीण लोगों की मुश्किलों घटाने के लिए 90:10 के अनुपात के हिसाब से तीन महीने के लिए प्रति महीना 15 दिन बेरोजगार भत्ते की अदायगी का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा उन्होंने मज़दूरों के मेहनताने की अदायगी के लिए छोटे और सीमांत किसानों को भी मनरेगा के अंतर्गत 10 दिन का भत्ता देने का सुझाव दिया।

राज्य सरकार की तरफ से गेहूँ की कटाई में देरी होने के बारे पहले ही किये ऐलान का हवाला देते हृुये मुख्यमंत्री ने गेहूँ की देरी से खरीद के लिए किसानों को बोनस देने के लिए कहा जिससे सामाजिक दूरी को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ मंडियों में भीड़-भाड़ को रोका जा सके।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुझाव दिया कि सम्बन्धित मंत्रालयों को कहा जा सकता है कि अलग-अलग केंद्रीय स्पांसर स्कीम के अंतर्गत राज्यों द्वारा खर्च किए संबंधी व्यावहारिक नज़रिया रखा जाये और भारत सरकार की तरफ से ऐलानी गई स्थिति के मद्देनजऱ अगले साल फंड में किसी तरह की कटौती करने से बचा जाये।

एक अन्य सुझाव में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्पांसर स्कीम के अंतर्गत 25 प्रतिशत फंड के हिस्से को दोगुना करने का प्रस्ताव रखा जिनको राज्यों की तरफ केंद्रीय वित्त मंत्रालय के 6 सितम्बर, 2016 के कदमों के मुताबिक कुदरती आपदों की सूरत में दु:ख-तकलीफ़ें घटाने और बहाली के यत्नों समेत विशेष ज़रूरतों के लिए फ्लेक्सी फंड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह 25 प्रतिशत फ्लेक्सी फंडों के हिस्से को 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है और साल 2020 -21 में एक बार के उपाय के तौर पर भारत सरकार की तरफ से पूरे फंड (100 प्रतिशत) भी दिए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को राष्ट्रीय हित में इन प्रस्तावों पर गौर करने की अपील की जिससे इस अप्रत्याशित और असाधारण संकट से निपटने में मदद हो सके।

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