केंद्रीय इलेक्ट्रोनिक्स और आई.टी. मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को कोरोना वायरस सम्बन्धी झूठी खबरें /गलत सूचनाओं पर रोक लगाने के लिए कहा

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सार्वजनिक हितों के लिए कोविड -19 से सम्बन्धित सही जानकारी के प्रसार के लिए एडवाइजरी जारी

चंडीगढ़, 23 मार्च: एक एडवाइजरी जारी करते हुये केंद्रीय इलैक्ट्रॉनिकस और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ने आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को कोरोना वायरस (कोविड -19) संबंधी झूठी खबरें /गलत जानकारी पर रोक लगाने की अपील की। यह प्लेटफार्म लाजि़मी तौर पर अपने प्रयोक्ताओं को सार्वजनिक सिस्टम को खऱाब करने और किसी भी तरह की गैर-कानूनी जानकारी को प्रदर्शित, होस्ट, अपलोड, सुधारने, प्रकाशित, प्रसारण, अपडेट या सांझा न करने सम्बन्धी सूचित करेंगे।

मंत्रालय ने मध्यस्थों को जहाँ तक हो सके कोरोना वायरस से जुड़ी प्रामाणिक जानकारी के प्रसार को उत्साहित करने और साथ ही प्रयोक्ताओं को कोविड -19 से सम्बन्धित ऐसी झूठी ख़बरें /गलत जानकारी, जिससे लोगों में दहशत पैदा हो और सामाजिक शांति भंग हो, को अपलोड /प्रसारित न करने संबंधी अपने प्लेटफार्मों पर जागरूकता मुहिम की शुरूआत करने के लिए कहा। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सार्वजनिक हितों के लिए पहल के आधार पर अपने प्लेटफार्मों पर पाई गई ऐसी सामग्री को हटाने के लिए तुरंत कार्यवाही करने की हिदायत की गई है।

सरकारी प्रवक्ता ने आगे बताया कि दी गई अडवाईजऱी के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप एक विश्वव्यापी चिंता बन गयी थी, जिसको विश्व सेहत संगठन ने विश्व सेहत संकट घोषित किया है। हालाँकि, रिपोर्टों के अनुसार गलत जानकारी / गलत खबरों का प्रसार करने और कोविड -19 से जुड़े अज्ञात डेटा को अलग -अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में सांझा करने का रुझान है जिससे लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो रहा है।

सूचना टेक्नोलोजी एक्ट, 2000 की धारा 2(1) (डब्ल्यू) के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफार्म मध्यस्थ होते हैं और सूचना प्रौद्यौगिकी एक्ट की धारा 79 के अंतर्गत नोटीफायी किये सूचना और प्रौद्यौगिकी (इंटरमीडियरी गाईडलाईनज़) नियम 2011 में पारिभाषित किये नियमों की पालना करने के लिए वचनबद्ध होते हैं।

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