कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सरपंचों के बाद शहरी स्थानीय इकाईयों को शहरी गरीबों, दिहाड़ीदारों और मज़दूरों की मदद के लिए फंड बरतने के लिए अधिकृत किया

Captain amrinder

Newly-elected Amritsar MP Capt Amarinder Singh in Sector 10 of Chandigarh on Monday, May 26 2014. Express photo by Sumit Malhotra

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के कारण लगाए गए कफ्र्यू के दौरान नगर निगमों और म्युंनिसीपैलीटियों को गौशालाओं के लिए चारे का प्रयोग करने के लिए भी म्युंनिसीपल फंड को बरतने की आज्ञा दी

चंडीगढ़, 28 मार्च: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गाँवों में ज़रूरतमंदों की मदद के लिए सरपंचों को पंचायती फंड बरतने के लिए अधिकृत करने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य की समूह शहरी स्थानीय इकाईयों को भी शहरी गरीबों, दिहाड़ीदारों और मज़दूरों की मदद और गौशालाओं के लिए चारे के प्रयोग के लिए म्युंनिसीपल फंड बरतने के लिए अधिकृत किया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने यह खुलासा करते हुए बताया कि इस सम्बन्धी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा सभी नगर-निगमों, नगर-कौंसिलों /पंचायतों को विस्तार में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिससे कोविड-19 के मद्देनजऱ लगाए कफ्र्यू के कारण शहरी गरीबों को हो रही कठिनाई में उनकी अपेक्षित मदद की जा सके। इन खर्चों को मौजूदा संकट के मद्देनजऱ फिट्ट चार्ज करार देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्थानीय निकाय विभाग को आदेश दिए हैं कि वह पंजाब म्युंनिसीपल निगम एक्ट 1976 और पंजाब म्युंनिसीपल एक्ट 1911 सम्बन्धी धाराओं के अंतर्गत फंंडों का प्रयोग करें।

लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में बड़ी जनसंख्या के होने के कारण इन तीनों ही शहरों की नगर-निगमों को रोज़ाना एक लाख रुपए और कफ्र्यू /तालाबन्दी के समय के दौरान कुल अधिक से अधिक 20 लाख रुपए ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया है। राज्य की बाकी नगर-निगमों को रोज़ाना 50,000 रुपए और इस समय के दौरान कुल अधिक से अधिक 10 लाख रुपए ख़र्च करने की आज्ञा दी है। इस तरह नगर कौंसिलों (ए-क्लास) को रोज़ाना 25,000 रुपए और कफ्र्यू /तालाबन्दी के समय के दौरान अधिक से अधिक कुल पाँच लाख रुपए ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया है। नगर-कौंसिलों (क्लास बी और सी)/नगर पंचायतों सम्बन्धी रोज़ाना 15,000 रुपए इसी तरह इस समय के दौरान के अधिक से अधिक कुल ढाई लाख रुपए ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया है।

बीते दिन मुख्यमंत्री ने गरीबों और ज़रूरतमंदों को आपदा राहत देने के लिए सरपंचों को पंचायती फंड बरतने के लिए अधिकृत किया था। सरपंचों को पंचायत फंड में से रोज़ाना 5000 रुपए ख़र्च करने का अधिकार दिया गया है और वह अधिक से अधिक कुल 50 हज़ार रुपए तक ख़र्च कर सकते हैं। इसके अलावा सरपंचों को सम्बन्धित गाँव में मैडीकल एमरजैंसी के हालात में रात 7 बजे से प्रात:काल 6 बजे तक पास या पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया जिससे जरूरतमंद व्यक्ति डॉक्टर के पास या अस्पताल जाकर अपना इलाज करवा सकें।

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