सी.बी.आई. द्वारा बरगाड़ी केस में जांच को लम्बित कर इंसाफ को पटरी से उतारने की कोशिश-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

कैप्टन अमरेन्दर सिंह

केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा अकालियों के इशारे पर रीव्यू पटीशन दायर करने से अकालियों का सम्मिलन सिद्ध हुआ

चंडीगढ़, 6 मार्च:बरगाड़ी बेअदबी केस में सी.बी.आई द्वारा रीव्यू पटीशन दायर करने पर सख्त प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज केंद्रीय जांच एजेंसी पर केंद्र सरकार में हिस्सेदार शिरोमणि अकाली दल के इशारे पर न्याय के राह पर अड़चनें बिछाने की कोशिशें करने के दोष लगाए हैं।

मुख्यमंत्री ने पटीशन दायर करने के कदम को केस लटकाने की चाल बताया जिसका उद्देश्य बरगाड़ी केस की जांच में रुकावटें पैदा करना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अगस्त, 2018 में विधानसभा में एक प्रस्ताव के द्वारा इस केस की जांच पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) को सौंपने का फ़ैसला किया था।मुख्यमंत्री ने न्याय व्यवस्था में पूर्ण भरोसा ज़ाहिर करते हुए कहा कि उनको विश्वास है कि इस केस में अदालतें हर हाल में कानून को कायम रखेंगी और पीडि़तों को इंसाफ देंगी।

सी.बी.आई. ने एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में स्पैशल जुडिशियल मैजिस्ट्रेट को बीती 20 फरवरी को आए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर रीव्यू पटीशन दायर करने संबंधी सूचना दी है। जि़क्रयोग्य है कि सर्वोच्च अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसी की स्पैशल लीव पटीशन को देरी के आधार पर रद्द कर दिया था जबकि कानून का सवाल खुला छोड़ दिया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि रीव्यू पटीशन दायर करने संबंधी सी.बी.आई. का फ़ैसला न सिफऱ् जांच लटकाने की भद्दी कोशिश है बल्कि इस घटना में अकालियों के सम्मिलन की स्पष्ट पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने साल 2015 में पंजाब को हिला कर रख दिया था।

उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. की मौजूदा कार्यवाही से इस समूचे मामले में अकालियों के सम्मिलन साफ़ तौर पर सिद्ध होती है।इस मामले में अकाली-भाजपा सरकार द्वारा नवंबर, 2015 में तीन केस सी.बी.आई. को सौंपने का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि इन सालों के दौरान केंद्रीय एजेंसी जांच को किसी निष्कर्ष पर लाने में नाकाम रही है और यहाँ तक कि मामले की सुनवाई के मौके पर अदालत द्वारा भी इसका नोटिस लिया गया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.बी.आई. द्वारा सबसे पहले क्लोजऱ रिपोर्ट दायर करनी, फिर राज्य सरकार को इसकी कॉपी देने से इन्कार करना और उसके दो महीनों बाद इस पर यू टर्न लेने का नाटक अकालियों के कहने पर रचा गया है जो इस मामले में सच को बाहर नहीं आने देना चाहते।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब के लोग सच जानना चाहते हैं और इन्साफ मांगते हैं जिस कारण लोग उस समय तक चुप होकर नहीं बैठेंगे, जब तक न्याय नहीं मिल जाता। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अदालतों में केंद्रीय जांच एजेंसी के विरुद्ध डट कर लड़ाई लडऩे का प्रण किया जिससे इस केस में जांच को कानूनी निष्कर्ष तक पहुँचाने को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे घटिया हत्थकंडे अपनाकर अकाली कुछ समय के लिए तो जांच को टाल सकते हैं परन्तु हमेशा के लिए न्याय से बच नहीं सकते।

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