कांग्रेस ने प्रकाश सिंह बादल के सीएए संबंधी देरी से नींद खुलने पर चुटकी ली

Sukhjinder Randhawa

यदि अकाली दल समूचा विरोध दर्ज करवाना चाहता है तो हरसिमरत से इस्तीफ़ा दिलाएं- रंधावा 

चंडीगढ़, 16 फऱवरी: पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के पैटर्न प्रकाश सिंह बादल द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बुरे प्रभावों पर देरी से नींद खुलने पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुये इसको अकाली दल का दोगला किरदार बताया है।

 सीनियर कांग्रेसी नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहाँ जारी प्रैस बयान में कहा कि यह हैरानी की बात है कि अकाली दल ने पहले सरेआम संसद के दोनों सदनों में सीएए के हक में वोट डाली और अब बड़े बादल यह कोलाहल डाल रहे हैं कि नागरिकता लेने का हक सभी धर्मों के लोगों को मिलना चाहिए।

कांग्रेसी नेता ने कहा कि यह बादलों की देरी से आई जागरूकता नहीं है क्योंकि यह तो उनमें बहुत देर से ही मर गई है बल्कि यह वास्तव में सुविधा के लिए दिया बयान है जब उनकी पार्टी को भाजपा ने पूरी तरह अनदेखा करते हुये दिल्ली विधान सभा चुनाव में आईना दिखा दिया। अब बादलों ने भाजपा का अपने तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए सीएए का सहारा लिया है।

स. रंधावा ने प्रकाश सिंह बादल को चुनौती देते हुये कहा कि अगर वह और उनकी पार्टी सचमुच गंभीर है और सीएए जैसे विभाजनकारी कानून पर विरोध दर्ज करवाना चाहते हैं तो पहले अपनी बहू (हरसिमरत बादल) से केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफ़ा दिलाओ। उन्होंने कहा कि सत्ता के भूखे बादल परिवार के पास अगर इस्तीफ़ा नहीं दिलाया जाता तो फिर सीएए की असंवैधानिक प्रकृति पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विरोध पत्र ही लिख दें ।

उन्होंने कहा कि अगर आप इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं ज़ाहिर करोगे तो समझा जायेगा कि आप ऐसे बयान सिफऱ् भाजपा के साथ राजनैतिक सौदेबाज़ी के लिए दे रहे हो। स. रंधावा ने कहा कि बादलों ने सीएए पर अपना स्टैंड समय-समय पर स्थितियों को देखते हुये बदला है। जब उनको अनुकूल लगा तो संसद में सीएए के हक में वोटेंं डाल दीं और फिर जब इसका विरोध करना सही लगा तो दबी आवाज़ में विरोध शुरू कर दिया।

उन्होंने अकाली नेताओं को सलाह दी कि वह भारतीय लोकतंत्र की धर्म निष्पक्ष विचारधारा की हिमायत में ऐसे संवदेनशील मुद्दे पर स्टैंड पक्का करें और इसके विरोध में मज़बूत कदम उठाएं। 

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