केंद्रीय गृह मंत्रालय लायसेंस पर तीन की बजाए एक हथियार रखने संबंधी प्रस्ताव दोबारा विचारे -कैप्टन

Captain amrinder

Newly-elected Amritsar MP Capt Amarinder Singh in Sector 10 of Chandigarh on Monday, May 26 2014. Express photo by Sumit Malhotra

प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री कैप्टन ने लिखा पत्र।

चंडीगढ़, 29 नवंबर। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को संवेदनशील राज्य और इसके अशांत इतिहास को मद्देनजऱ रखते हुए पंजाब में हथियार लायसेंस पर जायज़ तौर पर तीन हथियार रखने की संख्या घटाकर एक न किये जाने की अपील की है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आर्मज़ एक्ट -1959 में संशोधन करने सम्बन्धी केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रस्ताव की जाँच-पड़ताल करने के लिए कहा है । क्योंकि इससे हथियारों की संख्या तीन से कम होकर एक रह जायेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कुछ राज्य एक लायसेंस पर रखे जा सकने वाले हथियारों की संख्या घटाने के इच्छुक हैं तो इन राज्यों को इसकी इजाज़त दी जा सकती है परन्तु इससे बाकी राज्यों के प्रति कोई पक्षपात न किया जाये।

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में करतारपुर गलियारा खुलने के मौके पर प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के दौरान उनके साथ निजी तौर पर यह मुद्दा उठाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार प्रस्तावित संशोधनों में से ज्य़ादातर संशोधनों के साथ सहमत है परन्तु एक लायसेंस पर हथियारों की संख्या तीन से घटाकर एक करने सम्बन्धी राज्य आशंकित है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते और लम्बा समय आतंकवाद की हिंसा का संताप झेलने के कारण बड़ी संख्या में लोगों के पास एक से अधिक हथियार हैं और इसी तरह जो किसान गाँवों से बाहर अपने खेतों में घर बनाकर रहते हैं, उनके पास भी फसलों की चौकीदारी के लिए हथियार हैं। इस कारण उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि यह भी महत्वपूर्ण पक्ष है कि लाईसेंसी हथियारों के प्रयोग से अपराध भी बहुत कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों को अपने स्तर पर भी स्वतंत्र ढंग से जाँचा जा सकता है क्योंकि यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह भी मानना है कि एक लायसेंस पर हथियारों की संख्या तीन से घटाकर एक करने की रोक से अपराध को काबू करने में बहुत मदद नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि इसके विपरित बड़ी संख्या में लोगों को अपने हथियारों का समर्पण करने की असुविधा होगी और किसान भाईचारा भी फसलों की चौकीदारी के लिए हथियारों से वंचित रह जायेगा।

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